- फ़ैक्ट चेक टीम
'भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पीएम मोदी के क़रीब जाने से रोका और उनकी बेइज़्ज़ती की', इस दावे के साथ एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
11-12 जनवरी 2019 को दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में हुए बीजेपी के राष्ट्रीय आधिवेशन की ये तस्वीर फ़ेसबुक और ट्विटर समेत व्हॉट्सऐप पर भी शेयर की गई है। मध्यप्रदेश के इंदौर से प्रकाशित होने वाले सांध्य दैनिक अख़बार 'गुड इवनिंग' के एक आर्टिकल को कई फ़ेसबुक ग्रुप्स में शेयर किया गया है। आर्टिकल का शीर्षक है- 'शिवराज को शाह ने पीछे धकाया, मोदी को माला पहनाने से रोका'।
'वायरल इन इंडिया' नाम की वेबसाइट ने भी लिखा है कि 'चुनाव हारते ही शुरू हुई बेइज़्ज़ती, अमित शाह बोले- पीछे हटो शिवराज, जेटली ने भी झटका हाथ।' वेबसाइट के अनुसार 12 जनवरी को छपे इस आर्टिकल को 45 हज़ार से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है।
जिन लोगों ने इस तस्वीर को शेयर किया है, उन्होंने लिखा है कि 'शिवराज के साथ ऐसा व्यवहार इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वो मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव हार चुके हैं।' लेकिन अपनी पड़ताल में बीबीसी ने पाया कि पीएम नरेंद्र मोदी के माल्यार्पण के दौरान अमित शाह के शिवराज सिंह चौहान को बेइज़्ज़त करने का दावा ग़लत है।
असल में हुआ क्या था?
जैसा कि वायरल पोस्ट्स में भी लिखा गया था, अमित शाह और शिवराज सिंह की ये तस्वीर 11 जनवरी को दिल्ली में हुए बीजेपी के राष्ट्रीय आधिवेशन की है। बीजेपी के अनुसार इस राष्ट्रीय आधिवेशन में 12 हज़ार से ज़्यादा पार्टी कार्यकर्ताओं ने शिरकत की थी।
वायरल तस्वीर बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह के क़रीब एक घंटे लंबे भाषण से पहले खींची गई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माल्यार्पण के लिए मंच पर बुलाया गया था। माल्यार्पण के समय मंच पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर पीएम मोदी के बाईं ओर खड़े थे।
जबकि दाईं ओर खड़े पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, नितिन गडकरी और वरिष्ठ बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी एक बड़ी माला के मंच तक पहुँचने का इंतज़ार कर रहे थे।
जैसे ही माला को पीएम मोदी को पहनाने के लिए ले जाया गया, कैमरे पर अरुण जेटली और नितिन गडकरी के बीच से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निकलते दिखाई दिये, जिन्होंने उस माला को सिर्फ़ एक बार छूने की कोशिश की। इसके बाद वो दो क़दम पीछे हटकर अरुण जेटली के बगल में खड़े हो गए।
जब आप इस वीडियो को स्लो-मोशन में देखते हैं तो आपको पता चलता है कि जिस वक़्त शिवराज सिंह चौहान ने माला को छुआ, उसी समय अमित शाह पार्टी के किसी सदस्य को नरेंद्र मोदी के दाईं ओर आने का इशारा कर रहे थे।
अमित शाह का हाथ किसी को बुलाने के लिए उठा था, न कि शिवराज सिंह चौहान को आगे बढ़ने से रोकने के लिए। ये पूरा वाकया बीजेपी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल द्वारा पोस्ट किये गए 'अमित शाह के भाषण' में देखा जा सकता है। ये कहना कि अमित शाह ने शिवराज की बेइज़्ज़ती की, उन्हें मंच पर लताड़ा या उनका हाथ झटका, पूरी तरह से ग़लत है।