चातुर्मास में कर लिए ये 5 कार्य तो होगा चमत्कारिक फायदा

अनिरुद्ध जोशी
हिन्दू माह का चौथा माह होता है आषाढ़ माह। इस माह की शुक्ल एकादशी से चातुमास प्रारंम हो जाते हैं। आषाढ़ी एकादशी के दिन से चार माह के लिए देव सो जाते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार चातुर्मास का प्रारंभ 12 जुलाई 2021 से शुरू हो गया है। आओ जानते हैं इस चार माह में किए जाने वाले प्रमुख 5 कार्य।
 
 
4 माह : चातुर्मास 4 महीने की अवधि है, जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है। ये चार माह है श्रावण, भाद्रपद, आश्‍विन और कार्तिक। इसमें आषाढ़ के 15 और कार्तिक के 15 दिन शामिल है। इस माह में यही आपने निम्नलिखित 5 कार्य कर लिए तो सभी तरह की मनोकामनापूर्ण होगी और होगा चमत्कारिक रूप से फायदा।
ALSO READ: Astro Tips : इन 5 में से कोई एक अंगूठी को धारण करें, होगा अद्भुत चमत्कार
1. साधु जैसा जीवन जीएं : इस दौरान फर्श पर सोना और सूर्योदय से पहले उठना बहुत शुभ माना जाता है। उठने के बाद अच्छे से स्नान करना और अधिकतर समय मौन रहना चाहिए। दिन में केवल एक ही बार भोजन करना चाहिए। एक समय ही उत्तम भोजन ग्रहण करना चाहिए।
 
 
2. त्याग दें ये भोजन : इन चार माह में तेल से बनी चीजों का सेवन न करें, दूध, शकर, दही, तेल, बैंगन, पत्तेदार सब्जियां, नमकीन या मसालेदार भोजन, मिठाई, सुपारी, मांस और मदिरा का सेवन नहीं किया जाता। श्रावण में पत्तेदार सब्जियां यथा पालक, साग इत्यादि, भाद्रपद में दही, आश्विन में दूध, कार्तिक में प्याज, लहसुन और उड़द की दाल, आदि का त्याग कर दिया जाता है।
 
3. भगवान विष्णु की करें उपासना : प्रतिदिन सुबह और शाम को विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें या ॐ नमोः नारायणाय, ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र की रोज एक माला सुबह और शाम को जपें।
 
 
4. ध्यान योग : प्रतिदिन सुबह और शाम को 20-20 मिनट का ध्यान करें और सूर्य नम:स्कार करें।
 
5. दान करें : इन चार माह में 5 तरह का दान करें। 1.अन्नदान : किसी गरीब को, पशु या पक्षी को भोजन कराएं, 2.दीपदान : नदी के जल में दीप छोड़े या मंदिर में दीप जलाएं। 3. वस्त्रदान : किसी गरीब को वस्त्र का दान करें। 4. छायादान : कटोरी में सरसों के तेल में अपनी चेहरा देखकर उसे शनिमंदिर में दान कर दें। 5.श्रमदान : किसी मंदिर या आश्रम में सेवा करके श्रमदान दे सकते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

07 मार्च से होलाष्टक, 14 मार्च से मलमास, जानें शुभ कार्य क्यों रहेंगे वर्जित

होलाष्टक का क्या है महत्व, क्यों नहीं करते हैं कोई मांगलिक कार्य?

मार्च माह 2025 के प्रमुख व्रत एवं त्योहार

Ramadan 2025 : रमजान माह के बारे में, जानें महत्व और नियम

29 मार्च 2025 को होने वाला है सबसे बड़ा परिवर्तन, 3 राशियां रहें बचकर

सभी देखें

नवीनतम

28 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

28 फरवरी 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

बुध ग्रह का मीन राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल

मार्च माह 2025 के प्रमुख व्रत एवं त्योहार

फुलेरा दूज कब है, क्यों मनाते हैं ये त्योहार?

अगला लेख