Ayodhya : जानिए 106 साल पुराने अयोध्या विवाद का संपूर्ण घटनाक्रम सिर्फ 2 मिनट में

Webdunia
शनिवार, 9 नवंबर 2019 (09:55 IST)
1813 : पहली बार हिन्दू संगठनों ने दावा किया कि 1528 में बाबर के सेनापति मीर बांकी ने मंदिर तोड़कर अयोध्या में मस्जिद बनाई।
1853 : विवाद की शुरुआत 1853 में हुई जब इस स्थान के आसपास पहली बार सांप्रदायिक दंगे हुए। 
1859 : अंग्रेजी प्रशासन ने विवादित जगह के आसपास बाड़ लगा दी और मुसलमानों को ढांचे के अंदर और हिंदुओं को बाहर चबूतरे पर पूजा करने की अनुमति दी गई।
1885 : फरवरी 1885 में महंत रघुबर दास ने फैजाबाद के उप-जज के सामने याचिका दायर कर मंदिर बनाने की इजाजत मांगी, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली। 
1949 : असली विवाद तब शुरू हुआ जब 23 दिसंबर 1949 को भगवान राम और लक्ष्मण की मूर्तियां विवादित स्थल पर पाई गईं। उस समय हिंदुओं का कहना था कि भगवान राम प्रकट हुए हैं, जबकि मुसलमानों का आरोप था कि रात में चुपचाप किसी ने मूर्तियां रख दीं। उस समय सरकार ने इसे विवादित ढांचा मानकर ताला लगवा दिया। 
1950 : 16 जनवरी 1950 को गोपालसिंह विशारद नामक व्यक्ति ने फैजाबाद के सिविल जज के सामने याचिका दाखिल कर पूजा की इजाजत मांगी, जो कि उन्हें मिल गई, जबकि मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले के खिलाफ अर्जी दाखिल की।
1984 : मंदिर बनाने के लिए विश्व हिंदू परिषद ने एक कमेटी का गठन किया।
1986 : फैजाबाद के जज ने 1 फरवरी 1986 को जन्मस्थान का ताला खुलवाने और हिन्दुओं को पूजा करने का अधिकार देने का आदेश दिया। इसके विरोध में बाबरी मस्जिद संघर्ष समिति का गठन किया गया। उस समय केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी और राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे। 
1990 : भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या के लिए एक रथयात्रा शुरू की, लेकिन उन्हें बिहार में ही गिरफ्तार कर लिया गया। 
1992 : यूपी के तत्कालीन मुख्‍यमंत्री कल्याण सिंह ने विवादित स्थान की सुरक्षा का हलफनामा दिया, लेकिन 6 दिसंबर 1992 को कथित रूप से भाजपा, विश्व हिन्दू परिषद और शिवसेना समेत दूसरे हिंदू संगठनों के लाखों कार्यकर्ताओं ने ढांचे को गिरा दिया। देशभर में हिंदू-मुसलमानों के बीच दंगे भड़क गए, जिनमें करीब 2000 लोग मारे गए।
2003 : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2003 में झगड़े वाली जगह पर खुदाई करवाने के निर्देश दिए ताकि पता चल सके कि क्या वहां पर कोई राम मंदिर था।
2010 : 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश पारित कर अयोध्या की 2.77 एकड़ विवादित भूमि को 3 हिस्सों में बांट दिया। एक हिस्सा रामलला के पक्षकारों को मिला। दूसरा हिस्सा निर्मोही अखाड़े को, जबकि तीसरा हिस्सा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मिला।
2011 : उच्चतम न्यायालय ने 2011 में हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। 
2019 : इस बहुचर्चित मामले की सुप्रीम कोर्ट में 6 अगस्त से 16 अक्टूबर 2019 तक लगातार सुनवाई।

9 नवम्बर 2019 : सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया। मंदिर निर्माण के लिए 3 माह के भीतर केन्द्र सरकार से ट्रस्ट बनाने की बात कही। मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ भूमि अलग स्थान पर देने के निर्देश दिए। यह ऐतिहासिक फैसला 5 जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से किया।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

भगवान राम का जन्म लाखों वर्ष पहले हुआ था या 5114 ईसा पूर्व? जानिए रहस्य

भगवान राम के संबंध में 12 रोचक तथ्‍य, आप भी जानिए इस रहस्य को...

उत्तर रामायण : लव और कुश का जीवन परिचय

दिवाली पर जब श्रीराम अयोध्या आए तो हुआ इस तरह स्वागत

राम के वंशज आज भी हैं, जानिए कौन हैं और रहते हैं कहां

भगवान राम की सेना में कौन क्या था, आप भी जानकर हैरान रह जाएंगे

महर्षि वाल्मीकि की रामायण और गोस्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस के उत्तर कांड में फर्क क्यूं?

रामायण काल की 5 खास बातें, जानकर चौंक जाएंगे

वन में प्रभु श्रीराम ने किए थे ये 7 कार्य

कैसे हुई थी प्रभु श्रीराम की मृत्यु

भगवान श्री राम ने भी उड़ाई थी पतंग, रामचरित मानस के बालकांड में है उल्लेख

रामचरित मानस की ये 10 चौपाई आपके जीवन को बदल देगी, होगा चमत्कार

एकश्लोकी रामायण : मात्र एक श्लोक में संपूर्ण रामायण, राम कथा

रामायण का जटायु पक्षी गिद्ध, गरुड़ या कुछ और

भगवान श्री राम अयोध्या आगमन के पहले कहां रुके थे?

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख