किसी को छू भी नहीं सका, इस गांव से ‘कांपता है कोरोना’, बना डाले खुद के नियम

Webdunia
सोमवार, 26 अप्रैल 2021 (17:25 IST)
पूरी दुनिया कोरोना के कहर से जूझ रही है, शहरों में लोगों की लापरवाही की वजह से कोरोना संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है और कई लोगों की रोजाना मौतें हो रही हैं, लेकिन देश का एक गांव ऐसा भी है जो सब के लिए मिसाल बना हुआ है। आलम यह है कि जहां सब जगह कोरोना पसरा हुआ है वहीं ब‍िहार के बक्‍सर का रेवटियां गांव में पिछले 13 महीनों से कोरोना का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है।

बिहार के बक्सर का रेवटियां गांव मिसाल बना हुआ है। पहली लहर हो या दूसरी लहर, 60 हजार की आबादी वाले जिले का चौंगाई प्रखंड संक्रमण का हॉट-स्पॉट बना रहा, लेकिन इसी प्रखंड के नाचाप पंचायत के रेवटियां गांव के ग्रामीणों को संक्रमण छू भी नहीं सका। दरअसल, इस गांव के लोग सतर्कता और संयम रूपी हथियार से लैस हैं और इसी वजह से कोरोना वायरस इस गांव से बेतहाशा कांपता है। डॉक्‍टर भी इस बात की पुष्‍ट‍ि करते हैं।

जिले में कोरोना संक्रमण के आए तकरीबन 13 महीने गुजरने के बाद भी गांव में कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आने की खास वजह है, यहां के लोग न तो बेवजह कहीं जाते हैं और ना ही बाहर से आने वाले लोगों को कोई तरजीह देते हैं। गांव के लोगों ने बैठक कर कड़े नियम बनाए। लगभग दो हजार की आबादी वाले इस गांव से बड़ी संख्या में लोग दूसरे प्रदेशों में रोजगी-रोजगार के लिए गए हुए हैं।

उनके वापस आने पर उन्हें गांव के बाहर स्कूल में कम से कम तीन दिन क्वारंटाइन रहना पड़ता है। लक्षण नजर आने पर उनकी जांच कराई जाती है। पिछले साल बाहर से आए गांव का एक प्रवासी संक्रमित भी मिला था। गांव के नियम का पालन करने के कारण उसके गांव में घुसने से पहले ही इसका पता चल गया और उसे बाहर ही इलाज के लिए अनुमंडल स्तर पर बने आइसोलेशन केंद्र में भेज दिया गया। बाद में संक्रमण मुक्त होकर वह गांव में आया।

कभी नहीं बरती लापरवाही
पिछले साल लॉकडाउन के दौरान काफी एहतियात बरती और खुद ही गांव की बैरिकेटस लगाए गए। नतीजा यह रहा कि पिछले साल इस गांव में एक भी कोरोना के मरीज नहीं मिला। इस बार भी कोविड-19 पार्ट टू के नियमों का पालन लोग बखूबी कर रहे हैं। इस गांव की आबादी तकरीबन दो हजार से ऊपर है। संक्रमण की लहर कमजोर पडऩे के बाद भी यहां के लोगों ने बेवजह घर से बाहर नहीं निकलने के नियम का पालन किया। अगर कहीं जाते भी थे तो सावधानी और सतर्कता के साथ रहते थे। यही नहीं गांव में आने वाले हर लोगों पर ग्रामीणों की पैनी नजर रहती है और बिना मास्क के गांव में प्रवेश नहीं दिया जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख