फेक न्यूज के विरुद्ध बीबीसी की अनूठी पहल, 'द रियल न्यूज' वर्कशाप 12 नवंबर से

Webdunia
शुक्रवार, 9 नवंबर 2018 (18:36 IST)
-रूपा झा (भारतीय भाषाओं की प्रमुख, बीबीसी वर्ल्ड सर्विस)
जो लोग मीडिया को समझते हैं, शिक्षित हैं और उन तक पहुंच रही खबरों की विश्वसनीयता का आकलन करते हैं, वे फर्ज़ी खबरों को कम फैलाते हैं। यही वजह है कि बीबीसी पत्रकारों की टीम ब्रिटेन और भारत के स्कूलों में जाकर मीडिया साक्षरता पर वर्कशॉप कर रही है।
 
‘द रियल न्यूज़’ नाम की ये वर्कशॉप बीबीसी के एक प्रोजेक्ट ‘बियोंड फ़ेक न्यूज़’ का हिस्सा है जो 12 नवंबर को शुरू हो रहा है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य दुनिया भर में फैल रही ग़लत और फर्ज़ी ख़बरों की समस्या का हल खोजना है।
ये प्रोजेक्ट मीडिया साक्षरता को लेकर उठाए गए बीबीसी के कई कदमों में से एक है। ‘द रियल न्यूज़’ मीडिया वर्कशॉप वैसा ही एक प्रोजेक्ट है जो हाल ही में ब्रिटेन में सफल रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत हम बच्चों को फ़ेक न्यूज़ को समझने और इससे निपटने के लिए हल खोजने में उनकी मदद करते हैं। 
 
भारत का टेलीकॉम रेगुलेटरी कमीशन कहता है कि भारत में एक अरब से ज़्यादा सक्रिय मोबाइल कनेक्शन हैं और बहुत कम समय में ही करोड़ों लोग ऑनलाइन आने लगे हैं। ज़्यादातर लोगों के लिए इंटरनेट का ज़रिया उनका मोबाइल फ़ोन ही है और बहुत से लोगों को खबरें चैट ऐप्स से मिलती हैं और वहीं वे उसे शेयर करते हैं।
 
ये लोगों से जुड़ने का एक अच्छा तरीका है लेकिन ये एक ऐसी जगह है जहां गलत या फ़र्ज़ी खबरें बिना किसी रोक-टोक के जल्दी फैलती हैं। लोगों के पास जानकारी और ख़बरों की बाढ़ आ जाती है और वे सच और झूठ में अंतर नहीं कर पाते। इसलिए बीबीसी की सोच है कि बच्चों और युवाओं को खबरों को समझना और उनकी सत्यता का आकलन सिखाना शुरू किया जाए।
 
ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ बच्चे और किशोर ही हैं जो चैट ऐप और इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उनसे शुरुआत करने की दो वजहें हैं। पहली तो ये कि वे अपने आस-पास के लोगों को प्रभावित कर सकते हैं जैसे उनके परिवार और उनके दोस्तों के परिवारों को भी। दूसरी बात ये कि ये बच्चे और किशोर उस दौर में बड़े हुए हैं जहां चैट ऐप और इंटरनेट बातचीत का प्रमुख माध्यम है। इस बात के मद्देनज़र हमने स्कूलों के लिए वर्कशॉप तैयार की ताकि छात्रों को मीडिया और डिजिटल दुनिया को लेकर जागरूक कर सकें, उन्हें उनके फ़ोन से मिलने वाले कंटेंट पर सोचने के लिए तैयार कर सकें और फ़ेक न्यूज़ को फैलाने से उन्हें रोक सकें। 
 
ये वर्कशॉप राजधानी दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के स्कूलों में की गई जहां बीबीसी का भारतीय ब्यूरो स्थित है। लेकिन हमारी टीमों ने अहमदाबाद, अमृतसर, चेन्नई, पुणे और विजयवाड़ा के स्कूलों में भी ये वर्कशॉप की। चार घंटे की इस वर्कशॉप को बच्चों के लिए इंटरएक्टिव बनाया गया जिसमें गेम्स, वीडियो और टीम एक्सरसाइज़ शामिल थीं। अंग्रेज़ी के अलावा उन्हें हिंदी, तमिल, तेलुगू, गुजराती, मराठी और पंजाबी में भी वर्कशॉप की गईं।
 
वर्कशॉप के अंत में बच्चों और छात्रों को हल के बारे में सोचने को कहा गया और उस पर अमल करने के लिए कहा गया। इसका नतीजा हुआ कि छात्रों ने फ़ेक न्यूज़ के बारे में जागरूक करने के लिए पोस्टर बनाए, परफॉर्मेंस तैयार की और गाने बनाए।
 
इनमें से कुछ को ये छात्र 12 नवंबर को ‘बियोंड फ़ेक न्यूज़’ कार्यक्रम में प्रस्तुत भी करेंगे। उसी हफ़्ते आईआईटी के छात्र गूगल इंडिया हेडक्वार्टर में आयोजित हैकथॉन में भी हिस्सा लेंगे। वे फ़ेक न्यूज़ से निपटने के लिए तकनीकी हल निकालने पर काम करेंगे।
 
गलत ख़बर जब बिना किसी रोकटोक के फैलती है तो समाज को गंभीर नुक़सान पहुंचा सकती है। ये उन न्यूज़ प्रोवाइडर्स में भी लोगों के भरोसे को खत्म करती है जो तथ्य जांचकर, रिसर्च करके खबरें बनाते हैं। बीबीसी जनता, टेक कंपनियों और दूसरे न्यूज़ प्रोवाइडर्स के साथ काम करना चाहती है क्योंकि फ़ेक न्यूज़ का हल किसी एक कंपनी या किसी एक क्षेत्र में नहीं है. इसके लिए हर तरफ़ से सहयोग की ज़रूरत है। 
 
फ़िलहाल हम दूसरे संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ जुड़कर इस प्रोजेक्ट को आगे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे युवाओं में मीडिया साक्षरता पहला और महत्वपूर्ण कदम है और इसका हिस्सा बनना हमारे लिए गर्व की बात है। 
 
युवाओं के बीच मीडिया को लेकर जागरूकता बढ़ाना पहला और अहम क़दम है। हमें गर्व है कि हम इसका हिस्सा बने हैं। अब समय आ चुका है कि ‘असली ख़बर’ की चर्चा एक असलियत बने।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

चीन की यह परियोजना भारत के लिए है 'वाटर बम', अरुणाचल के CM पेमा खांडू ने चेताया

nimisha priya : कैसे बचेगी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की जान, क्या होती है ब्लड मनी, किन हालातों में रुक सकती है फांसी

Donald Trump को Nobel Prize दिलाने के लिए उतावले क्यों हैं पाकिस्तान और इजराइल, क्या हैं नियम, कौन कर रहा है विरोध, कब-कब रहे हैं विवादित

बैकफुट पर CM रेखा गुप्ता, सरकारी आवास की मरम्मत का ठेका रद्द, जानिए कितने में हुआ था ठेका

Video : रिटायर होने के बाद क्या करेंगे गृह मंत्री अमित शाह, सहकारी कार्यकर्ताओं के सामने किया प्लान का खुलासा

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

OnePlus Nord 5 : 20 घंटे चलने वाली बैटरी, 50 MP कैमरा, वन प्लस का सस्ता स्मार्टफोन लॉन्च

Nothing Phone 3 की क्या है कीमत, जानिए इसके 10 दमदार फीचर्स

Nothing Phone 3 कल होगा लॉन्च, स्मार्टफोन में मिलेंगे ये खास फीचर्स, इतनी हो सकती है कीमत

POCO F7 5G : 7550mAh बैटरी वाला सस्ता स्मार्टफोन, जानिए Price और Specifications

10000 रुपए से कम कीमत में 6000mAh बैटरी वाला धांसू 5G फोन, फीचर्स कर देंगे हैरान

अगला लेख