आर्या से लेकर पुष्पा तक, देखिए निर्देशक सुकुमार की बेहतरीन फिल्मों की लिस्ट

WD Entertainment Desk
शनिवार, 11 जनवरी 2025 (15:16 IST)
सुकुमार एक ऐसे फिल्ममेकर हैं जिनकी सोच सिनेमा के लिए काफी अलग और विजनरी है। उनकी फिल्मों में हमेशा अलग-अलग तरह की कहानियां होती हैं, जिन्हें वो अपनी बेहतरीन डायरेक्शन के साथ बड़े स्क्रीन पर एक शानदार अनुभव बना देते हैं। 
 
सुकुमार की खास सोच उनकी फिल्मों में साफ दिखती है, जो न सिर्फ दर्शकों को थिएटर तक खींच लाती हैं, बल्कि फिल्म बनाने के नए बेंचमार्क भी सेट करती हैं। सुकुमार का लिखने का तरीका बहुत अलग और बेहतरीन है, जो उन्हें आज के बेहतरीन लेखकों में शुमार करता है। ऐसे में उनके जन्मदिन पर, जानते हैं उनकी कुछ फिल्में, जो देखना हर फिल्म प्रेमी के लिए जरूरी हैं।
 
पुष्पा 1 और 2
'पुष्पा : द राइज' और 'पुष्पा 2 : द रूल' के साथ सुकुमार ने एक ऐसी पैन-इंडिया फिल्म बनाई, जो इतिहास में सबसे बड़ी फिल्मों में से एक बन गई। पुष्पराज के आइकॉनिक किरदार से लेकर उसके ट्रेंडसेटिंग डायलॉग्स और अल्लू अर्जुन, रश्मिका मंदाना, और फहाद फासिल की शानदार कास्टिंग तक, निर्देशक ने एक ऐतिहासिक माइलस्टोन कायम किया है। फिल्म ने न सिर्फ दिलों को जीता है, बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी रिकॉर्ड तोड़े हैं। खास बात ये है कि पुष्पा 2 : द रूल ने सिर्फ हिंदी मार्केट में 800 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की है, जबकि रिलीज के महज 32 दिनों में इसका वर्ल्डवाइड कलेक्शन 1,800 करोड़ रुपए को पार कर गया, जो एक शानदार उपलब्धि है।
 
आर्या 1 और 2
अपनी डेब्यू फिल्म आर्या से, सुकुमार ने एक दिलचस्प लव ट्राएंगल को पेश किया। फिल्म में, अल्लू अर्जुन ने आर्या का किरदार निभाया, जो एक जोशीला युवक है, जो गीता (अनुराधा मेहता) से प्यार करता है और उसे कॉलेज के एक गुंडे, अजय (शिवा बालाजी) से बचाने की कोशिश करता है। सुकुमार ने बाद में आर्या 2 के साथ इस फ्रेंचाइज़ी का सीक्वल पेश किया। आर्या फ्रेंचाइज़ी को अल्लू अर्जुन के सबसे बेहतरीन कामों में से एक माना जाता है, और इसने उनकी एक्टिंग करियर में एक बड़ा ब्रेकथ्रू भी दिया। साथ ही, इसने सुकुमार को तेलुगु सिनेमा में एक टैलेंटेड डायरेक्टर के तौर पर पहचान दिलाई।
 
रंगस्थलम
रंगस्थलम अपनी बेहतरीन विजुअल्स और मजबूत परफॉर्मेंसेस के लिए सुकुमार के सबसे शानदार कामों में से एक मानी जाती है। फिल्म में राम चरण ने चित्ती बाबू का रोल निभाया है, जो एक सुनने में असमर्थ गांववाला है और अपने गांव में बदलाव लाने के लिए एक भ्रष्ट नेता से मुकाबला करता है। फिल्म को अच्छे रिव्‍यूज़ मिले, और खासकर सुकुमार की बेहतरीन राइटिंग को जमकर सराहा गया।
 
1: नेनोक्कादीन
महेश बाबू और कृति सेनन स्टारर 1: नेनोक्कडिने सुकुमार द्वारा बनाई गई एक अनोखी सिनेमा की रचना है। यह एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर है, जिसमें गौतम, एक रॉक म्यूज़िशियन, अपने दर्दनाक बचपन से जूझते हुए नजर आता है। गौतम के दिमाग का 25% हिस्सा गायब है, वो स्किजोफ्रेनिक है और उसे लगता है कि उसके माता-पिता को तीन लोगों ने मारा है, जिन्हें वो अक्सर हैल्यूसिनेट करता है। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि उसे पता चलता है कि ये मर्डरर्स असल में मौजूद हैं, और फिर वो उन्हें ढूंढने की कोशिश करता है। फिल्म को 'दशक की 25 सबसे बड़ी तेलुगु फिल्मों' में से एक माना जाता है, और इसने सुकुमार की फिल्ममेकर के तौर पर शानदार प्रतिभा को और भी मजबूत किया है।
 
नान्नाकु प्रेमथो
एन. टी. रामा राव जूनियर, जगपति बाबू, राजेंद्र प्रसाद और रकुल प्रीत सिंह स्टारर नानाकू प्रेमाथो को अच्छे रिव्यूज़ मिले और ये बॉक्स ऑफिस पर हिट रही। सुकुमार की डायरेक्शन ने इसे एक बिलकुल अलग तरह की तेलुगु फिल्म बना दिया, क्योंकि उन्होंने इसकी कहानी में बटरफ्लाई इफेक्ट के कॉन्सेप्ट को शामिल किया है। ये कहानी एक बिजनेसमैन कृष्ण मूर्ति कौटिल्या (जगपति बाबू) से बदला लेने की है, लेकिन इसे बहुत ही दिलचस्प और पेचीदा तरीके से दिखाया गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

बॉलीवुड हलचल

देवा के भसड़ मचा गाने ने मचाई धूम, झूमने पर मजबूर कर देंगे शाहिद कपूर और पूजा हेगड़े के मूव्स

लॉस एंजेलिस के जंगल में लगी आग की वजह बेघर हुईं ब्रिटनी स्पीयर्स, होटल में ली शरण

दिग्गज अभिनेता टीकू तलसानिया को आया हार्ट अटैक, हालत गंभीर!

राम चरण की गेम चेंजर की धमाकेदार शुरुआत, पहले दिन दुनियाभर में किया इतना कलेक्शन

जुनैद खान-खुशी कपूर की लवयापा का ट्रेलर रिलीज, फोन की अदला-बदली से मच गया बवाल

सभी देखें

जरूर पढ़ें

भूल भुलैया 3 मूवी रिव्यू: हॉरर और कॉमेडी का तड़का, मनोरंजन से दूर भटका

सिंघम अगेन फिल्म समीक्षा: क्या अजय देवगन और रोहित शेट्टी की यह मूवी देखने लायक है?

विक्की विद्या का वो वाला वीडियो फिल्म समीक्षा: टाइटल जितनी नॉटी और फनी नहीं

जिगरा फिल्म समीक्षा: हजारों में एक वाली बहना

Devara part 1 review: जूनियर एनटीआर की फिल्म पर बाहुबली का प्रभाव

अगला लेख