दिवाली से पूर्व कब आ रहा है पुष्य नक्षत्र, पढ़ें उपाय और मंत्र

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इस वर्ष दीपावली के पूर्व पुष्य नक्षत्र शुक्रवार और शनिवार के दरम्यान आ रहा है। यह पवित्र नक्षत्र शुक्रवार, 13 अक्टूबर की प्रात: 11 बजकर 11 मिनट से लगेगा और 14 अक्टूबर 2017 शनिवार को प्रात: 9 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। दो अचूक उपाय मंत्रों के साथ प्रस्तुत है। पुष्य नक्षत्र के दिन शुभ मुहूर्त में अवश्य आजमाएं- 
 
अपनी पसंद का जीवनसाथी चाहिए तो पुष्य नक्षत्र है अत्यंत शुभ अवसर... प्रस्तुत है विशेष मंत्र
 
दिवाली पूर्व के शनि पुष्य नक्षत्र से इस प्रयोग को आरंभ करें। विष्णु और लक्ष्मी मां की मूर्ति या फोटो के आगे 'ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः' मंत्र का तीन माला जाप स्फटिक माला पर करें। इसे पुष्य नक्षत्र से ही शुरू करें। तीन महीने तक हर रविवार, सोमवार, मंगलवार अथवा गुरुवार को मंदिर में प्रसाद चढ़ाएं और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें। 
 
मंत्र  : 1 
 
ॐ क्लीं कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा:
 
मंत्र : 2  
 
केशवी केशवाराध्या किशोरी केशवस्तुता, 
रूद्र रूपा रूद्र मूर्ति: रूद्राणी रूद्र देवता।  
 
शुक्र शनि पुष्य नक्षत्र पर एकाक्षी नारियल का उपाय 
 
एकाक्षी नारियल, नारियल का एक प्रकार है, लेकिन इसका प्रयोग अधिकांश रूप से तंत्र प्रयोगों में किया जाता है। इसके ऊपर आंख के समान एक चिन्ह होता है। इसलिए इसे एकाक्षी (एक आंख वाला) नारियल कहा जाता है। इसे धन स्थान पर रखा जाता है।
 
इसे साक्षात लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। शुक्र शनि पुष्य के दिन यदि इसे विधि-विधान से घर में स्थापित कर लिया जाए तो उस व्यक्ति के घर में कभी पैसों की कमी नहीं रहती है। 
 
1. सबसे पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। 
 
2. पुष्य नक्षत्र के दिन शुभ मुर्हूत में अपने सामने थाली में चंदन या कुंकुम से अष्ट दल बनाकर उस पर इस नारियल को रख दें और अगरबत्ती व दीपक लगा दें।
 
3. शुद्ध जल से स्नान कराकर इस नारियल पर पुष्प, चावल, फल, प्रसाद आदि रखें। 
 
4. लाल रेशमी वस्त्र ओढ़ाएं। इसके बाद आधा मीटर लंबा रेशमी वस्त्र बिछाकर उस पर केसर से यह मंत्र लिखें-
 
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं महालक्ष्मीं स्वरूपाय एकाक्षिनालिकेराय नम: सर्वसिद्धि कुरु कुरु स्वाहा।
 
5. इस रेशमी वस्त्र पर नारियल को रख दें और यह मंत्र पढ़ते हुए उस पर 108 गुलाब की पंखुडियां चढ़ाएं। हर पखुंड़ी चढ़ाते समय इस मंत्र का उच्चारण करते रहें-
 
मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं एकाक्षिनालिकेराय नम:।
 
6. इसके बाद गुलाब की पंखुडियां हटाकर उस रेशमी वस्त्र में नारियल को लपेटकर थाली में चावलों की ढेरी पर रख दें और इस मंत्र की 1 माला जपें-
 
ॐ  ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं एकाक्षाय श्रीफलाय भगवते विश्वरूपाय सर्वयोगेश्वराय त्रैलोक्यनाथाय सर्वकार्य प्रदाय नम:।
 
7. अगले दिन से दीपावली तक रोज 21 गुलाब से पूजा करें और उस रेशमी वस्त्र में लिपटे हुए नारियल को पूजा स्थान पर रख दें। इस प्रकार एकाक्षी नारियल को घर में स्थापित करने से अपार, असीम और स्थिर धन लाभ होता है।

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