चंडीगढ़। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन तेज करते हुए किसानों ने शनिवार को हरियाणा में कुछ स्थानों पर कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे बाधित कर दिया। किसानों ने सुबह आठ बजे एक्सप्रेसवे बाधित किया और 24 घंटे तक अवरुद्ध रखने का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को केएमसी एक्सप्रेसवे 24 घंटे के लिए बाधित करने का आह्वान किया था।
करीब 136 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे को वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाता है। बहरहाल प्रदर्शनरत किसानों ने कहा कि आपात वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी जाएगी। भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा कि एक्सप्रेसवे को 24 घंटे के लिए बाधित किया जाएगा।
इस बीच हरियाणा पुलिस ने यातायात परामर्श जारी करते हुए यात्रियों से केएमपी मार्ग से यात्रा नहीं करने के लिए कहा। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने शुक्रवार को कहा कि शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने, किसी भी तरह की हिंसा से बचने और एक्सप्रेसव पर यातायात की आवाजाही के लिए व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों खासतौर से सोनीपत, झज्जर, पानीपत, रोहतक, पलवल, फरीदाबाद, गुडगांव और नूह में यातायात के लिए मार्ग परिवर्तित करने की योजना है। राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर अंबाला/चंडीगढ़ की तरफ से आने वाले यात्री करनाल से होते हुए उत्तरप्रदेश में गाजियाबाद और नोएडा तथा पानीपत से सिनौली की तरफ जा सकते हैं।
गुडगांव और जयपुर की तरफ जाने वाले वाहन पानीपत से राष्ट्रीय राजमार्ग-71ए पर जा सकते हैं तथा गोहना, रोहतक, झज्जर और रेवाड़ी से होकर यात्रा कर सकते हैं। गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में केंद्र द्वारा लागू किए तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर मुख्यत: पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तरप्रदेश के सैकड़ों किसानों ने दिल्ली की तीन सीमाओं सिंघु, टिकरी और गाजीपुर पर डेरा डाला हुआ है। (भाषा)