महागठबंधन राग के बीच मायावती की कांग्रेस से दूरी क्यों

Webdunia
गुरुवार, 4 अक्टूबर 2018 (11:53 IST)
- सर्वप्रिया सांगवान 
 
बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ़ कर दिया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में उनकी पार्टी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और किसी भी कीमत पर कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।
 
 
मायावती ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और गठबंधन न होने के लिए दिग्विजय सिंह को ज़िम्मेदार ठहराया और उन्हें भाजपा का एजेंट बताया।
 
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस बीजेपी से ज़्यादा गैर-बीजेपी दलों को कमज़ोर करने की कोशिश में लगी रहती है। उनका कहना है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी तो गठबंधन चाहते थे, लेकिन दिग्विजय सिंह और कई दूसरे नेताओं ने केंद्रीय जांच एजेंसी मसलन सीबीआई के डर से ऐसा नहीं होने दिया।
 
 
मायावती ने ये भी कहा कि 'कांग्रेस बसपा की पहचान को खत्म करना चाहती है। कांग्रेस जातिवादी पार्टी है। कांग्रेस पार्टी की रस्सी जल गई, मगर बल नहीं गया। कांग्रेस ने गुजरात से कुछ सबक नहीं लिया।'
 
 
"कांग्रेस बीजेपी से डरी हुई है और यह सच है। यही वजह है कि वह मुस्लिमों को टिकट देने से भी कतरा रही है। हम हमेशा से बीजेपी को सत्ता से बाहर रखना चाहते हैं, यही वजह है कि हमने क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन किया।"
 
 
"अब राजस्थान और मध्य प्रदेश में मुझे लगता है कि कांग्रेस का इरादा बीजेपी को हराने का नहीं है, बल्कि वह उनके साथ दोस्ती रखने वाली पार्टियों को ही हानि पहुंचाना चाहती है।"
 
 
एक तरफ़ जहां भाजपा को हराने के लिए महागठबंधन की तैयारियां हो रही हैं, वहीं मायावती के ऐसे हमले और फैसले से लग सकता है कि कांग्रेस के लिए ये बड़ा झटका है।
 
 
सहूलियत की सियासत?
लेकिन वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई ऐसा नहीं मानते। वे कहते हैं कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अपने बलबूते ही लड़ रही है। पहले भी कभी बसपा और कांग्रेस का इन राज्यों में तालमेल नहीं हुआ।
 
 
उन्होंने बताया, "कांग्रेस उत्तर प्रदेश में बहुत कमज़ोर है। वहां अगर सपा-बसपा का गठबंधन होता है तो कांग्रेस उसमें शामिल हो सकती है। लेकिन मध्यप्रदेश में अगर कांग्रेस 250 में से 50 सीटें मायावती को दे दे तो अपनी सरकार भी नहीं बना पाएगी।"
 
 
"जिन राज्यों में कांग्रेस सरकार में रह चुकी है वहां वो गठबंधन की सरकार नहीं चाहती। अपनी ताकत चाहती है। एक तरह की रस्साकशी चल रही थी और मायावती का ऐसा बयान आया है, लेकिन कांग्रेस शायद उससे परेशान नहीं है।"
 
 
रशीद किदवई का मानना है कि चूंकि मायावती अपने आप को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार आंकती हैं, इसलिए कमज़ोर कांग्रेस से उनको ज़्यादा फ़ायदा होगा। हालांकि, इन राज्यों की सरकारों के ख़िलाफ़ जो भी नाराज़गी बनी है उसका फ़ायदा कांग्रेस को ही होगा।
 
 
"कांग्रेस अपनी मज़बूती चाहती है। देश में कांग्रेस की राज्य सरकारें बहुत कम हैं। तो वो अपने दम पर सरकार बनाना चाहती है।"
 
 
'कांग्रेस को नुकसान की संभावना'
लेकिन समाजशास्त्री प्रोफ़ेसर बद्रीनारायण की राय कांग्रेस के नफ़े-नुक़सान को लेकर अलग है। वे कहते हैं, "कांग्रेस के लिए नुकसानदायक होगा क्योंकि बाइपोलर चुनाव होता बीजेपी और कांग्रेस में तो बेहतर था, लेकिन अब चूंकि त्रिशंकु चुनाव हो जाएगा तो उसका फ़ायदा भाजपा को मिल सकता है।"
 
 
लेकिन वे इसमें थोड़ा सा नुकसान भाजपा का भी देखते हैं, "भाजपा को इसलिए नुकसान होगा क्योंकि जिन लोगों ने पिछली बार भाजपा को वोट दिया था, इस बार वे मायावती की तरफ़ आएंगे क्योंकि भाजपा से वे नाराज़ हैं।"

 
वहीं बद्रीनारायण ये भी मानते हैं कि लोकसभा और राज्य चुनावों के लिए मायावती अपनी रणनीति अलग रखना चाहती हैं।
 
 
"वे अपने लिए ज़्यादा सीटों को लेकर समझौता करना चाह रही थीं। लेकिन वो हो नहीं पाया तो उन्होंने अपना स्टैंड साफ़ कर दिया। लेकिन लोकसभा में उत्तर प्रदेश के लिए तो उनको अपनी रणनीति अलग रखनी होगी। वहां तो कांग्रेस और सपा के साथ आना ही होगा वरना खत्म हो जाएंगी।"
 
 
"बाकी दिग्विजय सिंह को ज़िम्मेदार उन्होंने ठहराया है तो दिग्विजय सिंह केंद्र में इतने प्रभावी नहीं हैं। मध्य प्रदेश में हैं तो यहां उन्होंने खुद को अलग कर लिया है। लोकसभा में अलग नीति अपनानी पड़ेगी और मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में अलग नीति अपना रही हैं। इसका मतलब ये नहीं है कि वे महागठबंधन का हिस्सा ना बनें।"
 
 
मायावती मध्य प्रदेश चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट सितंबर महीने में जारी कर चुकी हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के बागी नेता अजीत जोगी की पार्टी के साथ गठबंधन भी कर चुकी हैं। छत्तीसगढ़ में बसपा 35 और अजीत जोगी की जनता कांग्रेस पार्टी 55 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। मायावती कह भी चुकी हैं कि अगर उनका गठबंधन चुनाव जीतता है तो अजीत जोगी मुख्यमंत्री बनेंगे।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कंगना रनौत के वे बयान, जिन्होंने बढ़ाई BJP की परेशानी

Paracetamol सहित 53 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल, CDSCO की ताजी मासिक ड्रग अलर्ट

क्‍या मेलोनी और एलन मस्‍क बन रहे हैं पॉवर कपल, ‘मेलोडी’ की भी खूब हुई थी चर्चा

कंगना के किसानों वाले बयान पर राहुल ने मोदी से पूछा, आप फिर से बदमाशी तो नहीं कर रहे

वर्क लोड ऑफिस में बढ़ा रहा cardiac arrest, क्‍या है Smoke Break जो युवाओं में बांट रहा Diabetes और Blood pressure

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

iPhone 16 को कैसे टक्कर देगा OnePlus 13, फीचर्स और लॉन्च की तारीख लीक

iPhone 16 सीरीज लॉन्च होते ही सस्ते हुए iPhone 15 , जानिए नया आईफोन कितना अपग्रेड, कितनी है कीमत

Apple Event 2024 : 79,900 में iPhone 16 लॉन्च, AI फीचर्स मिलेंगे, एपल ने वॉच 10 सीरीज भी की पेश

iPhone 16 के लॉन्च से पहले हुआ बड़ा खुलासा, Apple के दीवाने भी हैरान

Samsung Galaxy A06 : 10000 से कम कीमत में आया 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाला सैमसंग का धांसू फोन

अगला लेख