क्या आप जानते हैं किसे कहते हैं गोधूलि लग्न

पं. हेमन्त रिछारिया
जैसा कि नाम से स्पष्ट है गोधूलि अर्थात् गाय के पैरों से उड़ती हुई धूल। जब विवाह मुहूर्त वाले दिन कोई शुद्ध लग्न प्राप्त नहीं हो रहा हो तो ऐसी परिस्थिति में गोधूलि लग्न में विवाह सम्पन्न करने का निर्देश है। ऐसी मान्यता है कि गोधूलि लग्न में चन्द्र दोष को छोड़कर शेष सभी दोष शान्त हो जाते हैं। किन्तु गोधूलि लग्न केवल शुद्ध विवाह लग्न के अभाव में ही ग्राह्य है।
 
गोधूलि लग्न का समय-
 
वैदिक पंचांग अनुसार स्थानीय सूर्यास्त से 12 मिनिट पूर्व एवं सूर्यास्त के 12 मिनिट पश्चात् के समय को गोधूलि काल कहा जाता है। इसका आशय यह हुआ कि सूर्यास्त के समय की 1 घड़ी अर्थात् 24 मिनट गोधूलि काल है। कुछ विद्वान इसे 2 घड़ी अर्थात् सूर्यास्त से 24 मिनट पूर्व और सूर्यास्त से 24 मिनट पश्चात् का भी मानते हैं।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Lunar Eclipse 2025: क्या इस बार का चंद्रग्रहण भी लेकर आने वाला है डर और तबाही की नई लहर?

Rahul Gandhi prediction: राहुल गांधी के बारे में चौंकाने वाली भविष्यवाणी, राहु की दशा का पड़ेगा ऐसा प्रभाव

घर के मंदिर में कितनी होनी चाहिए मूर्तियों की ऊंचाई? पूजा घर के इन नियमों की जानकारी है बेहद ज़रूरी

Durga Ashtami 2025: शारदीय नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी कब है, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कन्या पूजन का महत्व

Lunar Eclipse 2025: खग्रास चंद्र ग्रहण के दिन बचकर रहना होगा 6 राशियों को

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (5 सितंबर, 2025)

05 September Birthday: आपको 5 सितंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 5 सितंबर, 2025: शुक्रवार का पंचांग और शुभ समय

क्या चंद्रग्रहण सिर्फ एक खगोलीय घटना है, या इसके पीछे छिपा है भय और विध्वंस का खौफनाक सच?

Pitru Paksha 2025: 7 सितंबर से होगा श्राद्ध पक्ष प्रारंभ, जानें शास्त्रों के नियम और खास बातें

अगला लेख