मंगल दोष निवारण की 5 जड़ी बूटियां

Webdunia
जिस जातक की जन्म कुंडली, लग्न/चंद्र कुंडली आदि में मंगल ग्रह, लग्न से लग्न में (प्रथम), चतुर्थ, सप्तम, अष्टम तथा द्वादश भावों में से कहीं भी स्थित हो, तो उसे मांगलिक कहते हैं। मांगलिक दोष के कई उपाय बताए जाते हैं उन्हीं में से एक है जड़ी बूटियों से इस दोष का निवारण। आओ जानते हैं इस संबंध में संक्षिप्त जानकारी।
 

 
1. मौद्गल्य:- इसे उदाल भी कहते हैं। कहते हैं कि सर्वप्रथम मुद्गल ऋषि अपनी पालिता पुत्री विभावरी की शादी मात्र इसलिए कर सकने में असमर्थ थे क्योंकि उनकी पुत्री की कुंडली के पहले भाव में मंगल- कर्क राशि का एवं सातवें भाव में गुरु, सूर्य, मकर राशि का होकर बैठे थे। ऐसे में उन्होंने इसके निदान हेतु इस मंगल की औषधि को ढूंढा। इसीलिए इसका नाम मौद्गल्य पड़ गया। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में प्रथम भाव में मंगल दोष देने वाला हो गया हो तो इसका प्रयोग किया जाता है।
 
2. त्रिजात:- इसे राजस्थान में लोंठ, मध्यप्रदेश में मलीठा, तथा बंगाल, बिहार एवं उत्तरप्रदेश में तिनपतियां कहते हैं। कुंडली में चौथे भाव में मंगल के कारण दोषयुक्त हुई कुंडली के दोष निवारण हेतु इसका प्रयोग होता है। इसे वैधव्य दोष निवारण की बहुत सशक्त औषधि भी माना जाता है।
 
3. आदुधी:- इसे दुधिया भी कहते हैं। इसे कहीं से तोड़ने पर दूध बहने लगता है। सातवें भाव में मंगल के कारण उत्पन्न मांगलिक दोष एवं दाम्पत्य जीवन की कटुता के निवारण हेतु इसका प्रयोग किया जाता है। 
 
4. जानकी:- इसे दांतर भी कहा जाता है। लगातार कभी न अच्छे होने वाले रोग एवं उग्र वैधव्य दोष के अलावा पति अथवा पत्नी की लम्बी उम्र के लिए इसका दातुन करते हैं। लंका निवास के दौरान माता जानकी भगवान राम की लम्बी उम्र के लिए इसी का दातुन करती थी। यह सिंहल द्वीप की औषधि है। अन्यत्र यह उपलब्ध नहीं है। 
 
5. दक्ष:- आसाम एवं बंगाल में दाक्षी नाम का एक स्वतंत्र पौधा भी होता है। उड़ीसा में भी दाक्षी ही कहते हैं। दाक्षी एक जहरीला पौधा है। इसके पत्ते निचोड़कर लोग कीट पतंग मारने के काम में लाते हैं। महाराष्ट्र के सुदूर दक्षिणी प्रान्तों में इसे आलू तो गुजरात के खंभात इलाके में इसे कन्द कहते हैं। जम्मू में भी इसे शकरकन्द के लिए ही प्रयुक्त किया जाता है। किन्तु केरल में इसे नारियल के अन्दर वाले हिस्से को कहते हैं। ये दोनों ही वनस्पतियां बारहवें भाव के मंगल दोष को शान्त करती हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Khatu shyam train from indore : इंदौर से खाटू श्याम बाबा मंदिर जाने के लिए कौनसी ट्रेन है?

May 2024 Weekly Forecast: इस सप्ताह में किन राशियों का चमकेगा भाग्य, जानें नए सप्ताह का राशिफल

Guru Gochar : बृहस्पति के वृषभ में होने से 3 राशियों को मिलेंगे अशुभ फल, रहें सतर्क

Char Dham Yatra : छोटा चार धाम की यात्रा से होती है 1 धाम की यात्रा पूर्ण, जानें बड़ा 4 धाम क्या है?

कबूतर से हैं परेशान तो बालकनी में लगाएं ये 4 पौधे, कोई नहीं फटकेगा घर के आसपास

Mohini Ekadashi 2024 : मोहिनी एकादशी व्रत का महत्व और फल

Aaj Ka Rashifal: 13 मई 2024, आज क्या कहती है आपकी राशि, पढ़ें अपना भविष्‍यफल

13 मई 2024 : आपका जन्मदिन

13 मई 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

गंगा सप्तमी का त्योहार क्यों मनाया जाता है, जानिए महत्व

अगला लेख