टीकाकरण में प्रयोग हो रहीं वैक्सीनें क्या Omicron वैरिएंट पर असरकारक हैं?, जानें सरकार ने क्या दिया जवाब

Webdunia
मंगलवार, 21 दिसंबर 2021 (20:53 IST)
नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को कहा कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जिसके आधार पर कहा जा सके कि फिलहाल उपलब्ध टीके कोरोनावायरस के नए संक्रमण ओमिक्रॉन पर काम नहीं करते। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि हालांकि वायरस में हुए कुछ उत्परिवर्तन वर्तमान टीकों के प्रभाव को थोड़ा कम कर सकते हैं।

ALSO READ: देहरादून में ओमिक्रॉन को लेकर मचा हड़कंप, बुजुर्ग दंपति की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिली
 
मांडविया ने कहा कि ओमिक्रॉन के संबंध में उपलब्ध आंकड़े सीमित हैं और टीकों के प्रभाव को लेकर कोई समीक्षा भी नहीं की गई है। उनसे पूछा गया था कि देश में लोगों को दिए जा रहे टीके क्या कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने में कारगर हैं?

ALSO READ: ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक कई देशों में ओमिक्रॉन ने पकड़ी रफ्तार, WHO की जश्न टालने की अपील
 
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि टीकों के जरिए सुरक्षा का कारण एंटीबॉडी और कोशिकाओं की प्रतिरोधक क्षमता भी होती है और समझा जाता है कि इनका बेहतर तरीके से संरक्षण होता है। इसलिए अब भी गंभीर बीमारी के खिलाफ सुरक्षा के लिए टीके को उपयोगी माना जाता है तथा उपलब्ध टीकों के जरिए टीकाकरण महत्वपूर्ण है।
ALSO READ: दिल्ली में थम नहीं रही Coronavirus संक्रमण की रफ्तार, Omicron के मामले बढ़कर 54
विभिन्न देशों में ओमिक्रॉन के मामलों में वृद्धि की खबर फैलने के बाद सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में मांडविया ने बताया कि यात्रा संबंधी वर्तमान दिशा-निर्देशों की, खतरे को देखते हुए समीक्षा करने के बाद 28 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आगमन के बारे में नियम जारी किए गए और इनमें दो दिन बाद संशोधन भी किया गया।
 
दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविड महामारी और ओमिक्रॉन के मामलों के आधार पर देशों को फिर से जोखिम वाले देशों की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया। समय समय पर यह सूची अद्यतन की जाती है। जोखिम वाली श्रेणी में शामिल दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों को आगमन के साथ ही आरटी-पीसीआर के जरिए कोविड जांच करानी होती है और सात दिन के लिए घर पर अनिवार्यरूप से पृथक-वास में रहना होता है।
 
उन्होंने बताया कि भारत आगमन के 8 दिन बाद यात्री को पुन: आरटी-पीसीआर जांच करानी होती है। इसके अलावा गैर जोखिम वाली श्रेणी के देशों से आने वाले यात्रियों में से कोई दो फीसदी यात्रियों की कोविड जांच की जाती है। मांडविया ने बताया कि संक्रमित पाए गए लोगों के नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाते हैं। उन्होंने बताया कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को भी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर नजर रखने सहित विभिन्न निर्देश दिए गए हैं ताकि ओमिक्रॉन स्वरूप से संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख