जिस भारत ने सनी लियोनी को नई पहचान दी, उस पर ही उन्हें यकीन नहीं

Webdunia
मंगलवार, 12 मई 2020 (06:33 IST)
कोरोना वायरस का असर भारत में ज्यादा है या अमेरिका में? आसान सा जवाब है, अमेरिका, क्योंकि न केवल अमेरिका में संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा है बल्कि वहां भारत की तुलना में कोविड 19 के कारण मरने वालों की संख्या भी कहीं ज्यादा है। 
 
इसके बावजूद यदि कोई इस बात को आधार बनाकर भारत छोड़ कर अमेरिका जाए कि वहां सुरक्षा ज्यादा है तो यह तर्क बेतुका लगता है। 
 
सनी लियोनी ने अपने तीन बच्चों और पति के साथ भारत छोड़ा और अमेरिका स्थित अपने घर चली गईं। उन्होंने बच्चों का हवाला देते हुए अमेरिका को ज्यादा सुरक्षित कहा। 


 
सोशल मीडिया पर सनी ने लिखा “दुनिया की सभी मांओं को मदर्स डे की शुभकामनाएं। जब आपकी जिंदगी में बच्चे होते हैं तो आपकी प्राथमिकता और सलामती बैक सीट ले लेती है। मुझे और डेनिएल को यह मौका मिला कि हम अपने बच्चों को वहां ले जाए जहां ये कोरोना से सबसे ज्यादा सुरक्षित रहेंगे। हमारे घर से दूर घर, लॉस एंजिल्स में हमारा सीक्रेट गार्डन। मैं जानती हूं कि मेरी मां मुझसे ऐसा ही चाहती होंगी। मिस यू मॉम। हैप्पी मदर्स डे।”
 
इस पर सवाल उठाए जा सकते हैं कि क्या भारत पर सनी को यकीन नहीं है? यह जानते हुए भी कि अमेरिका में कोरोना का असर ज्यादा है उन्होंने भारत छोड़ा? क्या भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर सनी को विश्वास नहीं है? उन्हें अमेरिका पर ज्यादा भरोसा है? 


 
सनी लियोनी की जो आज पहचान है वो भारत के कारण ही है। एक पोर्न स्टार के रूप में उन्होंने भारत में कदम रखा था। उन्हें बिग बॉस शो में एंट्री मिली और रातों-रात वे इतनी लोकप्रिय हो गईं कि बड़े-बड़े सितारे इसके लिए तरसते हैं। 
 
सनी को यह अंदेशा था कि भारत के संकीर्ण मानसिकता वाले लोग उन्हें कभी नहीं स्वीकारेंगे, लेकिन हुआ इसका बिलकुल उल्टा। सनी को फिल्मों में भी काम मिला। बड़े स्टार्स ने भी उनके साथ काम किया। टीवी शोज़ में वे आईं। उसमें उन्होंने अपना पक्ष रखा। 
 
एक आम भारतीय भी उनका फैन बना। उनकी झलक पाने को बेताब रहा। किसी को भी सनी के अतीत से ज्यादा मतलब नहीं था। सनी को असीम प्यार मिला। वे सबसे ज्यादा सर्च करने वाली सेलिब्रिटी बन गईं। तमाम सुपरस्टार्स, खिलाड़ी और नेताओं को उन्होंने इस मामले में मीलों पीछे छोड़ दिया। 
 
सनी को खूब पैसा भी मिला, लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात ये कि उन्हें नई पहचान मिली। उन्हें सभी के द्वारा स्वीकारे जाने की जो खुशी मिली वो तो अनमोल है। इसके बावजूद उन्होंने भारत से जाने का निर्णय ले लिया। 
माना कि वे हमेशा के लिए नहीं गईं। परिस्थितियां सामान्य होते ही वे लौट आएंगी, लेकिन उन्होंने 'भारत' और उनके लोगों के 'प्यार' पर भरोसा नहीं रखा और यही अखरने वाली बात है। 

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