नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक आरटीआई आवेदन के जवाब में कहा कि उसे मालूम नहीं है कि कोविड-19 के लिए टीका प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की बैठकों में वितरित एजेंडे से संबंधित रिकॉर्ड कहां रखे हैं।
कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनीशिएटिव के वेंकटेश नायक ने मंत्रालय से विशेषज्ञ समूह के संबंध में कई जानकारियां मांगी थीं, जिनमें उसके गठन से लेकर कामकाज और बैठकों की तारीख, प्रत्येक बैठक में जारी विस्तृत एजेंडे की प्रति, इसके सदस्यों के समक्ष दी गई प्रस्तुति तथा विदेश मंत्रालय के साथ साझा किए गए दस्तावेजों की जानकारी शामिल है।
नायक ने विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष तथा प्रत्येक सदस्य को प्रत्येक बैठक के लिए दिए जाने वाले शुल्क तथा अन्य पारिश्रमिक या भत्तों की जानकारी मांगी थी। साथ ही उन्हें किए जा चुके इस प्रकार के भुगतान की जानकारी देने के लिए कहा था।
कोविड-19 टीका तैयार करने की रणनीति बनाने के लिए 7 अगस्त को नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल की अध्यक्षता में कोविड-19 के लिए टीका प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) का गठन किया गया था।
केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) ने इन बिंदुओं पर यह कहते हुए जानकारी प्रदान करने से इनकार कर दिया कि बैठक की विस्तृत जानकारी, एजेंडा और बैठक के दौरान वितरित सामग्री उस 'सूचना' के दायरे में नहीं आती है, जिसे सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत साझा किया सके।
सीपीआईओ ने कहा कि विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष तथा प्रत्येक सदस्य को दी जाने वाली प्रत्येक बैठक की फीस तथा अन्य पारिश्रमिक या भत्तों के बारे में जानकारी मंत्रालय के टीकाकरण अनुभाग के पास उपलब्ध नहीं है।
नायक ने सीपीआईओ के आदेश के खिलाफ मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष अपील दाखिल की। अधिकारी ने कहा कि सीपीआईओ के पास जानकारी नहीं है और यह भी नहीं पता कि जानकारी कहां हो सकती है।
यह आवेदन भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) तथा विदेश मंत्रालय (एमईए) को भी भेजा गया था। आईसीएमआर ने कहा कि उसके पास नायक द्वारा मांगी गई जानकारी नहीं है।
विदेश मंत्रालय ने कोविड-19 टीका विशेषज्ञ समूह द्वारा उससे साझा किए गए दस्तावेजों के बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए रिकॉर्ड उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया।
नायक ने कहा कि सीपीआईओ और प्रथम अपीलीय प्राधिकारी दोनों स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सेवाएं दे रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें यह पता नहीं होना कि विशेषज्ञ समूह से संबंधित कागजात कहां रखे हैं, समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि वह स्वास्थ्य मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय के इन कदमों और चूक' के खिलाफ केन्द्रीय सूचना आयोग का रुख करेंगे। (भाषा)