आकर्षक और धनवान बनना चाहते हैं तो पहनें भीष्मक मणि

अनिरुद्ध जोशी
आपने पारस मणि, नागमणि, कौस्तुभ मणि, चंद्रकांता मणि, नीलमणि, स्यमंतक मणि, स्फटिक मणि आदि का नाम तो सुना ही होगा, परंतु ही यहां निम्नलिखित नौ मणियों की बात कर रहे हैं- घृत मणि, तैल मणि, भीष्मक मणि, उपलक मणि, स्फटिक मणि, पारस मणि, उलूक मणि, लाजावर्त मणि, मासर मणि। आओ जानते हैं कि भीष्मक मणि को धारण करने से क्या होता है। हालांकि यह सभी बातें मान्यता पर आधारित हैं।
 
 
1. भीष्मक मणि दो प्रकार की होती है। पहली मोहिनी भीष्मक और दूसरी कामदेव भीष्मक। 
 
2. मोहिनी भीष्मक मणि को अमृत मणि भी कहा जाता है। इसका रंग हीरे जैसी आभा लिए हुए पीला होता है। 
 
3. कामदेव भीष्मक मणि भीष्मक पत्थर से निकलती है। इसका रंग श्याम, शहद के समान तथा दही या फिटकिरी के घोल के जैसा होता है। स्निग्ध स्वच्छ तथा सुंदर रंग व कांति वाली होती है। 
 
4. भीष्मक मणि को धारण करने वाला व्यक्ति आकर्षक हो जाता है। 
 
5. चिकनी तथा सुंदर यह मणि धारणकर्ता के हृदय की घबराहट को दूर करती है।
 
6. भीष्मक मणि पहने से धन-धान्य वृद्धि में होती है और आर्थिक संकट समाप्त हो जाता है।
 
7. दोनों में से कोई भी एक कुंडली अनुसार विधिपूर्वक धारण करने से ऐश्वर्य बढ़ता है।
 
8. इस मणि को धारण करे से शत्रुओं पर भी विजयी प्राप्त होती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

कृष्ण जन्माष्टमी पर इस तरह से करें बालमुकुंद की पूजा, मिलेगा फल

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध: कृष्ण लीला और जीवन दर्शन

जन्माष्टमी 15 या 16 अगस्त को, जानिए सही डेट क्या है?

16 अगस्त को होगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानें क्यों और कैसे मनाएं?

सूर्य सिंह संक्रांति कब है, क्या है इसका महत्व, कर लें 5 अचूक उपाय

सभी देखें

नवीनतम

सूर्य का सिंह राशि में गोचर, जानिए 12 राशियों का राशिफल

15 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

15 अगस्त 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

भविष्यवाणी: क्या फिर से होगा पहलगाम जैसा आतंकवादी हमला, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र, अमेरिका की चाल

कृष्ण जन्माष्टमी 15, 16 और 17 अगस्त 2025 तीनों दिनों में से कौनसी है सही डेट, पूजा का समय क्या है?

अगला लेख