जंगलराज में बर्बाद हुआ बिहार : पीएम मोदी मोदी ने कहा कि जंगलराज का मतलब है कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुसंस्कार और भ्रष्टाचार। ये कुसंस्कार से भरे लोग हैं, ये कुशासन चाहते हैं। भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर जैसे महान नेताओं ने बिहार को सामाजिक न्याय दिया, लेकिन जंगलराज आते ही बिहार में बर्बादी का दौर शुरू हो गया। राजद ने बिहार में विकास के पूरे माहौल को नष्ट कर दिया।
बेतिया ने देखा जंगलराज का सबसे डरावना रूप : प्रधानमंत्री ने कहा कि बेतिया ने, चंपारण ने RJD और कांग्रेस के जंगलराज का सबसे डरावना रूप देखा है। जंगलराज वालों ने सत्याग्रह की इस पुण्य भूमि को लठैतों और डकैतों का गढ़ बना दिया था। आए दिन यहां हत्याकांड होते थे, बहन-बेटियों का घर से बाहर निकलना मुश्किल था।ये सारी बातें मैं आपको इसलिए याद दिला रहा हूं, क्योंकि जहां कानून का राज खत्म होता है, वहां सबसे पहले गरीब, वंचित और पीड़ित बेहाल होता है। जहां कट्टे और रंगदारी का राज चलता है, वहां नौजवानों के सपने दम तोड़ देते हैं। जहां गुंडाराज होता है, वहां दुकानदारी चौपट हो जाती है, व्यापार और कारोबार ठप्प पड़ जाता है।
उद्योगों पर ताला लगाना जानते हैं कांग्रेस और राजद : प्रधानमंत्री ने कहा कि ये राजद और कांग्रेस वाले सिर्फ़ उद्योगों पर ताला लगाना जानते हैं। इनके 15 साल के जंगलराज में बिहार में एक भी बड़ा कारखाना नहीं लगा। मिथिला की मिलें भी बंद हो गईं। 15 साल के जंगलराज में बिहार में कोई बड़ा अस्पताल या मेडिकल कॉलेज नहीं बना, इसलिए जंगलराज वालों के मुंह से विकास की बातें सफेद झूठ हैं।
मछली पर क्या बोले मोदी : उन्होंने कहा कि एक समय था जब बिहार दूसरे राज्यों से मछली मंगाता था लेकिन NDA सरकार की नीतियों का असर है कि बिहार अब दूसरे राज्यों को मछली भेजने लगा है। ये हमारे मछली के क्षेत्र में काम करने वालों की ताकत है कि बड़े-बड़े लोग ये देखने आ रहे हैं। पानी में डूबकी लगा रहे हैं।
विकास के साथ विरासत का भी सम्मान : पीएम मोदी ने कहा कि आपके दामाद जी तो खुद प्रभु श्रीराम हैं। अयोध्या में सीतामढ़ी के दामाद जी का भव्य मंदिर बन गया है। अब माता के मायके की बारी है। पुनौरा धाम की भव्यता अब पूरी दुनिया देखेगी। हमारी सरकार यहां विकास भी कर रही है और विरासत को भी सम्मान दे रही है। हम इस क्षेत्र को रामायण सर्किट से जोड़ रहे हैं। सीतामढ़ी से अयोध्या के लिए सीधी रेल सेवा भी इसी प्लान का हिस्सा है।
edited by : Nrapendra Gupta