शुरू हुआ पंचक, जानिए किस नक्षत्र का क्या होगा प्रभाव...

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25 अप्रैल तक रहेगा पंचक, इस दौरान संभलकर रहें...   
 
ज्योतिष में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है। इसे अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है। नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहा जाता है। इसके अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं।

प्राचीन ज्योतिष में आमतौर पर माना जाता है कि पंचक में कुछ कार्य विशेष नहीं किए जाते हैं। जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है, तब उस समय को पंचक कहते हैं। 21 अप्रैल 2017 को सुबह 10.02 मिनट से पंचक शुरू हो गया है। जो 25 अप्रैल मंगलवार की रात्रि 8.48 मिनट तक रहेगा।  
 
आइए जानते हैं क्या है पंचक का प्रभाव :
 
धनिष्ठा से रेवती तक जो पांच नक्षत्र होते हैं, उन्हे पंचक कहा जाता है और उनका प्रभाव हर मनुष्य पर पड़ता हैं। अत: इस दौरान बचकर रहने में ही भलाई हैं। 
 
* पंचक के प्रभाव से धनिष्ठा नक्षत्र में अग्नि का भय रहता है। 
 
* शतभिषा नक्षत्र में कलह होने के योग बनते हैं। 
 
* पूर्वाभाद्रपद रोग कारक नक्षत्र होता है। 
 
* उत्तराभाद्रपद में धन के रूप में दंड होता है।
 
* रेवती नक्षत्र में धन हानि की संभावना होती है।
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