रील लाइफ को रियल लाइफ पर कभी हावी नहीं होने देते मनोज बाजपेयी

रूना आशीष
गुरुवार, 18 मार्च 2021 (11:48 IST)
मुझे बचपन से ही दरोगा जी बनने का बड़ा शौक था। हालांकि मैंने कई बार फिल्मों और सीरीज में पुलिस की भूमिका निभाई है, लेकिन मुझे यह शख्सियत हमेशा पसंद आती रही है। मुझे आज भी याद है बचपन में हमारे गांव में या हमारे बस्ती में कभी कोई दरोगा जी आ जाए तो लोग उन्हें आदर के साथ बुलाते थे। बड़े सम्मान देकर उन्हें कुर्सी देते थे चाय नाश्ता पूछा करते थे और बड़े ही तरीके से उनसे बातें किया करते थे तो मुझे लगता था कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण इंसान रहा है। 

 
आज जब इंस्पेक्टर के रोल के बारे में सोचता हूं, पुलिस वालों के बारे में सोचता हूं तो लगता है कि यूनिफॉर्म से ज्यादा जरूरी है कि यह वर्दी पहनी किसने है? यह कहना है मनोज बाजपेयी का, जो कि फिल्म 'साइलेंस' के जरिए बहुत ही जल्द लोगों के सामने आने वाले हैं।
 
मनोज आगे बताते हैं कि मेरे साथ में और मेरे कस्बे के कई दोस्त अब आईपीएस ऑफिसर बन गए हैं तो जब भी मैं उनसे मिलता हूं। मैं सब को कहता कि मैंने अपनी जिंदगी में तुम सब का रोल प्ले कर लिया है। मेरा रोल इस फिल्म में एसीपी अविनाश का है जो एक बहुत ही एकाकी जीवन जी रहा है। 
 
इसके निजी जीवन में बात कुछ ऐसी हुई है कि वह अपने पत्नी से और अपनी बच्ची से अलग हो चुका है। अब पत्नी विदेश में जाकर बस चुकी है और उसकी दूसरी शादी भी हो गई है। जबकि उसकी बेटी यह कहती है कि एक न एक दिन वह अपने पापा से मिलने भारत जरूर लौटेगी।
 
अब इस एसीपी का सपना यही है कि कब उसे अपनी बेटी से मिलने का मौका मिलेगा और कब उसे देख सकेगा? मेरे इस कैरेक्टर में एक खास बात यह भी है कि जब उसे अपने पर्सनल लाइफ में अपनी बातों को बांटने वाला कोई नहीं मिलता है तो वह अपनी टीम में मैंने अपने प्रोफेशनल जिंदगी में उन्ही रिश्तो को ढूंढने की कोशिश करता है और इसी वजह से अपने टीम के सदस्यों के साथ बहुत ही अच्छे तरीके से पेश आता है।
 
आप असल जिंदगी में कितने एसीपी अविनाश की तरह हैं?
बिल्कुल भी नहीं हूं। मैं बहुत अलग हूं। अविनाश के पास घर परिवार नहीं है जो अपने बच्चे की राह देख रहा है ऐसा मेरा नहीं है। मेरी रियल जिंदगी में असल जिंदगी में ऐसा बिल्कुल नहीं है और मैं अविनाश की तरह बहुत देर तक शांत नहीं बैठा रह सकता। काम खत्म होने के बाद मेरे एक्टिंग किया जितना भी इमोशन मुझ पर हावी है, मैं उसे उतार कर रख देता हूं। 
 
अपनी टीम मेंबर के साथ भी ऑफ स्क्रीन बिल्कुल सीरियस नहीं रहता। सच कहूं तो मुझे अपने किसी भी किरदार को बहुत संजीदगी से लेना पसंद ही नहीं आता है। मैं बहुत हल्के-फुल्के माहौल में बातचीत करना, मस्ती करना यह सब करना पसंद करता हूं। वैसे तो होता यह है आमतौर पर कि मैं टीम के साथ ही खाना खाना भी पसंद करता हूं। लेकिन अभी मैं एक साथ डाइट पर हूं जो जून तक चलने वाली है और इसी वजह से मैं अभी इन लोगों के साथ खाना नहीं खा सका, लेकिन एक बात तय है जून में जैसी मेरी है, डाइट प्लान पूरा हो जाएगा। मैं इन लोगों के साथ खूब खुलकर मस्ती करने वाला हूं और खूब पार्टी मनाने वाला हूं।
 
मनोज आपको कोरोना पॉजिटिव हैं और होम क्वारंटीन भी हैं। कैसे हैं आप?
मैं भगवान से दुआ मांगता हूं कि कभी किसी को कोविड-19 नहीं हो। बहुत खतरनाक बीमारी है मैं एक भी जगह पर ज्यादातर बैठ नहीं पाता। अक्सर सो जाता हूं या फिर लेट कर आराम करता हूं और सिर दर्द होता है। अभी मैं आपसे बात भी कर रहा हूं तभी हल्के से मेरा सर दर्द शुरू हो गया है। लेकिन फिर भी इस समय भी मैंने एक मलयालम फिल्म देखी है और अभी क्राउन वेब सीरीज देख रहा हूं, लेकिन एक बात तय है जैसी ठीक हो जाऊंगा जो जो देख सकता हूं सब देख लूंगा मैं।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

बॉलीवुड हलचल

तमन्ना भाटिया से ब्रेकअप के बाद विजय वर्मा ने कि ‍रिलेशनशिप को लेकर बात, बोले- रिश्तों को आइसक्रीम समझे...

सिकंदर के मेकर्स को लगा झटका, एचडी प्रिंट में ऑनलाइन लीक हुई फिल्म

क्या तारक मेहता का उल्टा चश्मा में होने जा रही नई दयाबेन की एंट्री, असित मोदी ने दिया जवाब

लुटा-पिटा है ये सिकंदर, मनोरंजन की जगह सिरदर्द | सिकंदर फिल्म समीक्षा

सलमान खान की सिकंदर ने रिलीज के साथ ही बनाया यह धांसू रिकॉर्ड!

सभी देखें

जरूर पढ़ें

Loveyapa review: मोबाइल की अदला-बदली से मचा स्यापा

देवा मूवी रिव्यू: शाहिद कपूर और टेक्नीशियन्स की मेहनत पर स्क्रीनप्ले लिखने वालों ने पानी फेरा

Sky Force review: एयर फोर्स के जांबाज योद्धाओं की कहानी

आज़ाद मूवी रिव्यू: अमन-साशा की बिगड़ी शुरुआत, क्यों की अजय देवगन ने यह फिल्म

इमरजेंसी मूवी रिव्यू: कंगना रनौट की एक्टिंग ही फिल्म का एकमात्र मजबूत पक्ष

अगला लेख