ईसाई धर्म में क्यों महत्वपूर्ण है शुक्रवार का दिन, जानिए 9 बातें...

Webdunia
प्रतिवर्ष ईसाई समुदाय प्रभु ईसा मसीह की बलिदान की वर्षगांठ को गुड फ्राइडे के रूप में मनाता है। इससे पहले 40 दिनों में उपवास, ईशवचन, त्याग व तपस्या कर स्वयं को आध्यात्मिक रूप से वे दृढ़ बनाते हैं। इसे होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे और शुभ शुक्रवार के नाम से भी जाना जाता है। 
 
ईसा मसीह के यरुशलम में विजयी प्रवेश को खजूर रविवार के नाम से मनाया जाता है। खजूर रविवार के बाद आने वाला गुरुवार 'पवित्र गुरुवार' कहलाता है। इस दिन प्रभु ईसा ने अंतिम भोजन के समय अपने शिष्यों को यह आज्ञा दी थी, 'तुम एक-दूसरे को प्रेम करो, जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है। यदि तुम आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे शिष्य हो।' फिर प्रभु के क्रूस पर मरण की घटना का महान दिन 'शुभ शुक्रवार' या 'गुड फ्राइडे' को स्मरण किया जाता है। 
 
प्रभु के जीवन का गहनतम अध्ययन करने वालों तथा बाइबल की शिक्षाओं के जानकारों के अनुसार सृष्टि की उत्पत्ति से लेकर प्रभु के मरण तक की मुख्य घटनाएं शुक्रवार को ही हुई हैं।
 
* जैसे सृष्टि पर पहले मानव आदम का जन्म शुक्रवार को हुआ, प्रभु की आज्ञाओं का उल्लंघन करने पर आदम व हव्वा को शुक्रवार को अदन वाटिका से बाहर निकाल दिया गया। 
 
* प्रभु ईसा शुक्रवार को गिरफ्तार हुए, जैतून पर्वत पर अंतिम प्रार्थना प्रभु ने शुक्रवार को की, प्रभु ईसा का अपमान व उन पर मुकदमा शुक्रवार के दिन ही चलाया गया। 
 
* शुक्रवार के दिन निर्दोष होते हुए भी ईसा को क्रूस पर चढ़ाया गया, जहां उन्होंने ऊंचे स्वर से पुकारकर कहा, 'हे पिता! मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं। यह कहकर उन्होंने प्राण त्याग दिए, तब पृथ्वी डोल उठी और चट्टानें भी तड़क गईं। कब्रें खुल गईं और सोए हुए बहुत से पवित्र लोगों के शव जीवित हो उठे।'
 
* पापों में डूबी मानव जाति की मुक्ति के लिए अपने महान त्याग के लिए प्रभु ईसा मसीह ने भी शुक्रवार का ही चयन किया। यह मृत्यु मानव में सत्य, अहिंसा, क्षमा, प्रेम तथा त्याग की ज्योति जलाने हेतु ही थी अत: इस शुक्रवार को पवित्र व शुभ माना जाता है।
 
* इस दिन यीशु को क्रॉस पर चढ़ाया गया था। यीशु के बलिदान देने की वजह से ही इस दिन को गुड कहते हैं।
 
* कलवारी पहाड़ पर ईसा की इस पावन मृत्यु से एक के न्याय से दूसरों का अन्याय समाप्त हो गया, एक की बलि से सब पापियों को मुक्ति प्राप्त हो गई। 
 
* पावन शुक्रवार के दिन प्रभु ईसा ने क्रूस पर पीड़ा सहते समय बहुत ही मार्मिक एवं तथ्यात्मक बातें कही, 'हे पिता! इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।'
 
* परमेश्वर का प्रेम इसी से प्रकट हुआ कि उसने अपने इकलौते पुत्र ईसा मसीह को संसार में भेज दिया कि हम उसके द्वारा जीवन पाएं। प्रेम इसमें नहीं कि हमने परमेश्वर से प्रेम किया, परंतु इसमें है कि उसने हमसे प्रेम किया और हमारे पापों के प्रायश्चित के लिए अपने पुत्र को भेजा।
 
* ईसा के ईश्वर का पुत्र होने के बावजूद कई घटनाएं जो उनके साथ घटीं, वे मानवीय प्रतिभा का आभास दिलाती हैं। जैसे ईसा ने बहुत ऊंचे स्वर से चिल्लाकर कहा, 'हे मेरे परमेश्वर! हे मेरे परमेश्वर! तूने मुझे क्यों छोड़ दिया' और 'मैं प्यासा हूं।' यह इस बात की ओर इशारा है कि वे प्रभु परमेश्वर के मानव पुत्र होते हुए भी क्रूस पर पीड़ा सहन कर रहे हैं। 
 
ईसा मसीह केवल ईसाइयों के आराध्य पुरुष नहीं हैं। वे तो संपूर्ण मानव जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं, क्योंकि सत्य, अहिंसा, प्रेम, क्षमा, त्याग ही मानवीयता के केंद्रबिंदु हैं और यही ईसाई धर्म का सार है। 
 
शुक्रवार से लेकर पवित्र शनिवार की मध्यरात्रि तक 3 दिन कब्र में रहने के बाद ईस्टर के दिन प्रभु यीशु पुनर्जीवित हो गए। अत: पवित्र शुक्रवार के सारे घटनाक्रम सभी का ध्यान इसी दुख की ओर आकर्षित करते हैं और इसी सहनशीलता में ईश्वरीय महिमा के दर्शन करते हैं। इस दिन ईसा मसीह के सूली पर चढ़ाए जाने की याद में उनके अनुयायी समस्त लौकिक सुविधाओं का त्याग कर देते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Chanakya niti : यदि सफलता चाहिए तो दूसरों से छुपाकर रखें ये 6 बातें

Guru Gochar : बृहस्पति के वृषभ में होने से 3 राशियों को मिलेंगे अशुभ फल, रहें सतर्क

Adi shankaracharya jayanti : क्या आदि शंकराचार्य के कारण भारत में बौद्ध धर्म नहीं पनप पाया?

Lakshmi prapti ke upay: लक्ष्मी प्राप्ति के लिए क्या करना चाहिए, जानिए 5 अचूक उपाय, 5 सावधानियां

Swastik chinh: घर में हल्दी का स्वास्तिक बनाने से मिलते है 11 चमत्कारिक फायदे

Chardham Yatra: कुप्रबंधन को लेकर उत्तरकाशी में व्यवसायी नाराज, किया विरोध प्रदर्शन

Aaj Ka Rashifal: शुभ समाचारों वाला रहेगा आज का दिन, पढ़ें 16 मई का राशिफल

Maa lakshmi : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पर चढ़ाएं ये 5 चीज़

16 मई 2024 : आपका जन्मदिन

16 मई 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख