Biodata Maker

Buddha Jayanti 2021: गौतम बुद्ध के संबंध में 6 चमत्कारिक बातें

अनिरुद्ध जोशी
बुद्ध के जन्म के बाद एक भविष्यवक्ता ने राजा शुद्धोदन से कहा था कि यह बालक चक्रवर्ती सम्राट बनेगा, लेकिन यदि वैराग्य भाव उत्पन्न हो गया तो इसे बुद्ध होने से कोई नहीं रोक सकता और इसकी ख्‍याति समूचे संसार में अनंतकाल तक कायम रहेगी। राजा शुद्धोदन सिद्धार्थ को चक्रवर्ती सम्राट बनते देखना चाहते थे इसीलिए उन्होंने सिद्धार्थ के आस-पास भोग-विलास का भरपूर प्रबंध कर दिया ताकि किसी भी प्रकार से वैराग्य उत्पन्न न हो। बस यही गलती शुद्धोदन ने कर दी और सिद्धार्थ के मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया। आओ जानते हैं बुद्ध के चमत्कारों के बारे में।
 
 
1. कहते हैं कि एक बार बुद्ध को मारने के लिए एक पागल हाथी छोड़ा गया था लेकिन वह हाथी बुद्ध के पास आकर उनके चरणों में बैठ गया था। यह भी कहा जाता है कि वह हाथी एक बालक को कुचलने वाला था परंतु बुद्ध ने उस हाथी को अपने प्रभाव से शांत कर दिया था।
 
2. अंगुत्तर निकाय के अनुसार यह भी कहा जाता है कि एक बार उन्होंने एक नदी पर पैदल चलकर उसे पार किया था। संभवत: यह नदि निरंजना थी।

 
3. अंगुत्तर निकाय धम्मपद अठ्ठकथा के अनुसार वैशाली राज्य में तीव्र महामारी फैली हुए थी। मृत्यु का तांडव नृत्य चल रहा था। लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि इससे कैसे बचा जाए। हर तरफ मौत थी। लिच्छवी राजा भी चिंतित था। कोई उस नगर में कदम नहीं रखना चाहता था। दूर दूर तक डर फैला था। भगवान बुद्ध ने यहां रतन सुत्त का उपदेश दिया जिससे लोगों के रोग दूर हो गए।

 
4. बुद्ध की ना तो प्राकृतिक रूप से मृत्यु हुई, ना किसी दुर्घटना से। उन्होंने खुद की मृत्यु का समय और दिन तय करके देह को छोड़ दिया था। कहते हैं कि उन्होंने एक गरीब के यहां भोजन किया और उस भोजन को करने के बाद वे बीमार हुए, लेकिन उन्होंने भिक्षुओं से कहा कि उसे गरीब से कहना कि यह मेरा ही चुनाव था। 

 
कहते हैं कि भगवान बुद्ध ने एक वृक्ष के नीचे लेटकर अपने शिष्यों से पूछा कि अंतिम बार कुछ पूछना चाहते हो तो पूछें। अंत में भगवान बुद्ध ने कहा, 'हे भिक्षुओं, इस समय आज तुमसे इतना ही कहता हूंकि जितने भी संस्कार हैं, सब नाश होने वाले हैं, प्रमाद रहित हो कर अपना कल्याण करो। अप्प दीपो भव:। ऐसा कहते हुए देह को त्याग दिया। भगवान बुद्ध ने भिक्षुओं के आग्रह पर उन्हें वचन दिया था कि मैं 'मैत्रेय' से पुन: जन्म लूंगा। तब से अब तक 2500 साल से अधिक समय बीत गया।

 
5.गौतम बुद्ध को अपने कई जन्मों की स्मृतियां थीं और यह भी वे अपने भिक्षुओं के भी कई जन्मों को जानते थे। यही नहीं वे अपने आसपास के पशु, पक्षी और पेड़-पौधे आदि के पूर्वजन्मों के बारे में भी भिक्षुओं को बता देते थे। जातक कथाओं में बुद्ध के लगभग 549 पूर्व जन्मों का वर्णन है।

 
6. बुद्ध ने अपने जन्म, संबोधि, निर्वाण और महापरिनिर्वाण में सभी समय का गजब तालमेल रखा। वैशाख पूर्णिमा के दिन नेपाल के लुम्बिनी वन में एक वृक्ष के नीचे बुद्ध का जन्म हुआ। इसी दिन उन्होंने बोधगया में एक वृक्ष के नीचे जाना कि सत्य क्या है और इसी दिन 80 वर्ष की उम्र में कुशीनगर में दो वृक्षों ने नीचे अलविदा कह गए। उनके मरने पर 6 दिनों तक लोग दर्शनों के लिए आते रहे। सातवें दिन शव को जलाया गया।

 
बुद्ध ने कहा, 'मेरा जन्म दो शाल वृक्षों के मध्य हुआ था, अत: अन्त भी दो शाल वृक्षों के बीच में ही होगा। अब मेरा अंतिम समय आ गया है।' आनंद को बहुत दु:ख हुआ। वे रोने लगे। बुद्ध को पता लगा तो उन्होंने उन्हें बुलवाया और कहा, 'मैंने तुमसे पहले ही कहा था कि जो चीज उत्पन्न हुई है, वह मरती है। निर्वाण अनिवार्य और स्वाभाविक है। अत: रोते क्यों हो? बुद्ध ने आनंद से कहा कि मेरे मरने के बाद मुझे गुरु मानकर मत चलना।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Diwali 2025: धनतेरस पर भूलकर भी उधार में ना दें ये 4 चीजें, रूठ जाती हैं मां लक्ष्मी

Tula sankranti 2025: तुला संक्रांति पर 12 राशियों के जातक करें ये खास उपाय, मिलेगा मनचाहा फल

Diwali 2025: क्या लक्ष्मी जी के दत्तक पुत्र हैं श्रीगणेश?, जानिए दिवाली पर लक्ष्मी जी के साथ क्यों पूजे जाते हैं

Diwali 2025: दिवाली की सफाई में घर से मिली ये 4 चीजें देती हैं मां लक्ष्मी की कृपा का संकेत

Govatsa Dwadashi 2025: गोवत्स द्वादशी कब है? जानें व्रत के नियम, मुहूर्त, पूजा विधि और पौराणिक कथा

सभी देखें

धर्म संसार

Diwali numerology secrets: अंक शास्त्र का रहस्य, दिवाली पर धन को आकर्षित करने वाले अचूक नुस्खे

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (16 अक्टूबर, 2025)

16 October Birthday: आपको 16 अक्टूबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 16 अक्टूबर, 2025: गुरुवार का पंचांग और शुभ समय

Dhanteras 2025: धनतेरस की शाम भूलकर भी न करें इन 5 चीजों का दान, वर्ना हो जाएंगे कंगाल

अगला लेख