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Solar Ashwin Month 2025: सौर आश्विन मास, जानें महत्व और पौराणिक बातें

WD Feature Desk
मंगलवार, 23 सितम्बर 2025 (10:56 IST)
Significance of Solar Ashwin Maas: हिन्दू पंचांग के अनुसार, सौर आश्विन माह तब प्रारंभ होता है जब सूर्य सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करते हैं। वर्ष 2025 में, सौर आश्विन माह 18 सितंबर, 2025 को शुरू हो गया है। यह दिन सूर्य के कन्या राशि में गोचर (प्रवेश) के साथ चिह्नित होता है, जिसे कन्या संक्रांति भी कहा जाता है।ALSO READ: Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि 9 नहीं इस बार 10 दिनों की, जानिए कौनसी तिथि रहेगी 2 दिन
 
सौर आश्विन माह का महत्व: सौर आश्विन माह का हिंदू धर्म और प्रकृति में विशेष महत्व है। इस महीने को कई कारणों से शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है:
 
• शरद ऋतु का आगमन: यह महीना शरद ऋतु के आगमन का प्रतीक है। इस समय वातावरण स्वच्छ और निर्मल होता है।
 
• पर्वों का महीना: सौर आश्विन माह को त्योहारों का महीना भी कहा जाता है। इसी माह में नवरात्रि, दशहरा (विजयादशमी) और शरद पूर्णिमा जैसे प्रमुख पर्व मनाए जाते हैं।
 
• आध्यात्मिक शुद्धि का समय: इस दौरान वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह देवी देवताओं की पूजा, दान-पुण्य और आध्यात्मिक कार्यों के लिए एक उत्तम समय माना जाता है।
 
• आयुर्वेद में महत्व: आयुर्वेद के अनुसार, यह मौसम स्वास्थ्य के लिए बहुत अनुकूल होता है। इस दौरान भोजन में सात्विक और पौष्टिक चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।ALSO READ: Dussehra 2025 Date: विजयादशी दशहरा कब है?
 
पौराणिक और धार्मिक बातें: इस पवित्र माह से कई पौराणिक कथाएं और धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं:
 
• नवरात्रि और दुर्गा पूजा: सौर आश्विन माह में ही शारदीय नवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दौरान देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध कर धर्म की रक्षा की थी। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
 
• दशहरा (विजयादशमी): यह पर्व भगवान राम द्वारा रावण के वध के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि भगवान राम ने देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद इसी माह में रावण को पराजित किया था। यह त्योहार हमें बताता है कि सत्य की हमेशा विजय होती है।
 
• पितृ पक्ष: इस माह का एक महत्वपूर्ण भाग पितृ पक्ष होता है, जो पितरों के श्राद्ध और तर्पण के लिए समर्पित होता है। हालांकि, पितृ पक्ष भाद्रपद के पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन अमावस्या तक चलता है, लेकिन आश्विन माह की शुरुआत के साथ यह विशेष महत्व रखता है।
 
सौर आश्विन माह का प्रारंभ एक शुभ अवसर है जो प्रकृति और मानव जीवन में नई ऊर्जा और खुशहाली लाता है। यह त्योहारों और भक्ति का समय है जो हमें हमारी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ता है।ALSO READ: Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि के दौरान करें ज्योतिष के 10 खास उपाय

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