कोरोना पर सरकार ने किया सावधान,एक्सपर्ट बोले डेल्टा प्लस वैरिएंट से तीसरी लहर की संभावना तेज

वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार और नए वैरिएंट से तीसरी लहर की संभावना तेज:ज्ञानेश्वर चौबे

विकास सिंह
मंगलवार, 15 जून 2021 (13:30 IST)
देश अभी कोरोना की दूसरी लहर से पूरी तरह उबर भी नहीं पाया है कि कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा मंडराने लगा है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर में तबाही मचाने वाला कोरोना का डेल्टा वैरिएंट (B1.617) अब बदलकर डेल्टा प्लस ( AY.1) वैरिएंट में बदल गया है। कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर अब सरकार ने भी सावधान किया है। कोरोना वायरस में लगातार हो रहे म्यूटेशन और नया डेल्टा प्लस वैरिएंट कितना खतरनाक है,इसको समझने के लिए 'वेबदुनिया' ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के जूलॉजी विभाग के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे से खास बातचीत की। 
 
कोरोनावायरस में लगातार म्यूटेशन- कोरोना वायरस के म्यूटेशन पर लगातार रिसर्च कर रहे साइंटिस्ट ज्ञानेश्वर चौबे ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में कहते हैं कि कोरोनावायरस के आने के बाद उसमें लगातार म्यूटेशन हो रहे है और पहले डेल्टा और अब डेल्टा प्वस वैरिएंट उसकी म्यूटेशन का परिणाम है। कोरोनावायरस जैसे-जैसे लोगों को इफेक्ट करता जाता है उतना ही ज्यादा इसमें म्यूटेशन होता जाता है। कोरोनावायरस का म्यूटेशन एक रेंडम प्रोसेस है।
 
अगर कोरोनावायरस के पिछले डेढ़ साल में हुए म्यूटेशन को देखा जाए तो वायरस का वहीं वैरिएंट सर्वाइव किया है जिसको नेचर ने सेलेक्ट किया है यानि ऐसा म्यूटेशन वायरस की इफेक्टिविटी और वैक्सीन के प्रति उसकी पॉवर को बढ़ा रहा है। 
 
डेल्टा प्लस वैरिएंट खतरनाक- कोरोना वायरस का डेल्ट प्लस वैरिएंट कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माने गए डेल्टा वैरिएंट की तरह ही खतरनाक है। लेकिन कोरोना वायरस का यह कोई ऐसा वैरिएंट नहीं हो जो बहुत ही ज्यादा घातक होगा लेकिन हम लोगों को हर वैरिएंट को सर्विलांस करना होगा। यह कहना बिल्कुल गलत होगा कि कोई ऐसा खतरनाक वैरिएंट आ जाएगा जो सबको मार डालेगा,ऐसा कुछ होने वाला नहीं है।
 
वैक्सीनेशन से रूकेगा वैरिएंट म्यूटेशन-‘वेबदुनिया’ से बातचीत में प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे कहते हैं डेल्टा प्लस वैरिएंट से घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि देश में कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान बड़े पैमाने पर जारी है और लोगों को वैक्सीनेटेड कर वायरस के म्यूटेशन को रोका जा सकता है। कोरोनावायरस के डेल्टा वैरिएंट को रोकने के लिए वैक्सीनेशन काफी कारगर है। 
 
वैक्सीनेशन कोरोना वायरस में हो रहे म्यूटेशन को रोकने में काफी कारगर होगा,जिससे कही न कही कोरोना वायरस जाकर रुकेगा। अगर कोरोनावायरस के पूरे टाइम पीरियड को देखे तो एक ही म्यूटेशन है जो फाइव प्रोटीन में हो रहा है और वहीं लगातार कॉम्बिनेशन बना रहा है। अगर कोरोना वायरस में और म्यूटेशन नहीं होते है तो अगले छह महीने में कोरोना वायरस काफी कंट्रोल में होगा। 
 
प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे कहते हैं कि कोरोना वायरस कंट्रोल में आने की बात को सरल शब्दों ऐसे समझा जा सकता है कि जब कोरोना वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो वह बहुत सारी कॉपी बनाता है और वायरस की वह कॉपी ही म्यूटेट होती है। सामान्य तौर पर अभी कोरोनावायरस एक महीने में दो म्यूटेशन हो रहे। अगर वायरस वैक्सीनेटेड व्यक्ति के अंदर प्रवेश करता है तो उसके अंदर म्यूटेशन नहीं होगा। ऐसे में बड़े पैमाने पर लोगों को वैक्सीनेटेड कर हम वायरस के म्यूटशन को रोक देंगे जिससे संक्रमण घट जाएगा।
 
नए वैरिएंट को स्प्रेड होने से रोकना होगा-‘वेबदुनिया’ से बातचीत में प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे कहते हैं कि कोरोना के नए वैरिएंट का सर्विलांस कर इसको स्प्रेड करने से रोकना होगा। वह कहते है कि कोरोना की दूसरी लहर के जिम्मेदार माने गए डेल्टा वैरिएंट की पहचान जनवरी-फरवरी में ही महाराष्ट्र में कर ली गई थी और अप्रैल में पूरे देश में इसके मामले अचानक से बढ़े। इसका प्रमुख कारण यह रहा कि महाराष्ट्र से लोगों के जरिए यह वैरिएंट पूरे देश में फैला इसलिए अब सरकार को डेल्टा प्लस वैरिएंट की लगातार सर्विलांस करना होगा औ जहां भी यह वैरिएंट मिले उसके लोकलाइज करना होगा और वैरिएंट को कही और न बढ़ने दें। पिछली बार भी इसको आसानी से  कर सकते है। 
 
तीसरी लहर की संभावना तेज- ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में प्रोफेसर ज्ञानेश्नवर चौबे कहते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना तेज है क्योंकि अगर कोरोना की दूसरी लहर को देखा जाए तो मिलता है कि दूसरी लहर इसलिए आई क्योंकि डेल्टा वैरिएंट बहुत तेजी से डेवलप हुआ और बहुत सारे लोगों को एक साथ संक्रमण में होने से कोरोना की पहली लहर से जो एंटीबॉडी डेवलप हुई थी वह ड्राप हो गई।
 
प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे महत्वपूर्ण बात कहते हैं कि देश में अभी जो वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल रहा है उसमें समूह या लोगों को एक-एक करके वैक्सीन लग रही है है ऐसे में देखा जाए तो देश में कभी भी बहुत बड़ी आबादी कोरोना वायरस को लेकर फ्री नहीं रहेगी। ऐसे में जरुरत इस बात की है कि कोरोना वैक्सीनेशन का कार्यक्रम बहुत तेजी से चलाना होगा जिससे कोरोना की तीसरी लहर को कम कर सकते है। वहीं ज्ञानेश्वर चौबे राहत वाली बात यह कहते हैं कि उनके अनुमान के मुताबिक देश कोरोना महामारी के सबसे बुरे दौर से गुजर चुका है और तीसरी लहर में इतनी बड़ी त्रासदी नहीं होगी।
 

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