क्‍यों स्मोकिंग करने वालों के लिए खतरनाक है कोरोना, WHO ने बताई वजह?

Webdunia
रविवार, 30 मई 2021 (16:53 IST)
इस महामारी की दूसरी लहर और ऑक्सीजन की कमी से टूटती सांसों ने फेफड़ों की सेहत दुरुस्त रखने की जरूरत नए सिरे से बताई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो धूम्रपान करके अपने फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों में कोविड की गंभीरता और इससे मौत का जोखिम 50 फीसदी ज्यादा होता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस 28 मई को जारी एक विज्ञप्ति में कहते हैं कि धूम्रपान करने वालों में कोरोना की गंभीरता और इससे मौत होने का जोखिम 50 प्रतिशत तक ज्यादा होता है, इसलिए कोरोनावायरस के जोखिम को कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ देने में ही भलाई है। धूम्रपान की वजह से कैंसर, दिल की बीमारी और सांस की बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है।

इस संबंध में डाक्टर और विशेषज्ञ बताते हैं कि आज के दौर में जो लोग धूम्रपान करते हैं उन्हें कोविड महामारी को इस लत को छोड़ने के एक और कारण के रूप में देखना चाहिए। उन्हें कोविड की गंभीरता से जूझ रहे और फेफड़ों की क्षमता खो रहे मरीजों के बारे में जानकारी लेकर स्वस्थ फेफड़ों के महत्त्व को समझना चाहिए, और अपने फेफड़ों को इस धीमे ज़हर से बचाने का प्रण लेना चाहिए।

सीनियर कंसल्टेंट, हेड एंड नेक, ब्रेस्ट एंड थोरैसिक ऑन्को सर्जरी यूनिट, डॉक्टर राजेश जैन, के अनुसार कोविड या फेफड़ों से सम्बंधित किसी भी संक्रमण के सन्दर्भ में सबसे पहले यह समझें कि फेफड़े जितने स्वस्थ होंगे संक्रमित व्यक्ति की ठीक होने की क्षमता भी उतनी होगी। ऐसे में जाहिर है कि धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के फेफड़े तुलनामक रूप से कमज़ोर होंगे तो कोविड संक्रमण के बाद होने वाले गंभीर निमोनिया का अधिक जोखिम होगा।

अखिल भारतीय आयर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञ का कहना है कि कोई भी लत छोड़ने के लिए खुद को दिमागी तौर पर तैयार करना सबसे पहला कदम है। वह इस बुरी लत को छोड़ने के इच्छुक लोगों को कुछ छोटे छोटे उपाय बताती हैं, उनके अनुसार “एक समय में एक सिगरेट ही खरीदें, एक बार में पूरी सिगरेट पीने की बजाय आधी पीकर बाकी छोड़ देने की आदत डालें, इसे छोड़ने की कोई तारीख निश्चित कर लें या शुरू में सप्ताह में एक दिन न पीने का प्रण लें और धीरे धीरे एक से दो दिन और फिर दो से तीन दिन पर आएं। इन उपायों के अलावा निकोटिन च्यूइंग-गम चबाना भी तम्बाकू की तलब नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए कोविड-19 के अधिक घातक होने की बड़ी वजह यही है कि उनका शरीर वायरस के हमले का प्रतिरोध नहीं कर पाता और फेफड़े कमजोर होने के कारण उन्हें ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की जरूरत अन्य लोगों से ज्यादा होती है। संक्रमण से मुक्त होने के बाद धूम्रपान फेफड़ों की हीलिंग पॉवर यानी ठीक होने की शक्ति को कम कर सकता है, कोविड का नसों और मासंपेशियों पर होने वाला असर धूम्रपान के कारण और भी गंभीर हो सकता है क्योंकि तम्बाकू भी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। अगर तीन इंच की तंबाकू भरी सिगरेट इतनी नुकसानदेह है तो इससे तौबा करने का विश्व तंबाकू निषेध दिवस से बेहतर मौका शायद ही कोई और हो।

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