नई दिल्ली। एसयूवी (SUV) के प्रति भारतीयों का प्रेम लगातार बढ़ रहा है और वाहन विनिर्माता इसे और प्रगाढ़ करने की कोशिश कर रहे हैं। शायह यही वजह है कि बीते 5 साल में 36 एसयूवी मॉडल (SUV model) भारतीय बाजार में उतारे गए हैं।एसयूवी श्रेणी का योगदान उद्योग में बढ़कर 40 फीसदी हो गया।
एसयूवी का क्रेज इतना ज्यादा है कि कुछ सबसे ज्यादा लोकप्रिय मॉडल पाने के लिए लोगों को दो साल तक का इंतजार करना पड़ रहा है, बल्कि इसके बाद भी ऑर्डर मिलते जा रहे हैं। कार खरीदार वाहनों पर ज्यादा खर्च करने को तैयार हैं और वाहन के शीर्ष संस्करण को प्राथमिकता दे रहे हैं जिनमें सनरूफ और इससे संबंधित प्रौद्योगिकियों जैसी खूबियां हों।
ऐसा बाजार जहां हैचबैक की बिक्री सबसे ज्यादा हुआ करती थी वहां पर शुरुआती स्तर की और मध्यम आकार के स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं और यही वजह है कि इस श्रेणी के नए-नए मॉडल बाजार में उतारे जा रहे हैं।
मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, बीते कुछ वर्षों में एसयूवी श्रेणी में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। एसयूवी श्रेणी का योगदान उद्योग में करीब 19 प्रतिशत हुआ करता था जो 2021-22 में बढ़कर 40 फीसदी हो गया तथा यह और बढ़ता जा रहा है।
मांग बढ़ने के साथ शुरुआती स्तर की एसयूवी श्रेणी की पिछले वित्त वर्ष में घरेलू यात्री वाहन बाजार में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रही और इसने 2011 से बाजार पर राज करने वाली प्रीमियम हैचबैक को पीछे छोड़ दिया।
पिछले वर्ष 30.68 लाख इकाइयों में से 6.52 लाख इकाई शुरुआती स्तर की एसयूवी की थी। हैरानी की बात नहीं कि पिछले पांच वर्षों में यात्री वाहन श्रेणी में उतारे गए सर्वाधिक मॉडल कॉम्पैक्ट और मध्यम स्तर की एसयूवी के थे।
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा कि अलग किस्म की डिजाइन, बदलती जीवनशैली, महामारी के कारण सार्वजनिक के बजाय निजी परिवहन को अपनाने की प्रवृत्ति, सुरक्षा को लेकर बढ़ती जागरूकता और सुविधाजनक खूबियों की मांग जैसे कारक हैं जो यात्री वाहन बाजार में वृद्धि की वजह हैं।
किआ इंडिया के मुख्य बिक्री अधिकारी म्युंग-सिक सोन ने कहा कि भारतीयों में एसयूवी की मांग लगातार बढ़ रही है। इससे पता चलता है कि आज भारतीय बोल्ड और स्टाइलिश वाहन चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमने कैरेंस को इस साल उतारा है। पांच माह से भी कम समय में हम इसकी 30,000 से ज्यादा इकाइयां बेच चुके हैं।(भाषा)