स्मार्त और वैष्णव में क्या अंतर है, जन्माष्टमी से पहले जान लीजिए

पं. हेमन्त रिछारिया
जन्माष्टमी पर आपने सुना होगा कि 'स्मार्त' व 'वैष्णव' पर्व अलग-अलग दिन मनेगा,अक्सर पंचांग या कैलेण्डर में भी व्रतादि तिथियों के आगे 'स्मार्त' व 'वैष्णव' लिखा देखा होगा। 
 
सामान्य जन के मन में सदैव यह जिज्ञासा रहती है कि वे किस श्रेणी के अन्तर्गत आते हैं। आज हम आपको इस संबंध में शास्त्रोक्त जानकारी देने जा रहे हैं। सामान्यत: शिव को अपना ईष्ट मानने वाले 'शैव', शक्ति अर्थात् दुर्गा को अपना ईष्ट मानने वाले 'शाक्त' व विष्णु को अपना ईष्ट मानने वाले 'वैष्णव' कहलाते हैं। 
 
शास्त्रानुसार जिन साधकों ने किसी सम्प्रदाय विशेष के आचार्य से गुरुदीक्षा लेकर कण्ठी,माला,तिलक का नियम लेकर शंख,चक्र अंकित करवाए हों वे सभी 'वैष्णव' के अन्तर्गत आते हैं तथा सभी आस्तिक व पंचोदेवोपासक 'स्मार्त' श्रेणी के अन्तर्गत आते हैं। सरल भाषा में सभी गृहस्थ जो पंच देवों की उपासना करते हैं वे 'स्मार्त' कहलाते हैं। 
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Family Life rashifal 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों की गृहस्थी का हाल, जानिए उपाय के साथ

Malmas : दिसंबर में कर लें विवाह नहीं तो लगने वाला है मलमास, जानें क्या करें और क्या नहीं

वायरल हो रही है 3 राशियों की भविष्यवाणी, बाबा वेंगा ने बताया 2025 में अमीर बन जाएंगी ये राशियां

2025 predictions: बाबा वेंगा की 3 डराने वाली भविष्यवाणी हो रही है वायरल

परीक्षा में सफलता के लिए स्टडी का चयन करते समय इन टिप्स का रखें ध्यान

सभी देखें

नवीनतम

30 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

30 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

मेष राशि पर 2025 में लगेगी साढ़ेसाती, 30 साल के बाद होगा सबसे बड़ा बदलाव

property muhurat 2025: वर्ष 2025 में संपत्ति क्रय और विक्रय के शुभ मुहूर्त

Margshirsha Amavasya 2024: मार्गशीर्ष अमावस्या पर आजमाएं ये 5 उपाय, ग्रह दोष से मिलेगा छुटकारा और बढ़ेगी समृद्धि

अगला लेख