छठ खरना कैसे होता है? जानिए खास बातें

Webdunia
शनिवार, 29 अक्टूबर 2022 (10:53 IST)
Chhath puja kharna 2022 : चार दिन के त्योहार छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय और दूसरे दिन खरना होता है। छठ पूजा व व्रत का प्रारंभ हिन्दू माह कार्तिक माह के शुक्ल की चतुर्थी तिथि से होता है और षष्ठी तिथि को कठिन व्रत रखा जाता है तथा दूसरे दिन सप्तमी को इसका पारण होता है। आओ जानते हैं कि खरना क्या और कैसा होता है।
 
खरना कैसा होता है | Chhath puja kharna 2022:
 
1. खरना का अर्थ साफ और शुद्ध करना और शुद्ध खाना खाना। खरना को लोहंडा भी कहते हैं। इस दिन भोजन, प्रसाद बनाने में शुद्धता का पालन किया जाता है।
 
2. खरना के दिन से ही 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ हो जाता है।
 
3. खरना कार्तिक शुक्ल पंचमी को रहता है। इस दिन खरना का भोजन और छठ का प्रसाद बनाया जाता है।
 
4. इस दिन प्रसाद बनाने के लिए नए मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है, जिस पर साठी के चावल, दूध और गुड़ की खीर बनाई जाती है।
 
5. खरना में पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को गुड़ की खीर, घी लगी हुई रोटी और फलों का सेवन करते हैं। इसके बाद व्रत प्रारंभ हो जाता है। 
6. इस पूरे दिन जल भी ग्रहण नहीं किया जाता है। इसके बाद जब भोजन करते हैं तो अच्‍छे से शुद्ध जल ग्रहण करते हैं। 
 
7. खरना का प्रसाद और भोजन जो बच जाता है उसे घर के अन्य सदस्यों को प्रसाद रूप में दिया जाता है।
 
8. संध्या के समय नदी या तालाब पर जाकर सूर्य को जल दिया जाता है और इसके बाद छठ का कठिन व्रत आरंभ हो जाता है।

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