मंकीपॉक्‍स के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार अलर्ट, टॉप हेल्थ एक्सपर्ट्स के साथ मीटिंग, गाइडलाइन पर मंथन

Webdunia
गुरुवार, 4 अगस्त 2022 (17:31 IST)
नई दिल्ली। देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों ने चिंताओं को बढ़ा दिया है। देश में मंकीपॉक्स के 9 मामले सामने आ चुके हैं और 1 मरीज की मौत हो चुकी है। देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच इस बीमारी से निपटने को लेकर गाइडलाइन पर पुनर्विचार करने के लिए केंद्र ने गुरुवार को टॉप हेल्थ एक्सपर्ट्‍स की एक मीटिंग बुलाई।
 
देश में मंकीपॉक्स के अब तक 9 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 1 मरीज की मौत हो गई है। एक अधिकारी ने बताया कि यह मौजूदा गाइडलाइन पर पुनर्विचार के लिए की गई एक तकनीकी बैठक थी।
 
बैठक की अध्यक्षता आपात चिकित्सा राहत के निदेशक डॉ. एल. स्वस्तिचरण ने की और इसमें राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रतिनिधि शामिल हुए।
 
क्या है गाइडलाइन : केंद्र सरकार द्वारा ‘मंकीपॉक्स बीमारी के प्रबंधन पर जारी दिशा-निर्देशों’’ के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति ने पिछले 21 दिनों के भीतर प्रभावित देशों की यात्रा की है और उसके शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने, लसिका ग्रंथियों में सूजन, बुखार, सिर में दर्द, शरीर में दर्द और बहुत ज्यादा कमजोरी जैसे लक्षण दिखायी देते हैं तो उसे ‘संदिग्ध’ माना जाएगा।
 
संपर्क में आए लोगों को परिभाषित करते हुए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित में पहला लक्षण दिखाई देने और त्वचा पर जमी पपड़ी के गिर जाने तक की अवधि के दौरान उसके संपर्क में एक से अधिक बार आता है तो उसे संपर्क में आया व्यक्ति माना जाएगा। यह संपर्क चेहरे से चेहरे का, शारीरिक संपर्क, जिनमें यौन संबंध शामिल है, कपड़ों या बिस्तर के संपर्क में आना हो सकता है। इसे मंकीपॉक्स का संदिग्ध मामला माना जाएगा।
 
डब्ल्यूएचओ ने हाल में मंकीपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया था। मंकीपॉक्स जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला संक्रमण है और इसके लक्षण चेचक जैसे होते हैं। किसी मरीज से अंतिम संपर्क के 21 दिनों तक उसके संपर्क में आए लोगों के लक्षणों पर नजर रखी जानी चाहिए। बुखार होने की स्थिति में प्रयोगशाला में इसकी जांच की जानी चाहिए।
 
मरीज के संपर्क में आए बिना लक्षण वाले लोगों को निगरानी में रहने के दौरान रक्त, कोशिकाओं, ऊतक, अंगों का दान नहीं करना चाहिए। मंत्रालय के दिशा निर्देशों में कहा गया है कि मानव-से-मानव के बीच संचरण मुख्य रूप से श्वसन की बड़ी बूंदों के माध्यम से होता है। मंकीपॉक्स में लक्षण 6 से 13 दिनों के बीच उभरते हैं और ऐतिहासिक रूप से इसमें मृत्यु दर 11 प्रतिशत है जबकि बच्चों के बीच मृत्यु दर अधिक है। हाल के दिनों में इस बीमारी में मृत्यु दर 3 से 6 प्रतिशत रही है।

सम्बंधित जानकारी

Lok Sabha Chunav : रायबरेली में प्रियंका गांधी संभाल रहीं भाई राहुल का चुनावी कैंपेन, PM मोदी को लेकर लगाया यह आरोप

Sandeshkhali Case : बैरकपुर में प्रधानमंत्री मोदी का दावा, बोले- प्रताड़ित महिलाओं को धमका रहे TMC के गुंडे

केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में दी 10 गारंटी, कहा फेल हुआ भाजपा का प्लान

Gold ETF से निवेशकों ने अप्रैल में निकाले 396 करोड़, जानिए क्‍या है कारण...

FPI ने मई में की 17000 करोड़ से ज्‍यादा की निकासी, चुनाव काल में क्‍या है विदेशी निवेशकों का रुख

पाक अधिकृत कश्मीर में चौथे दिन भी हड़ताल जारी, स्थिति तनावपूर्ण

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की केजरीवाल को सीएम पद से हटाने वाली याचिका

Lok Sabha Elections LIVE: पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा, जम्मू कश्मीर में सबसे कम मतदान

पीएम मोदी आज शाम वाराणसी में, करेंगे 6 किलोमीटर लंबा रोड शो

CBSE 10th Result 2024 : सीबीएसई 10वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित, 93.6% विद्यार्थी उत्तीर्ण

अगला लेख