सोमवती अमावस्या के दिन दुर्लभ योग, ये 3 काम करेंगे तो पितृदोष समाप्त हो जाएगा

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Somvati Amavasya 2022 : सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस बार 30 मई 2022 सोमवार को ज्येष्ठ की अमावस्या है। इसी दिन शनिदेवजी का जन्म हुआ था और इस बार इसी दिन वट सावित्री का व्रत भी रखा जाएगा। इसी दिन सर्वार्थसिद्धि और सुकर्मा योग भी बन रहा है। पूरे 30 साल बात ऐसा योग बन रहा है। ऐसे में पितृदोष से मुक्ति के लिए कर लें मात्र 3 उपाय।
 
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1. पितृ तर्पण और पिंडदान : सोमवती अमावस्या के दिन की पितरों को जल देने से उन्हें तृप्ति मिलती है। महाभारत काल से ही पितृ विसर्जन की अमावस्या, विशेषकर सोमवती अमावस्या पर तीर्थस्थलों पर पिंडदान करने का विशेष महत्व है।
 
2. दान : इस दिन शनि और चंद्र का दान करें। इससे भी पितृदोष से लाभ मिलेगा। चंद्र का दान करने से जहां चंद्रदोष दूर होंगे वहीं शनि का दान करसे शनि दोष भी दूर होंगे। 
 
3. नदी स्नान : इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें और हनुमान, शनिदेव, विष्णु, चंद्रदेव और शिवजी की पूजा के साथ ही माता पार्वती की पूजा भी करें। नदी स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर के जल में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें। 

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