क्या पैर पर हल्दी लगाने से होगा Corona से बचाव...जानिए सच...

डॉ. रमेश रावत
सोमवार, 30 मार्च 2020 (18:33 IST)
सोशल मीडिया पर खासकर राजस्थान में एक मैसेज बहुत वायरल हो रहा है। मैसेज यह है कि किसी परिवार के यहां हास्पिटल में विचित्र कन्या के जन्म लेने पर वह तुरंत खड़ी हो गई। इसके साथ ही उसने यह कहा कि दाएं पैर के अंगूठे में हल्दी का लेप लगाने से कोरोना से बचाव होगा। बताया जा रहा है कि इस तरह की बच्ची का जन्म अजमेर के एक अस्पताल में हुआ है। 
 
इसके बाद यह पोस्ट वायरल हो गई और लोगों ने इस पर अमल भी करना शुरू कर दिया है। दरअसल, कोरोना वायरस एक ऐसा वायरस है, जिससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंस की आवश्यकता है। इसके साथ ही यदि किसी को संक्रमण हो जाता है तो उसे विषेषज्ञ डॉक्टर की सलाह के अनुसार इलाज कराना चाहिए।
 
यदि हल्दी से ही कोरोना वायरस से बचाव होता या कोरोना का संक्रमण रुक जाता  या कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो जाता तो पूरा विश्व इसकी वेक्सीन की खोज में लगता ही क्यों? हां, यह अलग बात है कि विभिन्न प्रकार की दवाओं के माध्यम से प्रारंभिक स्टेज पर संक्रमित व्यक्ति को बचाया जा सकता है।
 
इसलिए दाएं पैर के अंगूठे पर हल्दी का लेप लगाने से कोरोना वायरस से बचाव हो सकता है, बात बिलकुल भी गले नहीं उतरती है। साथ ही किसी भी व्यक्ति को इस तरह की बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। इससे स्थिति और बिगड़ ही सकती है। 
 
इसके साथ ही इस प्रकार के मैसेज वाट्सएप या सोशल मीडिया पर यूजर्स के द्वारा पढ़ने पर जब पड़ताल की गई तो नाम नहीं छापने की शर्त पर अनेक यूजर्स ने कोरोना से बचने के लिए अपने दाहिने पैर के अंगूठे पर हल्दी का लेप लगाने की बात को स्वीकार किया। 
इस संदेश से यह जाहिर होता है कि दाहिने पैर के अंगूठे पर हल्दी का लेप लगाने से कोरोना से बचाव हो जाएगा अर्थात सोशल डिस्टेंसिंग की आवश्यकता नहीं है। जब पूरा विश्व कोरोना से बचने के लिए दवा के लिए खोज कर रहा है, वहां मात्र हल्दी का अंगूठे पर लेप लगाने से कोरोना से बचाव का होना मात्र अंधविश्वास ही माना जा सकता है एवं इसका सोशल मीडिया पर वायरल होना बड़ा दुखद है। 
 
इस तरह की अफवाहों पर हो सख्त कार्रवाई : इस संबंध में विशेषज्ञों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि दाएं पैर के अंगूठे पर हल्दी का लेप लगाने से कोरोना वायरस से बचाव का दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है।
 
प्रेरक वक्ता एवं लाइफ कोच, उपभोक्ता मंगल पत्रिका के पूर्व संस्थापक, राजस्थन के पूर्व प्रर्वतन अधिकारी शिवप्रसाद पालीवाल का कहना है कि वायरल सूचना में किस अस्पताल में बच्ची ने जन्म लिया है इसका उल्लेख नहीं है। साथ ही यह बायोलॉजिकली विकृत बच्चा है। इस तस्वीर को देखने पर यह पता चलता है कि यह बच्चा पशु एवं मानव का मिश्रण है अर्थात बच्चे का जन्म विकृत अवस्था में हुआ है।
बिना प्रामाणिकता के इस तरह की बातें फैलाना सही नहीं है। पैर के अंगूठे में हल्दी लगाना किसी भी बीमारी को दूर करने का कोई रिवाज में नहीं है। इसकी प्रामाणिकता कहीं भी किसी भी ग्रंथ एवं परंपरा में नहीं है। पालीवाल ने कहा कि ऐसे संदेशों पर सरकार को मूल स्त्रोत की तलाश कर इस पर कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे अन्य लोग सबक लेकर ऐसे फेक संदेश नहीं चलाएं।
 
अत: इस तरह की अफवाहों पर न तो विश्वास करें और यदि कोई करता भी है तो सुसभ्य नागरिक होने के नाते उसे हकीकत से रूबरू कराएं। क्योंकि वर्तमान हालात में इस तरह की अफवाहें न तो समाज के हित में हैं और न ही देश के हित में।
 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख