पीपीई किट के लिए नया वेंटिलेशन सिस्टम ‘कोव-टेक’

Webdunia
मंगलवार, 25 मई 2021 (15:49 IST)
नई दिल्ली, भारत समेत पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी का सामना कर रही है। इस महामारी से लड़ने के लिए हमारे स्वास्थ्यकर्मी अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं।

पीपीई किट और मास्क पहनकर सभी स्वास्थ्यकर्मी दिन-रात हमारे जीवन की रक्षा करने के प्रयासों में जुटे हुए हैं। हालांकि, पीपीई किट को लंबे समय तक पहनकर रखना अपने आप में किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि इसमें बाहरी हवा प्रवेश नहीं कर पाती है। मुंबई के छात्र निहाल सिंह ने इस चुनौती को दूर करने के उद्देश्य से पीपीई किट के लिए एक वेंटिलेशन सिस्टम तैयार किया है, जिसे पारंपरिक पीपीई किट के साथ जोड़ा जा सकता है।

पीपीई किट के लिए बनाया गया यह वेंटिलेशन सिस्टम चारों ओर से हवा खींचता है, और उसे फिल्टर करके पीपीई किट में भेजता है। इससे पीपीई किट के भीतर के तापमान में कमी आती, और स्वास्थ्यकर्मीयों को राहत का अनुभव होता है। निहाल सिंह ने दावा किया है कि पीपीई किट में यह वेंटिलेशन सिस्टम लगाने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों को ऐसा अनुभव होगा कि जैसे आप पंखे के सामने बैठे हैं। इस वेंटिलेशन सिस्टम को ‘कोव-टेक’ नाम दिया गया है।

कोव-टेक में लिथियम आयन बैटरी का प्रयोग किया गया है, जो छह से आठ घंटे तक चलती है। वेंटिलेशन सिस्टम का डिजाइन पीपीई किट से पूरी तरह हवा को सील करना सुनिश्चित करती है। यह महज सिस्टम 100 सेकेंड के अंतराल में उपयोगकर्ता के लिए ताजा हवा उपलब्ध कराता है।

निहाल सिंह ने बताया कि पीपीई किट के लिए वैंटीलेशन सिस्टम की प्रेरणा उन्हें अपनी मां से मिली जो कि एक डॉक्टर है। उनकी मां अपने क्लिनिक में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रही हैं। जो अक्सर पीपीई किट से जुडी सामने आने वाली मुश्किलों के बारे में बताती थीं। ऐसें में उन्होंने इसके समाधान के लिए प्रयास किए।

डिजाइन चैलेंज ने निहाल को पहले प्रोटोटाइप पर काम करने के लिए प्रेरित किया। नेशनल केमिकल लैबोरेटरी, पुणे के डॉ उल्हास खारुल से मिले मार्गदर्शन से निहाल को 20 दिनों के भीतर पहला मॉडल विकसित करने में सहायता मिली और 6 महीने के परिश्रम के बाद निहाल ने गले में पहनने वाला सिस्टम तैयार किया था जिसे डॉक्टरों को इस्तेमाल के लिए दिया गया। लेकिन इसे पहनकर काम करना आसान नहीं था।

डिवाइस से निकलने वाली आवाज और कंपन के कारण गले के आसपास पहनना डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए असहज था। इसलिए इसे रिजेक्ट कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने दूसरी डिजाइन पर काम करना शुरू किया। उन्होंने फाइनल प्रोडक्ट से पहले 20 प्रोटोटाइप मॉडल बनाए। बाद में बेल्ट की तरह इस्तेमाल किया जाने वाला यह सिस्टम बनाया गया।

निहाल ने बताया कि चूंकि यह वेंटिलेटर शरीर के पास पहना जाता है, इसलिए इसमें अच्छी गुणवत्ता वाले उपकरण उपयोग किए गए हैं, और सुरक्षा उपायों का भी पूरा ध्यान रखा गया है। यह वेंटिलेशन सिस्टम पुणे के साई स्नेह हॉस्पिटल और लोटस मल्टी स्पेशियल्टी हॉस्पिटल में इस्तेमाल किया जा रहा है। इस उत्पाद की लागत 5,499 रुपये प्रति इकाई है, जो प्रतिस्पर्धी उत्पादों की तुलना में काफी सस्ता है। हालांकि, इसकी कीमत में और कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है। अगले महीने तक इस वेंटिलेशन सिस्टम का उत्पादन बढ़ाने की योजना है।

‘कोव-टेक’ वेंटिलेशन सिस्टम को तैयार करने में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार से संबंधित निधि के प्रमोटिंग ऐंड एक्सेलेरेटिंग यंग ऐंड एस्पायरिंग टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योरशिप (प्रयास) के माध्यम से दस लाख रूपये का अनुदान दिया गया है। इसके अलावा, आरआईडीएल और के.जे. सोमैया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा संयुक्त रूप से संचालित न्यू वेंचर इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत पाँच लाख रुपये का सहयोग भी दिया गया है।
मुंबई के के.जे. सोमैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में द्वितीय वर्ष के छात्र है। इस प्रोटोटाइप को विकसित करने के लिए निहाल के साथ उनके सहपाठी रित्विक मराठे और सायली भावासर ने भी इस परियोजना में उनकी मदद की है। (इंड‍िया साइंस वायर)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Exit Poll : वोटिंग खत्म होने के बाद RSS मुख्यालय पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, मोहन भागवत से की मुलाकात

Exit Poll 2024 : झारखंड में खिलेगा कमल या फिर एक बार सोरेन सरकार

महाराष्ट्र में महायुति या एमवीए? Exit Poll के बाद बढ़ा असमंजस

महाराष्‍ट्र बिटकॉइन मामले में एक्शन में ईडी, गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी

BJP महासचिव विनोद तावड़े से पहले नोट फॉर वोट कांड में फंसे राजनेता

सभी देखें

नवीनतम

कांग्रेस 26 नवंबर को शुरू करेगी भारत जोड़ो संविधान अभियान

सस्ता Redmi A4 5G लॉन्च, 2 चिपसेट वाला दुनिया का पहला 5G स्मार्टफोन

CBSE Date Sheet 2025 : 15 फरवरी से शुरू होंगे सीबीएसई एक्जाम, जारी हुआ 10वीं और 12वीं की परीक्षा का शेड्यूल

झारखंड और महाराष्ट्र में शांतिपूर्ण हुआ मतदान, जानिए कितने प्रतिशत हुई वोटिंग

Exit Poll : वोटिंग खत्म होने के बाद RSS मुख्यालय पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, मोहन भागवत से की मुलाकात

अगला लेख