कन्या राशि वालों के लिए सलाह

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अक्षर तालिका : हो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो।
राशि विशेषता : चतुर, बुद्धिवादी तथा लेखक
 
 
कन्या राशि (Virgo ) का स्थान कमर में होता है। इसके कारक ग्रह बुध और शुक्र माने गए हैं। अर्थ तत्व प्रधान कन्या राशि का स्वामी बुध है। भाग द्विस्वभाव है और कन्या लग्न की बाधक राशि वृश्चिक तथा बाधक ग्रह मंगल है। लेकिन लाल किताब अनुसार शत्रु और मित्र ग्रहों का निर्णय कुंडली अनुसार ही होता है।
 
 
लाल किताब अनुसार छठवें भाव में कन्या राशि मानी गई है, जिसमें बुध का पक्का घर छह और सात माना जाता है। लाल किताब की कुंडली अनुसार बुध के खराब या अच्छा होने की कई स्थितियाँ हैं। यदि आप कन्या राशि के जातक हैं तो आपके लिए यहाँ लाल किताब अनुसार सामान्य सलाह दी जा रही है।
 
 
अशुभ की निशानी : बुध से संबंधित बीमारियों में चेचक, दिमाग के रोग, नाड़ी, जीभ, दाँत की बीमारियाँ और सूँघने की क्षमता कमजोर होना यानी किसी प्रकार की खुशबू या बदबू का पता न चलना शामिल है। नौकरी और व्यापार में स्‍थिरता न रहना। बहन, बुआ, मौसी से संबंध खराब रहना या उनको किसी प्रकार का कष्ट रहना आदि।

 
सावधानी व उपाय : बहन को खुश रखें। बुधवार को कोई नमकीन चीज न खाएँ। वादों को निभाएँ। तुलसी का पौधा अपने घर में न लगाएँ। किसी बोतल में बारिश का पानी एकत्र करके घर में रखें। साबूत मूँग बारिश के पानी या बहते पानी में बहाएँ। काले रंग का अंडरवियर पहनें। दुर्गा माँ की उपासना करें। बुधवार का व्रत रख सकते हैं।
 

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