सिंह राशि वालों के लिए सलाह

अनिरुद्ध जोशी
अक्षर तालिका : मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे।
राशि विशेषता : स्थिर मन, पराक्रम, स्पष्टवादिता, ईमानदारी और न्यायप्रियता।
 
 
सिंह राशि (Leo) का स्थान पेट में होता है। इसके कारक ग्रह सूर्य और मंगल माने गए हैं। अग्नि तत्व प्रधान सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। भाग स्थिर है और सिंह लग्न की बाधक राशि कुंभ तथा बाधक ग्रह शनि है। लेकिन लाल किताब अनुसार शत्रु और मित्र ग्रहों का निर्णय कुंडली अनुसार ही होता है।
 
 
लाल किताब अनुसार पाँचवें भाव में सिंह राशि मानी गई है जिसके सूर्य का पक्का घर पहला माना जाता है। अग्नि तत्व प्रधान सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। इस राशि को पूर्व दिशा का स्वामित्व प्राप्त है। लाल किताब की कुंडली अनुसार सूर्य के खराब या अच्छा होने की कई स्थितियाँ हैं। यदि आप सिंह राशि के जातक हैं तो आपके लिए यहाँ लाल किताब अनुसार सामान्य सलाह दी जा रही है।
 
 
अशुभ की निशानी : सूर्य से संबंधित बीमारियों में दिल की धड़कन, मुँह से झाग निकलना, अंगों की ताकत का खत्म होना, रक्तचाप आदि प्रमुख हैं। सामान्य तौर पर भी मुँह में बार-बार बलगम का आना। सोना खो जाना या चोरी हो जाना। पिता या संतान को कष्ट आदि।
 
 
सावधानी व उपाय : शराब और माँस का सेवन न करें। किसी से मुफ्त में कुछ न लें। यात्रा के समय अपने मुँह में कोई मीठी वस्तु रखें। दादी माँ से आशीर्वाद लें। आग को दूध से बुझाएँ। रात को दो रोटियाँ आग में जलाएँ।
 
 
सिंह राशि वालों में स्वास्थ्य की दृष्टि से रीढ़ से सम्बन्धित बीमारी, दिल की धड़कन का तेज होना, मन में बेचैनी, मन में अचानक भय आना, एनिमिया, हृदय रोग, खून के थक्के जमना जैसी बीमारियाँ होने की संभावना रहती है। उन्हें इससे सावधान रहना चाहिए।

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