कोरोना वायरस जीनोमिक निगरानी के प्रयासों में तेजी

Webdunia
सोमवार, 6 दिसंबर 2021 (18:47 IST)
नई दिल्ली, देश के चार शहरों- बेंगलुरु, हैदराबाद, नई दिल्ली और पुणे में स्थित राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का संघ निरंतर कोरोना वायरस की जीनोमिक निगरानी कर रहा है, जिसने वायरस के अधिक से अधिक नमूनों को अनुक्रमित करने के अपने प्रयासों को बढ़ा दिया है।

सेंटर फॉर सेलुलर ऐंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी), हैदराबाद और नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (एनसीबीएस), बेंगलुरु के अलावा, कंसोर्शियम में सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स ऐंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी), नई दिल्ली; पुणे नॉलेज क्लस्टर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन ऐंड रिसर्च (आईआईएसईआर), पुणे; और सीएसआईआर-नेशनल केमिकल लेबोरेटरी (एनसीएल), पुणे शामिल हैं।

यह पहल भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्शियम (INSACOG) के नेतृत्व में किए जा रहे कोरोना वायरस की निगरानी से जुड़े राष्ट्रीय प्रयासों का हिस्सा है। उम्मीद की जा रही है कि इस तरह के प्रयास वायरस के चिंताजनक रूपों के प्रसार को रोकने से संबंधित त्वरित प्रतिक्रिया में सहायता करेंगे।

एनसीबीएस, जो चार शहर समूहों - बेंगलुरु, हैदराबाद, नई दिल्ली और पुणे में जीनोमिक निगरानी करने वाली राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के कंसोर्शियम का हिस्सा है, द्वारा हाल में बेंगलुरु में ओमिक्रॉन के पहले दो मामलों की पुष्टि की गई थी। द रॉकफेलर फाउंडेशन के महामारी निवारण संस्थान के समर्थन से चार महीने पहले कंसोर्शियम की स्थापना की गई थी, जिसका नेतृत्व सेंटर फॉर सेल्युलर ऐंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी), हैदराबाद कर रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा ओमिक्रॉन को कोरोना का चिंताजनक संस्करण घोषित करने के बाद कंसोर्शियम ने अपने अनुक्रमण प्रयासों को तेज कर दिया है। इस तरह के एक गहन प्रयास में ही INSACOG की सदस्य प्रयोगशाला एनसीबीएस को स्ट्रैंड लाइफ साइंसेज और बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) के सहयोग से दो कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों के नमूनों में कोरोना के ओमिक्रॉन संस्करण की पहचान, त्वरित अनुक्रमण, और संक्रमण की पुष्टि में सफलता मिली है।

नमूने प्राप्त करने के चार दिनों के भीतर एनसीबीएस द्वारा स्थानीय और राष्ट्रीय अधिकारियों जानकारी प्रदान की गई, और भारत सरकार द्वारा 02 दिसंबर, 2021 दोपहर को इस संबंध में एक बयान जारी किया गया। हाल ही में, सीसीएमबी के एक बयान में बताया गया है कि दोनों SARS-CoV-2 जीनोम; SARS-CoV-2 अनुक्रम, GISAID के वैश्विक भंडार में भी अपलोड किये गए हैं, ताकि वे वैज्ञानिक समुदाय के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हो सकें। (इंडिया साइंस वायर)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख