कुंडली में गुरु ग्रह को शुभ बनाना है तो पढ़ें 2 मंत्र और 6 उपाय

पं. हेमन्त रिछारिया
देवताओं के गुरुदेव बृहस्पति को कुंडली में शुभ कैसे बनाएं, आइए जानें सरल उपाय  
 
एकाक्षरी बीज मंत्र- 'ॐ बृं बृहस्पतये नम:।'
तांत्रिक मंत्र- 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।'
जप संख्या- 19,000 (19 हजार)।
 
(कलियुग में 4 गुना जाप एवं दशांश हवन का विधान है।)
 
दान सामग्री- पीला वस्त्र, स्वर्ण, पुखराज, हल्दी की गांठ, गाय का घी, चने की दाल, केसर, पीले पुष्प, पीले फल।
 
(उक्त सामग्री को वस्त्र में बांधकर उसकी पोटली बनाएं तत्पश्चात उसे मंदिर में अर्पण करें अथवा बहते जल में प्रवाहित करें।)
 
दान का समय- संध्या।
हवन हेतु समिधा- पीपल।
औषधि स्नान- हल्दी, शहद, गिलोय, मुलेठी, चमेली के पुष्प मिश्रित जल से।
 
अशुभ प्रभाव कम करने हेतु अन्य उपयोगी उपाय।
 
* गुरुवार (वीरवार) को किसी वृद्ध ब्राह्मण को बूंदी के लड्डू दान करें।
* अश्व को चने की दाल खिलाएं।
* स्वर्ण व पीले वस्त्रों का प्रयोग न करें।
* सफेद चंदन में हल्दी मिलाकर तिलक करें।
* अपने बड़ों का सदैव आदर करें।
* बृहस्पति यंत्र को स्वर्ण अथवा भोजपत्र पर उत्कीर्ण करवाकर नित्य पूजा करें।

-ज्योतिर्विद् पं हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
 
नोट : इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण वेबदुनिया के नहीं हैं और वेबदुनिया इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है। 
 
साभार : ज्योतिष : एक रहस्य
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

चैत्र नवरात्रि 2025 की अष्टमी तिथि कब रहेगी, क्या रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त?

पर्स में रखें ये 5 चीजें, कभी नहीं होगी धन की कमी बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

बुध ग्रह मीन राशि में अस्त, 3 राशियां रहेंगी मस्त

बुध हुए मीन राशि पर अस्त, जानें 5 राशियों पर क्या होगा असर

क्यों खास होता है गुड़ी पड़वा का पर्व? जानिए इससे जुड़े रोचक तथ्य

सभी देखें

नवीनतम

21 मार्च 2025 : आपका जन्मदिन

21 मार्च 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Lal Kitab Astrology Tips: टेंशन दूर करना हो तो रात को तकिए के पास एक चीज रखकर सोएं

सूर्य ग्रहण वाले दिन शनि ग्रह जाने वाले हैं मीन राशि में, 6 राशियों के जीवन में होगा कुछ बड़ा बदलाव

Weekly Muhurat: मार्च 2025 के नए सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें व्रत-त्योहार एवं ग्रह गोचर

अगला लेख