ऐसे मनाएं श्री नृसिंह जयंती-उत्सव, पाएं शक्ति और पराक्रम

Webdunia
भगवान श्री नृसिंह शक्ति तथा पराक्रम के प्रमुख देवता हैं। वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नृसिंह जयंती का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान श्री नृसिंह ने खंभे को चीरकर भक्त प्रह्लाद की रक्षार्थ अवतार लिया था। इसलिए इस दिन उनका जयंती-उत्सव मनाया जाता है।
 
 
नृसिंह जयंती व्रत ऐसे करें :-
 
* इस दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठें।
 
* संपूर्ण घर की साफ-सफाई करें।
 
* इसके बाद गंगा जल या गौमूत्र का छिड़काव कर पूरा घर पवित्र करें।
 
तत्पश्चात निम्न मंत्र बोले :- 
 
 भगवान नृसिंह के पूजन का मंत्र - 
 
नृसिंह देवदेवेश तव जन्मदिने शुभे।
उपवासं करिष्यामि सर्वभोगविवर्जितः॥
 
इस मंत्र के साथ दोपहर के समय क्रमशः तिल, गोमूत्र, मृत्तिका और आंवला मल कर पृथक-पृथक चार बार स्नान करें। इसके बाद शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए।
 
पूजा के स्थान को गोबर से लीपकर तथा कलश में तांबा इत्यादि डालकर उसमें अष्टदल कमल बनाना चाहिए।
 
अष्टदल कमल पर सिंह, भगवान नृसिंह तथा लक्ष्मीजी की मूर्ति स्थापित करना चाहिए। तत्पश्चात वेदमंत्रों से इनकी प्राण-प्रतिष्ठा कर षोडशोपचार से पूजन करना चाहिए।
 
रात्रि में गायन, वादन, पुराण श्रवण या हरि संकीर्तन से जागरण करें। दूसरे दिन फिर पूजन कर ब्राह्मणों को भोजन कराएं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा क्या है, कहां से कहां तक होती है, क्या है इसका महत्व?

नीम में शक्ति है शनि और मंगल को काबू में करने की, 10 फायदे

जगन्नाथ मंदिर जाने का बना रहे हैं प्लान तो वहां जाकर जरूर करें ये 5 कार्य

मंगल का सिंह राशि में गोचर, 3 राशियों के जीवन में होगा मंगल

चीन से निकलने वाली ब्रह्मपुत्र नदी के बारे में 10 खास जानकारी

सभी देखें

नवीनतम

13 जून 2025 : आपका जन्मदिन

13 जून 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

भविष्यवाणी: यदि हुआ तीसरा युद्ध तो क्या होगी भारत की स्थिति, जीतेगा या हारेगा

कुंडली में अल्पायु योग से बचने के 10 उपाय

विवाह करने के पहले कर लें ये 10 काम तो सुखी रहेगा वैवाहिक जीवन

अगला लेख