साहब, कुछ भी कर लूंगा लेकिन अब मुंबई नहीं जाऊंगा, ऑटोवाले का छलका दर्द...

आखिर क्यों वापस नहीं जाना चाहते हैं ऑटो रिक्शा चालक फिर से मुंबई

Webdunia
सोमवार, 11 मई 2020 (13:54 IST)
राष्ट्रीय राजमार्गों पर यूं तो आजकल पलायन करते प्रवासी मजदूरों के जत्थे दिखाई देते हैं, लेकिन अब इन्हीं सड़कों पर हजारों की तादाद में ऑटो रिक्शा भी दिखाई दे रहे हैं। मायानगरी मुंबई से लौट रहे ये रिक्शे वाले अब किसी भी कीमत पर वापस नहीं चाहते। बस, उनकी यही इच्छा है कि जैसे-तैसे अपने घर पहुंच जाएं।  हैरत की बात है कि इनमें से अधिकतर ऑटो महाराष्ट्र या मुंबई के रजिस्ट्रेशन वाले हैं। 
 
उल्लेखनीय है कि मुंबई में उत्तर भारत के प्रदेशों के हजारों लोग जीवन-यापन के लिए ऑटो रिक्शा चलाते हैं।
 
महाराष्ट्र के कई बड़े शहरों में भी यही स्थिति है, लेकिन कोरोना संकट के बाद हुए लॉकडाउन के बाद प्रवासी कामगारों, मजदूरों व अन्य ऐसे लोगों जो अपनी आजीविका के लिए महानगर पर आश्रित हैं।
 
इंदौर के राऊ बायपास पर मुंबई की ओर से लौट रहे रिक्शा चालक भोजन और पानी की उम्मीद में सामाजिक संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे लंगरों पर रुके। वहीं उन्होंने बातचीत में बताया कि वे अब मुंबई नहीं लौटना चाहते।

अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ मुंबई से लौट रहे रामखिलावन ने बताया कि वे पिछले 10 वर्षों से मुंबई में ऑटो रिक्शा चला रहे थे। चूंकि खोली भी किराए की है और लॉकडाउन के चलते कोई काम भी नहीं मिल रहा था। जमा पूंजी पूरी तरह खत्म हो चुकी थी। ऐसे में हमने अपने गृह प्रदेश यूपी लौटना ही ठीक समझा। 
 
मूल रूप से बलिया के रहने वाले एक अन्य ऑटो चालक अजय कुमार ने बताया कि हम इसी निश्चय के साथ लौट रहे हैं कि अब वापस मुंबई नहीं लौटेंगे। जैसे भी होगा अपने क्षेत्र में ही गुजारा कर लेंगे। अजय ने महाराष्ट्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि लॉकडाउन के बाद हमारे साथ भेदभाव किया गया। यहां तक कि जब हम वासप लौट रहे थे तो हमें महाराष्ट्र की सीमा में सुविधाएं भी नहीं मिलीं। मध्यप्रदेश की सीमा में घुसने के बाद ही हमें भोजन-पानी ढंग से नसीब हुआ। 
 
वहीं, वहां मौजूद एक जत्थे ने इस डर को तात्कालिक बताया। उन्होंने कहा कि माहौल ठीक होगा तो वे एक बार फिर अपने मूल कामधंधे की ओर लौटना चाहेंगे। उनका मानना था कि अपने इलाके में रोजगार ही नहीं मिलेगा तो वहां भी हम क्या करेंगे। आखिर परिवार तो पालना ही है ना। 
 
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी मुसीबत के मारे इन प्रवासी मजदूरों और कामगारों की मदद का हरसंभव आश्वासन दिया है। इसी तरह मध्यप्रदेश और यूपी की सरकारों ने भी लौट रहे मजदूरों को मदद का आश्वासन दिया है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन के लिए कौन है जिम्‍मेदार, जलवायु वैज्ञानिक ने दिया यह जवाब...

बिहार में वोटर लिस्ट विवाद के बीच चुनाव आयोग ने दी बड़ी राहत, बिना दस्तावेज के जमा करा सकेंगे गणना फॉर्म

चीन में बड़े बदलाव की आहट, क्या शी जिनपिंग 12 साल बाद छोड़ने जा रहे सत्ता? ताकत का बंटवारा क्यों कर रहा ड्रैगन का राजा

बिहार में वोटिंग लिस्ट पर बवाल, महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में दी EC के फैसले को चुनौती

ब्राजील पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, कांग्रेस को क्‍यों याद आया 2012 का शिखर सम्मेलन

सभी देखें

नवीनतम

तुर्किए की कंपनी सेलेबी भारत से समेटेगी बोरिया-बिस्तर, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

Marathi row : बिहार आओ, पटक-पटककर मारेंगे, मराठी भाषा विवाद में BJP सांसद निशिकांत दुबे की राज ठाकरे को धमकी

ऑफिस में नींद आ रही है? जानिए वो 5 जबरदस्त ट्रिक्स जो झटपट बना देंगी आपको अलर्ट और एक्टिव

Bank of Baroda ने बचत खातों में न्यूनतम राशि न होने पर लगने वाला चार्ज माफ किया

नगालैंड में बारिश के कहर से 3 लोगों की मौत, इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस समेत कई उड़ानें रद्द

अगला लेख