मकर राशि में मंगल और शनि के साथ शुक्र, कालसर्प योग भी, क्या होगा तीसरा विश्‍व युद्ध?

Webdunia
शनिवार, 26 फ़रवरी 2022 (17:45 IST)
Third world war grah yog
रूस यूक्रेन वॉर : ज्योतिष की मान्यता के अनुसार शनि की राशि मकर में शनि और बुध पहले से ही विराजमान है। मंगल, शुक्र और चंद्र भी गोचर कर रहे हैं। ऐसे में एक ही राशि में आपसी शत्रु ग्रहों का संयोग बन रहा है। मंगल और चंद्र की शुक्र और शनि से शत्रुता है। बुध भी करीब करीब शनि के खेमे में ही है। ऐसे में इस राशि में घमासान हो चला है।
 
 
कालसर्प योग : वर्ष की शुरुआत काल सर्प योग में हुई थी। वर्तमान में 27 जनवरी से कालसर्प योग पुन: प्रारंभ हो गया है जो रविवार, 24 अप्रैल 2022 तक रहेगा। अर्श से फर्श पर और फर्श से अर्श तक की पोजीशन बनेगी अर्थात अचानक से कुछ लोगों का जीवन चमक जाएगा और कुछ का सबकुछ खत्म हो जाएगा। यही है कालसर्प योग का कमाल। कालसर्प योग के दौरान ही मकर में पंचग्रही योग, मंगल शनि की युति, शुक्र और चंद्र का गोचर हो रहा है।

 
पंचग्रही योग : इस वक्त मकर राशि में शनि, बुध विराजमान है। सूर्य और बृहस्पति ग्रह कुंभ राशि में, मंगल और शुक्र ग्रह धनु राशि में, चंद्र वृश्‍चिक राशि में, राहु वृषभ में और केतु वृश्‍चिक राशि में मौजूद है। 27 फरवरी को मंगल और 28 फरवरी को शुक्र और चंद्र मकर राशि में प्रवेश करके पंचग्रही योग बनाएंगे। यह योग 1 मार्च की शाम तक बना रहेगा फिर चंद्र निकलकर कुंभ में प्रवेश करेंगे तब मकर राशि में चतुग्रही योग कई दिनों तक बना रहेगा। पंचग्रही योग 27 फरवरी से 10 मार्च तक प्रभावी रहेगा।
panch grahi yog
पांच ग्रहों का गोचर :
1. मंगल का गोचर : 26 फरवरी को मंगल का शनि की राशि मकर में प्रवेश। 7 अप्रैल को मंगल का शनि की राशि कुंभ में होगा प्रवेश, जहां वह 17 मई 2022 तक रहेगा। 
 
2. शनि का मकर में गोचर : शनि 29 जनवरी से मकर राशि में मार्गी चल रहे हैं। 29 अप्रैल 2022 को वे मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। 
 
3. शुक्र का मकर में गोचर : 27 फरवरी 2022 रविवार को  ऐश्वर्य और रोमांस के ग्रह शुक्र भी मंगल की तरह शनि की मकर राशि में गोचर करेंगे। यहां पहले से ही शनि ग्रह विराजमान हैं। शुक्र और शनि आपस में मित्र है परंतु यह दोनों ही मंगल के शत्रु ग्रह है। शुक्र ग्रह यहां पर 27 अप्रैल तक रहने के बाद मीन राशि में प्रवेश करेंगे और इसके बाद 23 मई को मेष राशि में गोचर करेंगे।
 
4. बुध का मकर में गोचर : 15 जनवरी 2022 को बुध ग्रह मकर राशि में वक्री थे। बुध साल 2022 में 6 मार्च को रविवार तक मकर राशि में है इसके बाद कुंभ राशि में गोचर करेगा। इसके बाद 18 मार्च, 2022 को बुध ग्रह इसी राशि में अस्त हो जाएगा। फिर 24 मार्च, 2022 को मीन राशि में गोचर करेगा।
 
5. चंद्र का मकर में गोचर : यह ग्रह प्रत्येक सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करता है। यह ग्रह 28 फरवरी से 2 मार्च तक मकर राशि में गोचर करेगा।

पंचग्रही युति का असर : मकर तथा कुंभ राशियां शनि ग्रह से संचालित हैं। कुंभ में जहां गुरु ग्रह है वही मकर में मंगल ग्रह है। अत: यह दोनों ही ग्रह वर्तमान में शनि की राशि में स्थिति है। शनि और मंगल की युति युद्ध को जन्म देती है। मकर में शनि के साथ मंगल, शुक्र और बुध रहेंगे। चंद्र और शनि भी आपसी शत्रु हैं। मंगल और शुक्र भी आपसी दुश्मन है। मकर राशि का कर्म भाव मुख्‍य भाव है। ऐसे में यह भाव संघर्ष, तनाव और युद्ध का भाव बनकर रह गया है, क्योंकि यहां पर आपस में शत्रु ग्रहों का जमावड़ा हो चला है। इन ग्रह योगों से राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ जाएगी। कई जगहों पर सत्ता परिवर्तन होगा। मौसम में अचानक से गर्मी बढ़ जाएगी। महंगाई आसमान को छूएगी और लोगों में असंतोष की भावना फैल जाएगी। मार्च में यह योग प्रबल रहेंगे इसके बाद अप्रैल माह में नौ ग्रह एक साथ अपनी राशि परिवर्तन करेंगे।

 
मंगल शनि की युति का असर : कहा जाता है कि मंगल जब भी शनि की राशि में गोचर करता है या शनि के सात युति बनाता है तब-तब धरती पर संतोष, युद्ध, अग्निकाण्ड, भूकंप और तूफाओं का जन्म होता है। वर्तमान में ऐसा ही कुछ हो रहा है। ज्योतिष में मंगल ग्रह को युद्ध का कारक ग्रह और मंगलदेव को युद्ध का देवता माना जाता है। मकर राशि में शनि के साथ युति बनाकर मंगल करेगा राजनीति में परिवर्तन। 17 मई 2022 तक रहेगी देश-दुनिया में राजनीतिक अस्थिरत। सत्ता परिवर्तन होंगे। मंगल से संबंधित वस्तुओं में तेजी रहेगी और जनता परेशान रहेगी। जंगल में आग लगने की संभावना है। मंगल का यह गोचर और शनि के साथ उसकी युति दुनिया में तृतीय विश्‍व युद्ध की भूमिका तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। लेकिन अच्छी बात यह रहेगी कि मंगल के प्रभाव के चलते महामारी का प्रकोप लगभग समाप्त हो जाएगा।
 

षड्ग्रही योग : ज्योतिष की मान्यता है कि जब भी किसी राशि में चार से अधिक ग्रह एक साथ एकत्रित होते हैं तो धरती पर तूफान, आंधि, जलवायु परिवर्तन के साथ ही जनता में विद्रोह भड़कता है और दो देशों में आपसी युद्ध होता है। पूरे माह 5 ग्रहों के गोचर के साथ ही मकर में 4 ग्रहों की युति से केदार योग का निर्माण भी हो रहा है। इसी राशि में षड्ग्रही योग योग भी बन रहा है। पंचग्रही और षड्ग्रही योग से देश दुनिया में बहुत उथल-पुथल मचती है।

जब भी षड्ग्रही योग बनता है तो उसके पहले से ही युद्ध के हालात पैदा हो जाते हैं। जनवरी माह की शुरुआत में मकर राशि में शनि और बृहस्पति विराजमान थे। यहां सूर्य और शुक्र का प्रवेश भी मकर राशि में होने से मकर राशि में चतुर्ग्रही योग बना। फिर 5 फरवरी को वक्री बुध का भी इसमें प्रवेश हुआ। इसके बाद 9 फरवरी को रात चन्द्रमा भी मकर राशि में प्रवेश कर गए। इससे मकर राशि में एकसाथ छह ग्रह शनि, बृहस्पति, सूर्य, शुक्र, बुध एवं चन्द्रमा ने मिलकर षड्ग्रही योग बनाया जिसके चलते देश और दुनिया के हालात बदल गए और अब पंचग्रही योग बनने वाला है। मकर राशि में मंगल और शनि का साथ में होना युद्ध की स्थिति को जन्म देता है।
 
'षड वैग्रहा: ध्वन्ति समस्त भुपान'... 
 
कुछ ऐसे ही योग के कारण वर्ष 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था। उस दौरान पहले पंचग्रही योग बने थे उसके बाद छह ग्रह एक साथ एक ही राशि में विराजमान थे। अब इसी तरह के योग 2022 में भी बने हैं जिसके चलते यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध शुरू हो गया है।
 
 
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