WHO ने कहा- Delta के खिलाफ किए गए उपाय Omicron में भी कारगर

Webdunia
शनिवार, 4 दिसंबर 2021 (00:31 IST)
मनीला। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि कोरोनावायरस (Coronavirus) के नए स्वरूप ओमिक्रॉन (Omicron) के सामने आने के बाद भी डेल्टा स्वरूप के खिलाफ अपनाए गए उपाय इस महामारी से जंग की बुनियाद बने रहने चाहिए। साथ ही, स्वीकार किया कि कुछ देशों द्वारा सीमा बंद करने के उपाय को अपनाया जाना तैयारी के लिए समय दे सकता है।

भारत सहित विश्व के करीब तीन दर्जन देशों में ओमिक्रॉन स्वरूप के मामले सामने आए हैं। वहीं दक्षिण अफ्रीका में इन देशों की तुलना में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और वहां नया स्वरूप प्रबल बन सकता है। हालांकि अब तक ओमिक्रॉन के बारे में बहुत कुछ अस्पष्ट है। जैसे कि क्या यह अधिक संक्रामक है, क्या यह लोगों को गंभीर रूप से बीमार करेगा या क्या यह टीके से मिलने वाली सुरक्षा को चकमा दे सकता है।

पश्चिमी प्रशांत के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. ताकेशी कसई ने शुक्रवार को फिलीपींस से कहा कि सीमा पर पाबंदी वायरस के अंदर आने में देरी कर सकती है और इससे तैयारी के लिए समय मिल सकता है, लेकिन हर देश और हर समुदाय को मामलों में नई वृद्धि के लिए तैयार रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इन सबमें अच्छी खबर यह है कि ओमिक्रॉन के बारे में हमारे पास कोई भी ऐसी सूचना नहीं है जो बताती है कि हमारी प्रतिक्रिया की दिशा बदलने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय आपात स्थिति निदेशक डॉ. बी. ओलोवोकुरे ने कहा कि इसका मतलब है कि टीकाकरण बढ़ाने पर जोर देना, सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन करना और मास्क पहनना सहित अन्य उपाय जारी रखना जरूरी हैं।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य प्रणाली को अवश्य सुनिश्चित करना चाहिए कि मरीज का उपयुक्त स्थान पर सही समय पर इलाज हो और जिन मरीजों को जरूरी है उनके लिए आईसीयू बिस्तर उपलब्ध रखा जाए।

कसई ने कहा कि उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) की संख्या के कारण ओमिक्रॉन को चिंता का एक स्वरूप नामित किया गया है और क्योंकि प्रारंभिक जानकारी से पता चलता है कि यह वायरस के अन्य स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है। उन्होंने कहा कि अधिक जांचों और अवलोकन की आवश्यकता है।

ओलोवोकुरे ने कहा कि अब तक पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के चार देशों और क्षेत्रों- ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग, जापान और दक्षिण कोरिया ने ओमिक्रॉन स्वरूप के मामलों की सूचना दी है। उन्होंने कहा कि देशों को अभी क्या करना चाहिए, इस लिहाज से पिछले कुछ वर्षों में हमारे अनुभव, विशेष रूप से डेल्टा स्वरूप के जवाब में, हमें एक मार्गदर्शन प्रदान करता है कि हमें क्या करने की आवश्यकता है, साथ ही साथ भविष्य में मामले बढ़ने से अधिक टिकाऊ तरीके से कैसे सामना करना है।

ओमिक्रॉन स्वरूप के उत्पन्न होने से बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों के लिए चिंता पैदा हो गई है, जो करीब दो महीने बाद है। आयोजन समिति के प्रवक्ता झाओ वेइदोंग ने शुक्रवार को कहा कि बीजिंग खेलों के दौरान वायरस के प्रसार के खतरे को कम करने के लिए कई उपाय अपना रहा है।(भाषा)

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