पीपल के नीचे इस वार को दीया जला दिया तो किस्मत पलट जाएगी

WD Feature Desk
शुक्रवार, 28 जून 2024 (12:44 IST)
पीपल का पेड़ हिन्दू धर्म में बड़ा पवित्र माना जाता है। पीपल भी कई प्रकार के होते हैं। इसमें पारस पीपल को सबसे उत्तम माना जाता है। पीपल की पूजा का एक विशेष दिन और समय होता है। उस समय यदि आप पूजा करते हैं तो उसका लाभ मिलता है। पीपल के वृक्ष ने नीचे यदि आप इस विशेष दिन दीपक जलाते हैं तो जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं रहती है और लगातार लगाते रहेंगे तो आपकी किस्मत पलट जाएगी।
 
पौराणिक कथा : एक पौराणिक कथा के अनुसार लक्ष्मी और उसकी छोटी बहन दरिद्रा विष्णु के पास गई और प्रार्थना करने लगी कि हे प्रभो! हम कहां रहें? इस पर विष्णु भगवान ने दरिद्रा और लक्ष्मी को पीपल के वृक्ष पर रहने की अनुमति प्रदान कर दी। इस तरह वे दोनों पीपल के वृक्ष में रहने लगीं।ALSO READ: पारस पीपल की पूजा से होते हैं चमत्कारिक फायदे
 
सूर्योदय से पहले कभी भी पीपल की पूजा नहीं करनी चाहिए क्योंकि इस समय धन की देवी लक्ष्मी की बहन  दरिद्रा यानी अलक्ष्मी का वास होता है। अलक्ष्मी दरिद्रता की देवी मानी जाती हैं और हमेशा गरीबी व जीवन में परेशानी लाती हैं। इसलिए सूर्योदय से पहले न तो पीपल की पूजा करनी चाहिए और न ही इस वृक्ष के पास जाना चाहिए, ऐसा करने से घर में दरिद्रता चली आती है। हमेशा सूर्योदय के बाद ही पीपल की पूजा करें।
 
शनिवार की शाम को जलाएं दीपक : विष्णु भगवान की ओर से यह वरदान मिला कि जो व्यक्ति शनिवार को पीपल की पूजा करेगा, उसे शनि ग्रह के प्रभाव से मुक्ति मिलेगी। उस पर लक्ष्मी की अपार कृपा रहेगी। इस दिन दिन के अस्त होने से पूर्व पीपल के वृक्ष के नीचे घी या सरसो के तेल का दीप जलाएं औ र 108 परिक्रमा करें।ALSO READ: पीपल की 108 परिक्रमा लगाने के 5 फायदे
 
शनि के कोप से ही घर का ऐश्वर्य नष्ट होता है, मगर शनिवार को दिन अस्त के पूर्व पीपल के पेड़ की पूजा करने वाले पर लक्ष्मी और शनि की कृपा हमेशा बनी रहेगी। पद्मपुराण के अनुसार पीपल की परिक्रमा करके प्रणाम करने से आयु में वृद्धि होती है। शनि की साढ़े साती और ढैया काल में पीपल की परिक्रमा और पूजन करने सेसाढ़े साती और ढैया का प्रकोप कम होता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार पीपल में पितरों का वास होने के साथ ही देवताओं का भी वास होता है।
 
स्कंद पुराण के अनुसार पीपल की जड़ में श्री विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में भगवान श्री हरि और फल में सब देवताओं से युक्त भगवान का अच्युत निवास है। इसीलिए पीपल के वृक्ष का पूजन किया जाता है। पीपल का पेड़ बृहस्पति ग्रह से जुड़ा है और बृहस्पति को सकारात्मक ग्रह माना जाता है। इसलिए पीपल के पेड़ की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।ALSO READ: पीपल वृक्ष पूजा के 5 चमत्कारिक लाभ

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