Biodata Maker

Chhath Puja 2023: छठ पूजा पर उषा और संध्या अर्घ्य कैसे देते हैं?

Webdunia
बुधवार, 15 नवंबर 2023 (13:30 IST)
Chhath Puja 2023: छठ पूजा 4 दिनों तक चलने वाला पर्व है जिसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होती है और कार्तिक शुक्ल सप्तमी को इस पर्व का समापन होता है। आओ इन चार दिनों में क्या खास करते हैं। पहले दिन नहाय खाये, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य का कार्य किया जाता है। षष्ठी के दिन संध्या अर्घ्य और षष्ठी के दूसरे दिन सप्तमी को उषाकाल में सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है जिसे पारण कहते हैं।
 
संध्या अर्घ्य:- 
छठ का यह तीसरा दिन महत्वपूर्ण होता है। इस दिन कार्तिक शुक्ल की षष्ठी होती है। संध्या षष्ठी को अर्घ्य अर्थात संध्या के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और विधिवत पूजन किया जाता है। शाम को बांस की टोकरी में ठेकुआ, चावल के लड्डू और कुछ फल रखें जाते हैं और पूजा का सूप सजाया जाता है और तब सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसी दौरान सूर्य को जल एवं दूध चढ़ाकर प्रसाद भरे सूप से छठी मैया की पूजा भी की जाती है। बाद में रात्रि को छठी माता के गीत गाए जाते हैं और व्रत कथा सुनी जाती है।
 
उषा अर्घ्य:-
उषा अर्घ्य अर्थात इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। पूजा के बाद व्रति कच्चे दूध का शरबत पीकर और थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत को पूरा करती हैं, जिसे पारण या परना कहा जाता है। यह छठ पर्व का समापन दिन होता है। यह मुख्य रूप से यह लोकपर्व है जो उत्तर भारत के राज्य पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लोग ही मनाते हैं। यहां के लोग देश में कहीं भी हो वे छठ पर्व की पूजा करते हैं।
 
भगवान सूर्य के अर्घ्यदान की विशेष महत्ता है। प्रतिदिन प्रात:काल रक्त चंदनादि से युक्त लाल पुष्प, चावल आदि ताम्रमय पात्र (तांबे के पात्र में) जल भरकर प्रसन्न मन से सूर्य मंत्र का जाप करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पुष्पांजलि देनी चाहिए।
1. प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व ही शैया त्याग कर शुद्ध, पवित्र स्नान से निवृत्त हों।
2. स्नानोपरांत श्री सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें।
3. नित्य संध्या के समय पर अर्घ्य देकर प्रणाम करें।
4. सूर्य के मंत्रों का जाप श्रद्धापूर्वक करें।
5. आदित्य हृदय का नियमित पाठ करें।
6. रविवार को तेल, नमक नहीं खाना चाहिए तथा एक समय ही भोजन करें।
7. स्वास्थ्य लाभ की कामना, नेत्र रोग से बचने एवं अंधेपन से रक्षा के लिए 'नेत्रोपनिषद्' का प्रतिदिन पाठ करना चाहिए।
 
इस अर्घ्यदान से भगवान सूर्य प्रसन्न होकर आयु, आरोग्य, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, कलत्र, तेज, वीर्य, यश, कान्ति, विद्या, वैभव और सौभाग्य को प्रदान करते हैं तथा सूर्य लोक की प्राप्ति होती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Baba vanga predictions: क्या है बाबा वेंगा की 'कैश तंगी' वाली भविष्यवाणी, क्या क्रेश होने वाली है अर्थव्यवस्था

मासिक धर्म के चौथे दिन पूजा करना उचित है या नहीं?

Money Remedy: घर के धन में होगी बढ़ोतरी, बना लो धन की पोटली और रख दो तिजोरी में

Margashirsha Month Festival 2025: मार्गशीर्ष माह के व्रत त्योहार, जानें अगहन मास के विशेष पर्वों की जानकारी

Baba Vanga Prediction: बाबा वेंगा की भविष्यवाणी: साल खत्म होते-होते इन 4 राशियों पर बरसेगी माता लक्ष्मी की कृपा

सभी देखें

धर्म संसार

Kaal Bhairav katha kahani: भैरवाष्टमी पर पढ़ें भगवान कालभैरव की कथा कहानी

Kalbhairav Puja Bhog: कालभैरव जयंती पर भगवान को चढ़ाएं ये भोग, प्रसन्न होकर देंगे भय, संकट और नकारात्मकता से मुक्ति का वरदान

कश्मीर में एक नई सुबह: 20,000 युवाओं ने गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी के समक्ष नशा-मुक्त भविष्य की प्रतिज्ञा ली

Kaal Bhairav Jayanti 2025: कालभैरव जयंती पर करें ये 10 खास उपाय, मिलेंगे ये चमत्कारिक लाभ

Kalbhairav Ashtami 2025: कालभैरव को क्या चढ़ाएं, जानें भोग और प्रसाद संबंधी 10 चीजें

अगला लेख