पितृदोष के 12 कारणों को जान लें, तभी मुक्ति के बारे में सोचें

अनिरुद्ध जोशी
ज्योतिषीयों अनुसार पितृदोष कई प्रकार का होता है। कुंडली की भिन्न स्थिति अनुसार जाना जाता है कि किसी जातक को पितृदोष हैं या नहीं। कहते हैं कि पितृदोष के होने से व्यक्ति की आर्थिक उन्नती रुक जाती है, गृहकलह होता है, घर में कोई मांगलिक कार्य नहीं हो पाता है। आओ जानते हैं पितृ दोष के 12 कारणों को।
 
 
1. कुंडली का नौवां घर यह बताता है कि व्यक्ति पिछले जन्म के कौन से पुण्य साथ लेकर आया है। यदि कुंडली के नौवें में राहु, बुध या शुक्र है तो यह कुंडली पितृदोष की है।
 
2. कुंडली के दशम भाव में गुरु के होने को शापित माना जाता है। गुरु का शापित होना पितृदोष का कारण है।
 
3. सातवें घर में गुरु होने पर आंशिक पितृदोष माना जाता है।
 
4. लग्न में राहु है तो सूर्य ग्रहण और पितृदोष, चंद्र के साथ केतु और सूर्य के साथ राहु होने पर भी पितृदोष होता है।
 
5. पंचम में राहु होने पर भी कुछ ज्योतिष पितृदोष मानते हैं।
 
6. जन्म पत्री में यदि सूर्य पर शनि राहु-केतु की दृष्टि या युति द्वारा प्रभाव हो तो जातक की कुंडली में पितृ ऋण की स्थिति मानी जाती है।
 
7. विद्वानों ने पितर दोष का संबंध बृहस्पति (गुरु) से बताया है। अगर गुरु ग्रह पर दो बुरे ग्रहों का असर हो तथा गुरु 4-8-12वें भाव में हो या नीच राशि में हो तथा अंशों द्वारा निर्धन हो तो यह दोष पूर्ण रूप से घटता है और यह पितर दोष पिछले पूर्वज (बाप दादा परदादा) से चला आता है, जो सात पीढ़ियों तक चलता रहता है।
 
8. घर का उत्तर और ईशान कोण सही नहीं है तो देवदोष और पितृदोष का कारण बनेगा।
 
8. यदि आपके ग्रह-नक्षत्र भी सही हैं, घर का वास्तु भी सही है तब भी किसी प्रकार का कोई आकस्मिक दुख या धन का अभाव बना रहता है, तो फिर पितृ बाधा पर विचार करना चाहिए। हो सकता है कि आपके कर्म खराब हों।
 
8. सभी कुछ ठीक होने के बाद भी परेशानी है तो यह माना जाता है कि आपके पूर्वजों के कर्म का आप भुगतान कर रहे हैं।
 
9. आपके किसी पूर्वज या कुल के किसी सदस्य का रोग आपको लगा है तो यह भी पितृदोष माना जाता है।
 
10. पितृ बाधा का मतलब यह होता है कि आपके पूर्वज आपसे कुछ अपेक्षा रखते हैं। उनकी मुक्ति नहीं हो पाई है या कोई अदृश्य शक्ति आपको परेशान करती है तो भी पितृ दोष माना जाता है।
 
11. जब कोई जातक अपने जातक पूर्व जन्म में धर्म विरोधी कार्य करता है तो वह इस जन्म में भी अपनी इस आदत को दोहराता है। ऐसे में उस पर यह दोष स्वत: ही निर्मित हो जाता है। धर्म विरोधी का अर्थ है कि आप भारत के प्रचीन धर्म हिन्दू धर्म के प्रति जिम्मेदार नहीं हो।
 
12. यदि आपने अपने पितरों या पूर्वजों का धर्म छोड़ दिया है, कुल धर्म, कुलदेव या कुल देवी का त्याग कर दिया है तो पितृ दोष लगेगा, जो कई जन्मों तक पिछा करता है।

पितृदोष के मुख्य 7 कारण
1. घर के पितरों या बड़ों ने पारिवारिक पुजारी या धर्म बदला होगा।
2. घर के पास में किसी मंदिर में तोडफोड़ हुई होगी या कोई पीपल का पेड़ काटा गया होगा।
3. पिछले जन्म में आपने कोई पाप किया होगा। अपने पिता या माता को सताया होगा।
4. आपके पूर्वजों ने कोई पाप किया होगा जिसका परिणाम आपको भुगतना पड़ रहा है।
5. आप किसी पाप कर्म में संलग्न है जिसके चलते आपे पूर्वज आपने रुष्ठ हो चले हैं।
6. कुछ लोग हमेशा अपने माता-पिता या अपनी संतानों को कोसते, सताते रहते हैं।
7. आपने गाय, कुत्ते और किसी निर्दोष जानवर को सताया होगा।
 
 
निवारण : इसका सरल-सा निवारण है कि प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ना। पूर्वजों के धर्म में विश्वास रखना, कुलदेवी और कुलदेव की पूजा करना और श्राद्ध पक्ष के दिनों में तर्पण आदि कर्म करना और पूर्वजों के प्रति मन में श्रद्धा रखना।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Akshay Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर क्या है खरीदारी का सबसे शुभ मुहूर्त?

अक्षय तृतीया का जैन धर्म से क्या है कनेक्शन, जानें महत्व

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर घटी थी ये 10 पौराणिक घटनाएं

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर सोने के अलावा भी खरीद सकते हैं ये 5 चीजें

Akshaya tritiya 2024 : 23 साल बाद अक्षय तृतीया पर इस बार क्यों नहीं होंगे विवाह?

Maa laxmi : रूठी हुई मां लक्ष्मी को कैसे मनाएं?

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेंगे धनलाभ के अवसर, जानें 07 मई का राशिफल

07 मई 2024 : आपका जन्मदिन

07 मई 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

ChaturSagar Yog : चतुरसागर योग क्या होता है, जातक बन सकता है विश्व प्रसिद्ध

अगला लेख