जब भी बॉक्स ऑफिस हिट्स की बात होती है, तो राजेन्द्र कुमार, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन या शाहरुख खान जैसे सितारों के नाम गूंजते हैं। लेकिन इन चर्चाओं में बॉलीवुड के असली ही-मैन धर्मेन्द्र का नाम अक्सर पीछे छूट जाता है।
वजह यह नहीं कि उन्होंने कम हिट दीं, बल्कि यह कि वे कभी अपने काम का बखान नहीं करते थे। धर्मेन्द्र न तो मीडिया में बड़े दावे करते थे, न ही अपनी उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटते थे। वे शोहरत से ज़्यादा सादगी में विश्वास रखते थे।
100 से ज्यादा सुपरहिट फिल्में, 60 जुबली हिट्स
यह सुनकर यकीन करना मुश्किल है कि धर्मेन्द्र ने 100 से ज्यादा ऐसी फिल्में दीं जो बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त मुनाफा लेकर आईं। इनमें से लगभग 60 फिल्में जुबली हिट्स रहीं। उस दौर में, जब फिल्में महीनों तक सिनेमाघरों में चलती थीं, धर्मेन्द्र की लोकप्रियता पूरे भारत में छाई रहती थी — चाहे पंजाब हो, बिहार, बंगाल या दक्षिण भारत।
धर्मेन्द्र की फिल्मों से हर किसी ने कमाया
धर्मेन्द्र के समय में उनकी फिल्मों से सिर्फ निर्माता या वितरक ही नहीं, बल्कि थिएटर मालिक, कैंटीन वाले और यहां तक कि साइकल स्टैंड चलाने वाले तक ने कमाया। उनकी फिल्में देश के छोटे कस्बों तक जबरदस्त कारोबार करती थीं।
कई बार तो एक ही शहर में उनकी सफल फिल्म 10 से 15 बार तक री-रिलीज़ की गई, और हर बार दर्शकों ने वही जोश दिखाया। यह बात आज के समय में सोच पाना भी मुश्किल है।
विनम्रता में लिपटा स्टारडम
जहां आजकल के सितारे दो-तीन हिट फिल्मों के बाद खुद को सुपरस्टार समझने लगते हैं, वहीं धर्मेन्द्र ने सफलता का हर श्रेय अपने माता-पिता, प्रशंसकों और ऊपर वाले को दिया।
वे अपनी तारीफ सुनकर शरमा जाते थे, और हर बार कहते — “यह सब मेरे चाहने वालों की बदौलत है।” शायद यही वजह है कि धर्मेन्द्र सिर्फ एक स्टार नहीं, बल्कि एक भावनात्मक प्रतीक बन गए।
छोटे निर्माताओं की भी मदद की
धर्मेन्द्र ने कभी पैसों को अपनी प्राथमिकता नहीं बनाया। वे रिश्तों को ज्यादा महत्व देते थे। उन्होंने कई छोटे निर्माताओं की फिल्में सिर्फ इसलिए कर लीं ताकि उनका नुकसान न हो।
चाहे किरदार छोटा रहा हो या फिल्म बी-ग्रेड, धर्मेन्द्र ने हमेशा सोचा कि “अगर मेरे नाम से किसी की नाव पार लगती है, तो इसमें क्या बुराई है।”
चार दशक तक बतौर हीरो राज किया
1960 में धर्मेन्द्र की पहली फिल्म रिलीज हुई और लगभग 40 वर्षों तक उन्होंने बतौर हीरो दर्शकों के दिलों पर राज किया। निर्माता उनके नाम पर पैसा लगाते थे, क्योंकि उन्हें पता था कि दर्शक टिकट घर तभी पहुंचेंगे जब पर्दे पर धर्मेन्द्र होंगे।
यह वह दौर था जब धर्मेन्द्र और उनके बेटे सनी देओल दोनों साथ-साथ फिल्मों में दिखते थे, फिर भी सफलता और पारिश्रमिक के मामले में धर्मेन्द्र कई सालों तक आगे रहे।
आज भी कोई नहीं तोड़ पाया धर्मेन्द्र का रिकॉर्ड
आज के दौर में जहां सितारे दो हिट फिल्मों के बाद थक जाते हैं, धर्मेन्द्र का रिकॉर्ड कोई तोड़ नहीं पाया। शाहरुख, सलमान, अक्षय जैसे बड़े सितारे भी हिट फिल्मों की संख्या में उनसे काफी पीछे हैं। धर्मेन्द्र का बॉक्स ऑफिस साम्राज्य अब भी बॉलीवुड इतिहास में बेमिसाल है।