'मैं गे हूं, मेरा यौन उत्पीड़न महिला ने किया'

Webdunia
शुक्रवार, 20 अक्टूबर 2017 (10:01 IST)
बीते तीन दिनों से सोशल मीडिया पर #METOO हैशटैग के साथ महिलाएं अपने साथ हुई यौन उत्पीड़न की घटनाएं शेयर कर रही हैं। लेकिन यौन उत्पीड़न झेलने वालों में महिलाएं अकेली नहीं हैं। 
 
दो साल पहले ग्लासगो की एक पार्टी में फ्रैंक मैकगोवेन के साथ यौन उत्पीड़न हुआ था। फिल्म निर्माता फ्रैंक गे हैं। फ्रैंक ने कहा, ''जब मेरे साथ वो सब हुआ, तब मैं तनाव से घिर गया था। मुझे कई बार आत्महत्या के भी ख्याल आए।''
 
वो कहते हैं, ''मेरे साथ ऐसा करने वाली चेरिल कॉटरेल नाम की महिला थीं। इसलिए मुझे ख़तरे का बिलकुल एहसास ही नहीं हुआ।''
 
इस मामले के सामने आने के बाद 29 साल की चेरिल को यौन अपराधी माना गया। ग्लासगो शेरिफ कोर्ट में अगस्त महीने में हुए ट्रायल के बाद उन्हें 120 घंटे की कम्युनिटी सेवा करने का आदेश दिया गया।
 
लोगों का मिल रहा है समर्थन
फ्रैंक ने जब से अपनी कहानी बताई है, सैकड़ों लोग उनके समर्थन में आ चुके हैं। उन्हें दुनिया भर से समर्थन भरे संदेश मिल रहे हैं।
 
फ्रैंक को उनकी फिल्म लुकिंग आफ्टर मम के लिए बाफ्टा के लिए नॉमिनेट किया गया था। रेप क्राइसिस स्कॉटलैंड का कहना है कि किसी महिला की ओर से यौन उत्पीड़न किए जाने के मामलों में सिर्फ़ एक फ़ीसदी लोग ही उनसे संपर्क करते हैं।
 
36 साल के फ्रैंक यौन उत्पीड़न के पीड़ित थे, इसलिए वो चाहें तो अपनी पहचान छिपा सकते थे। लेकिन फ्रैंक हिम्मत करके सामने आने का फ़ैसला करते हैं ताकि यौन उत्पीड़न के मामलों के पीड़ितों का हौसला बढ़ा सके।
 
पढ़िए फ्रैंक की कहानी, उन्हीं की ज़ुबानी
*मैं इससे पहले कई बार ऐसे हालात में रहा हूं, जब लड़की नशे में हो और आपके पकड़े हुए हो, इसमें कोई दिक्कत भी नहीं है।
 
*मैं गे हूं और ये बात मैंने उस महिला को भी बताई। लेकिन उसने मेरा यकीन ही नहीं किया। मैं बार-बार उनके हाथ हटा रहा था लेकिन वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही थीं।
 
* वो मेरे छाती को ग़लत तरीके से छू रही थी और मेरे कान पर काट रही थी।
 
*हालात तब बिगड़ते गए, जब उन्होंने और शराब पी। तभी रसोई से एक सामान नीचे फर्श पर गिर जाता है। मैं उसे उठाने के लिए झुकता हूं।
 
*मेरी पतलून काफ़ी ढीली थी और शायद मेरी कमर का निचला हिस्सा दिख रहा था। तभी वो मुझे ज़ोर से पकड़ लेती हैं और मेरी पलतून में हाथ डाल देती है।
 
*वो अपनी उंगलियों को जबरन मेरे शरीर के अंगों पर चला रही थीं और मैं ये हरकतें देखकर परेशान और हैरान था। ये ज़्यादा देर तक नहीं चल पाया, क्योंकि मैं वहां से हटकर खड़ा हो गया।
 
*मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आख़िर ये मेरे साथ ऐसा क्यों कर रही है। ये बेहद अजीब और दर्दनाक था।
 
ये हमला मन को स्तब्ध करने वाला था। मुझे इस घटना के फ्लैशबैक आते हैं। मैं इस घटना से पोस्ट ट्रॉमा स्ट्रैस डिसॉर्डर (PTSD) का शिकार रहा।
 
*कई सुबहों तक मैं बिस्तर से उठ नहीं पाया, क्योंकि मैं पत्थर सा हो गया था। आपकी हालत ऐसी हो जाती है कि इस दुनिया में आप ही के साथ ऐसा क्यों हुआ?
 
*ख़ासतौर पर एक पुरुष होने के नाते मुझे लगा कि ये किसी दूसरे आदमी के साथ नहीं हो सकता।
 
*मैं बेहद सौभाग्यशाली रहा। जब से मैंने इस पर बात शुरू की है, रेडियो और टीवी प्रेजेंटर जेरेमी काइल ने मुझे बुलाया और कहा कि मैं बहुत बहादुर हूं। मुझे कई शुभचिंतक मिले।
 
*जब उन्होंने कहा कि वो मेरा ख़्याल रखेंगे, मेरी आंखों में आंसू आ गए। ये आपका अपनी कहानी बताने पर हुए असर को बयां करता है।

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