Good news : अमेरिका ने भी माना Covaxin का दम, Corona के 617 वैरिएंट्स को बेअसर करने में सक्षम

Webdunia
बुधवार, 28 अप्रैल 2021 (16:56 IST)
एशिया के कई विकासशील देश कोरोना से जंग के सबसे बड़े हथियार यानी वैक्सीन के लिए दूसरे देशों पर निर्भर हैं। ऐसे हालातों में भारत ने एक नहीं बल्कि दो वैक्सीन के साथ अपना टीकाकरण अभियान शुरू किया था। उस समय भारत बायोटेक की बनाए स्वदेशी टीके 'कोवैक्सिन' (Covaxin) पर देश में ही सवाल खड़े हो रहे थे लेकिन अब अमेरिका ने भी इस वैक्सीन का दम माना है।
ALSO READ: इंदौर में कोरोना कर्फ्यू, रोक के बावजूद हो रही हैं शादियां
अमेरिका ने माना है कि भारत में बनी कोवैक्सिन कोरोना वायरस के एक-दो नहीं बल्कि 617 वेरिएंट्स को बेअसर करने में सक्षम है। व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार और अमेरिका के शीर्ष महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची ने कॉन्फ्रेंस कॉल में मीडिया को यह जानकारी दी है। 

फाउची ने कहा कि यह कुछ ऐसा है जहां हमें रोजाना अब भी आंकड़े मिल रहे हैं, लेकिन सबसे ताजा आंकड़ों में कोविड-19 मरीजों के खून के सीरम और जिन लोगों को भारत में इस्तेमाल होने वाला कोवैक्सिन टीका दिया गया है उनको शामिल किया गया है। यह 617 प्रकारों को बेअसर करने वाला पाया गया है।
ALSO READ: Fact Check: होम्योपैथिक दवा ASPIDOSPERMA Q से बढ़ता है ऑक्सीजन लेवल? जानिए सीधे एक्सपर्ट्स से
फाउची ने कहा कि इसलिए, भारत में हम जो मुश्किल हालात देख रहे हैं उसके बावजूद टीकाकरण इसके खिलाफ बहुत-बहुत प्रतिकारक हो सकता है। न्यूयॉर्क टाइम्स में मंगलवार को यह खबर आई थी कि कोवैक्सीन प्रतिरक्षा तंत्र को SARS-cov-2 कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज बनाना सिखाकर काम करती है।

ये एंटीबॉडीज वायरल प्रोटीन जैसे कथित स्पाइक प्रोटीनों से जुड़ जाते हैं जो इसकी सतह पर फैल जाते हैं। राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ साझेदारी में भारत बायोटेक के बनाए कोवैक्सिन के आपातकालीन प्रयोग को 3 जनवरी को मंजूरी मिली थी। ट्रायल के परिणामों में बाद में सामने आया कि यह टीका 78 प्रतिशत तक प्रभावी है।
 
भारतीय वैरिएंट पर प्रभावी दोनों टीके : कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके कोरोनावायरस के 'भारतीय स्वरूप' के खिलाफ प्रभावी हैं और टीकाकरण के बाद संक्रमण की स्थिति में 'हल्के' लक्षण सामने आते हैं।

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के अंतर्गत आने वाले जीनोमिक्स और एकीकृत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने एक रिसर्च के प्रारंभिक परिणामों के हवाले से कहा कि सार्स-कोव-2 के बी.1.617 स्वरूप पर टीकों के प्रभाव के आकलन से पता चलता है कि टीकाकरण के बाद संक्रमण होने पर बीमारी के लक्षण हल्के होते हैं।

कोरोनावायरस के बी.1.617 स्वरूप को भारतीय स्वरूप या 'दोहरे उत्परिवर्तन वाला स्वरूप' भी कहा जाता है। रिसर्च में वायरस के इस स्वरूप पर भारत में इस्तेमाल किए जा रहे दोनों टीकों के प्रभावी होने की बात सामने आई है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख