क्यों Gen Z को नौकरी देने से बच रहीं हैं कंपनियां? वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

WD Feature Desk
शुक्रवार, 20 जून 2025 (16:16 IST)
why companies are not hiring generation z: आजकल, बड़ी कंपनियां Gen Z के युवाओं को नौकरी पर रखने से कतरा रही हैं। ये बात वाकई में चौंकाने वाली है क्योंकि कि यह पीढ़ी डिजिटल रूप से बेहद कुशल और नई सोच वाली है। ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर किन कारणों से कम्पनियां इस नई जनरेशन को मौका नहीं देना चाहतीं। हाल ही में सामने आई कुछ चौंकाने वाली वजहें इस रहस्य पर से पर्दा उठाती हैं। आइये जानते हैं :

कैसी है Gen Z की दुनिया:
Gen Z (जो लोग 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए) एक ऐसी पीढ़ी है जो इंटरनेट, सोशल मीडिया और स्मार्टफोन के साथ पली-बढ़ी है। वे त्वरित जानकारी, तत्काल संतुष्टि और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति के आदी हैं। वे काम की जगह पर लचीलापन, उद्देश्यपूर्ण काम और एक सहायक वातावरण की तलाश में रहते हैं। लेकिन, क्या ये उम्मीदें कंपनियों की अपेक्षाओं से मेल खाती हैं?

किन कारणों से कंपनियों की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरते Gen Z :
कई बड़ी कंपनियों के एचआर मैनेजरों और टीम लीडर्स से बातचीत करने पर कुछ दिलचस्प कारण सामने आए हैं:
प्रतिबद्धता की कमी (lack of Commitment): Gen Z के कई युवा एक ही नौकरी पर लंबे समय तक टिके रहने के बजाय, अनुभव प्राप्त करने और अपने कौशल को बढ़ाने के लिए अक्सर नौकरियां बदलते रहते हैं। कंपनियों को लगता है कि उन्हें प्रशिक्षित करने में निवेश करने के बाद वे जल्दी ही नौकरी छोड़ सकते हैं, जिससे उनका निवेश बेकार चला जाता है।

लचीलेपन की अत्यधिक मांग (Excessive Demand for Flexibility): Gen Z के युवा वर्क-लाइफ बैलेंस को बहुत महत्व देते हैं और रिमोट वर्क, फ्लेक्सिबल घंटे और कम काम के दिनों की मांग करते हैं। जबकि कुछ कंपनियां इसे समायोजित कर रही हैं, कई बड़ी और पारंपरिक कंपनियां अभी भी सख्त कार्यालय समय और कार्य संस्कृति को पसंद करती हैं।

प्रेशर में काम करने में कमजोर (Lower Pressure Tolerance): कुछ एचआर पेशेवरों का मानना है कि Gen Z के युवा पिछली पीढ़ियों की तुलना में कार्यस्थल के दबाव और आलोचना को कम सहन कर पाते हैं। वे त्वरित प्रतिक्रिया और निरंतर प्रशंसा की उम्मीद करते हैं, जो हमेशा व्यावसायिक वातावरण में संभव नहीं होता।

" मेरे लिए इसमें क्या है?" वाली मानसिकता ("What's in it for me?" Mindset): यह पीढ़ी अपने करियर के हर कदम पर व्यक्तिगत विकास, सीखने के अवसर और स्पष्ट लाभों की तलाश करती है। यदि उन्हें लगता है कि कोई नौकरी उनके व्यक्तिगत लक्ष्यों को पूरा नहीं कर रही है, तो वे उसे छोड़ने में संकोच नहीं करते।

 कम्युनिकेशन कौशल में कमी (Lack of Communication Skills): डिजिटल संचार पर अत्यधिक निर्भरता के कारण, कुछ Gen Z के युवाओं में आमने-सामने के संचार और पेशेवर ईमेल शिष्टाचार में कमी देखी गई है, जो टीम वर्क और ग्राहक संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है।

वास्तविक दुनिया के अनुभव की कमी (Lack of Real-World Experience): भले ही वे डिजिटल रूप से कुशल हों, कई Gen Z के युवाओं को औपचारिक कार्यस्थल के अनुभवों की कमी होती है, जैसे कि मीटिंग में भाग लेना, प्रस्तुतीकरण देना, या सहकर्मियों के साथ समस्याओं का समाधान करना।

वैसे ये विषय एक ऐसा विषय है जो सीधे हमारी भावी पीढ़ी से जुड़ा है और इस पर गंभीरता से विमर्ष की आवश्यकता है।

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