Covid Fourth Wave In India: भारत में खत्‍म हो रही एंटीबॉडी, 70 फीसदी हुई तो आएगी ‘चौथी लहर’

Webdunia
गुरुवार, 21 अप्रैल 2022 (16:58 IST)
अप्रैल का महीना है, और एक बार फिर कोरोना की दहशतभरी आहट ने लोगों को डरा दिया है। ऐसे में अब कोरोना की चौथी लहर की आशंका के बीच पूरे देश में एक बार फिर संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने लगी है।

दूसरी तरफ कई राज्‍यों में कोरोना की गाइडलाइंस हटा ली गई है। कुछ ही राज्‍यों में मास्‍क अनिवार्य है। पंजाब में गुरुवार को ही मास्‍क को अनिवार्य किया गया है।

इस बीच जो रिपोर्ट आ रही है वो चिंता में डालने वाली है। बीएचयू के जीव विज्ञानी ने एक सीरो सर्वे किया है, जिसके तहत 116 लोगों के सैंपल लिए गए। इस सर्वे में बेहद चौकाने वाले आंकड़े आए हैं। सर्वे में महज 17 फीसदी लोगों में ही एंटीबॉडी मिली।

...तो बढ़ सकते हैं मामले
सीरो सर्वे के आधार पर वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर 70 फीसदी से ज्यादा लोगों के अंदर एंटीबाडी खत्म हो जाती है तो कोरोना के आंकड़े बढ़ सकते है।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने 10 सर्वे किए हैं। इसके तहत 116 लोगों के सैंपल लिए गए। इस सैंपल में जो आंकड़े आए हैं उसके मुताबिक महज 17 फीसदी में ही एंटीबॉडी पाई गई है।
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46 फीसदी लोगों की एंटीबॉडी खत्‍म
वहीं सबसे ज्‍यादा चिंता वाली बात यह है कि 46 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी लगभग खत्म होने के कगार पर है। प्रोफेसर चौबे के मुताबिक अगर 70 फीसद से ज्यादा लोगों में एंटीबॉडी खत्म हो जाती है तो कोरोना के आंकड़े बढ़ने का खतरा है। ऐसे में दूसरे डोज के बाद प्रीकॉशन डोज को बढ़ाए जाने की जरूरत है।

क्‍यों धीमी हुई प्रिकॉशन डोज की रफ्तार?
वाराणसी के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के हिसाब से लगभग 4 महीने बीतने के बाद भी वाराणसी में प्रीकॉशन डोज की रफ्तार काफी धीमी है। वैक्सीन की दूसरी डोज लेने वालों की संख्या लगभग 76 फीसदी है। वहीं प्रीकॉशन डोज लेने वालों की संख्या महज 15 फीसद पर ही सीमित रह गई है।

बच्‍चों ने मारी बाजी
खास बात यह है कि वैक्‍सीन डोज लगाने के मामले में बच्‍चों ने बाजी मारी है। रिपोर्ट के मुताबिक 12 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन की डोज लगाने के मामले में वाराणसी में रफ्तार अच्छी है। आंकड़ों के लिहाज से करीब 77 फीसदी से ज्यादा बच्चों को वैक्सिनेट किया जा चुका है।

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