पथराव की शिकार डॉक्टर ने कहा, नए कानूनी प्रावधान से Covid 19 योद्धाओं को काफी मदद मिलेगी

Webdunia
गुरुवार, 23 अप्रैल 2020 (12:38 IST)
इंदौर (मध्यप्रदेश)। कोविड-19 महामारी से लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा के कृत्यों को संज्ञेय और गैरजमानती अपराध बनाने वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी पर यहां एक महिला डॉक्टर ने गुरुवार को प्रसन्नता जताई।
ALSO READ: पथराव से सद्‍भाव तक : इंदौर के कोविड-19 संक्रमित इलाके में दिखी बदलाव की अनोखी तस्वीर
महिला डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों के उस दल में शामिल थी जिस पर शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके में 22 दिन पहले पत्थर बरसाए गए थे। घटना में महिला डॉक्टर और उनकी एक साथी चिकित्सक के पैरों में चोट आई थी। यह दल कोरोना वायरस संक्रमण के 1 मरीज के संपर्क में आए लोगों को ढूंढने गया था।
 
पथराव की शिकार 2 महिला डॉक्टरों में शामिल तृप्ति काटदरे (40) ने कहा कि नया कानूनी प्रावधान सरकार का एक अच्छा कदम है और इससे मुझ जैसे लाखों स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 से जंग में निश्चित तौर पर काफी मदद मिलेगी। मैं इस प्रावधान से खुश हूं। सब लोगों को यह समझना चाहिए कि कोविड-19 से लड़ रहा हर स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर औरों की जिंदगी बचाने के लिए काम कर रहा है।
ALSO READ: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा- इंदौर समेत 4 शहरों में 3 मई के बाद भी जारी रह सकता है Lockdown
पथराव से विचलित हुए बिना काटदरे टाटपट्टी बाखल इलाके में महामारी के खिलाफ जारी अभियान में इस बहुचर्चित घटना के अगले ही दिन दोबारा जुट गई थीं।
सद्भाव का प्रदर्शन करते हुए 40 वर्षीय महिला डॉक्टर ने मंगलवार को टाटपट्टी बाखल में ठीक उसी जगह खड़े होकर कुछ लोगों को पौधे भेंट किए, जहां उन पर कभी पत्थर बरसाए गए थे। पौधे प्राप्त करने वाले लोग टाटपट्टी बाखल क्षेत्र के ही 48 रहवासियों के उस समूह में शामिल थे, जो 14 दिन तक पृथक केंद्र में रहने के बाद अपने घर लौटे थे।
 
गौरतलब है कि सरकार ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमलों को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाते हुए बुधवार को ऐसे अपराधों को गैरजमानती बनाने के साथ ही अधिकतम 7 साल की जेल और 5 लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान किया था। इस महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश 2020 को राष्ट्रपति की हरी झंडी मिल चुकी है।
 
कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ इंदौर में अलग-अलग स्तर पर अभियान चला रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों को गुजरे 1 महीने के दौरान विभिन्न घटनाओं में असहयोग, बदसलूकी, धमकियों और हमलों का शिकार होना पड़ा है। इन वाकयों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो चुके हैं। इंदौर, देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल है।
 
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जिले में गुरुवार सुबह तक कोविड-19 के कुल 945 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 53 लोग इलाज के दौरान दम तोड़ चुके हैं, जबकि 77 मरीजों को स्वस्थ होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। (भाषा) (फ़ाइल चित्र)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख