शुभमन गिल: क्या साबित होंगे भारत के लिए शुभ टेस्ट कप्तान?

WD Sports Desk
शनिवार, 24 मई 2025 (14:03 IST)
रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भारतीय क्रिकेट एक नए दौर में कदम रख रहा है। 20 जून 2025 से शुरू होने वाली इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की शृंखला के लिए 25 वर्षीय शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का सरदार नियुक्त किया गया है। यह युवा तुर्क, जो टी20 और वनडे में अपनी नेतृत्व कला का परचम लहरा चुका है, अब टेस्ट क्रिकेट की कठिन डगर पर भारत की नैया पार लगाने को तैयार है। मगर सवाल वही पुराना है—क्या गिल भारत के लिए एक 'शुभ' टेस्ट कप्तान साबित होंगे? आइए, इस सवाल को पुराने जमाने के क्रिकेट पंडित की नजर से परखें, उनके रिकॉर्ड, नेतृत्व की शैली और भारतीय टेस्ट कप्तानों की गौरवशाली परंपरा के आधार पर।
 
शुभमन गिल: युवा जोश का संगम
शुभमन गिल ने अपने छोटे से करियर में भारतीय क्रिकेट के मैदान पर एक अलग छाप छोड़ी है। आईपीएल 2025 में गुजरात टाइटंस को प्लेऑफ तक ले जाना और पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारत की कमान संभालना उनकी नेतृत्व क्षमता का सबूत है। 25 टेस्ट में 1492 रन, जिसमें चार शतक और छह अर्धशतक शामिल हैं, गिल की बल्लेबाजी की बुनियाद को दर्शाते हैं। मगर विदेशी पिचों पर उनका प्रदर्शन—ऑस्ट्रेलिया में 19 और इंग्लैंड में 14.66 का औसत—कई सवाल खड़े करता है।
 
गिल का शांत स्वभाव और खेल को पढ़ने की गहरी समझ उनकी ताकत है। मुख्य कोच गौतम गंभीर और पूर्व क्रिकेटर आशीष कपूर ने उनकी रणनीतिक सूझबूझ की तारीफ की है। कपूर ने कहा, "गिल में खेल की बारीकियां समझने का माद्दा है, और वह दबाव में भी अपनी ठंडी बुद्धि कायम रखता है।" लेकिन टेस्ट क्रिकेट का मैदान, खासकर इंग्लैंड की स्विंग और सीम भरी पिचें, उनकी बल्लेबाजी और कप्तानी दोनों की कठिन अग्निपरीक्षा लेंगी। गिल की युवा उम्र और दीर्घकालिक नेतृत्व की संभावना उन्हें बीसीसीआई की पसंद बनाती है, मगर क्या वह मंसूर अली खान पटौदी, सौरव गांगुली, एमएस धोनी और विराट कोहली जैसे दिग्गजों की विरासत को संभाल पाएंगे?
अन्य दावेदारों के बजाए क्यों चुना गया गिल?
गिल की नियुक्ति से पहले जसप्रीत बुमराह और केएल राहुल के नाम चर्चा में थे। बुमराह ने 2024 में पर्थ टेस्ट में भारत को यादगार जीत दिलाई थी, और उनकी रणनीतिक सूझबूझ को वसीम जाफर और संजय बांगड़ जैसे दिग्गजों ने सराहा। मगर उनकी बार-बार चोटें और तेज गेंदबाज के रूप में वर्कलोड की चिंता ने उन्हें पीछे धकेला। बांगड़ ने कहा, "बुमराह का दिमाग रणनीति में तेज है, लेकिन उनकी फिटनेस बीसीसीआई की पहली प्राथमिकता है।"
 
केएल राहुल, जिन्होंने 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारत का नेतृत्व किया, विदेशी पिचों पर अपने शानदार रिकॉर्ड (इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में शतक) के बावजूद अनदेखे रहे। उनकी 33 वर्ष की उम्र और हाल के वर्षों में असंगत फॉर्म ने गिल को प्राथमिकता दी। रविचंद्रन अश्विन ने रविंद्र जडेजा को एक 'वाइल्डकार्ड' विकल्प बताया, लेकिन जडेजा की सीमित कप्तानी अनुभव (सीएसके में असफल) ने उन्हें दौड़ से बाहर रखा।
 
विराट कोहली का 58.82% जीत का रिकॉर्ड भारतीय टेस्ट क्रिकेट का स्वर्णिम अध्याय है, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में दो बार (2018-19, 2020-21) ऐतिहासिक जीत दिलाई। सौरव गांगुली ने विदेशी जीतों की नींव रखी, तो एमएस धोनी ने भारत को टेस्ट रैंकिंग में शिखर पर पहुंचाया। रोहित शर्मा ने अपने छोटे कार्यकाल में 54.55% जीत के साथ विदेशी पिचों पर भारत का परचम लहराया। गिल को इस गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाने की चुनौती है।
 
गिल की सफलता के मंत्र : क्रिकेट पंडितों के अनुसार गिल की कप्तानी की सफलता निम्नलिखित कारकों पर टिकी होगी:
शुभमंगल की उम्मीद
शुभमन गिल की टेस्ट कप्तानी भारत के लिए एक साहसी और भविष्योन्मुखी कदम है। उनकी युवा उम्र, आक्रामक शैली और रणनीतिक समझ उन्हें एक आशाजनक सरदार बनाती है, मगर विदेशी पिचों पर उनकी बल्लेबाजी और टेस्ट क्रिकेट की जटिलताओं को संभालने की कला उनकी असली परीक्षा होगी। इंग्लैंड के खिलाफ शृंखला न केवल विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत होगी, बल्कि गिल के लिए अपनी नेतृत्व कला को मैदान पर साबित करने का सुनहरा मौका भी।
 
क्या गिल कोहली और रोहित की तरह भारत को टेस्ट क्रिकेट की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे? या उनकी अनुभवहीनता उन्हें पीछे खींचेगी? यह तो वक्त ही बताएगा। मगर इतना तय है कि भारतीय क्रिकेट के चाहने वालों की निगाहें इस युवा बल्लेबाज पर टिकी हैं, जो 'शुभ' शुरुआत की उम्मीद में क्रीज पर उतरेगा

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