World Cup : राशिद खान के दिल का दर्द बाहर आया, एक खराब प्रदर्शन पर लोग 10 अच्छे प्रदर्शन भूल जाते हैं

Webdunia
शुक्रवार, 21 जून 2019 (20:10 IST)
साउथैम्प्टन। अफगानिस्तान के स्टार स्पिनर राशिद खान ने इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप मैच में अब तक के सबसे खराब गेंदबाजी प्रदर्शन करने के बारे में कहा कि लोग 10 अच्छे दिन भूल जाते हैं और 1 बुरे दिन को आसानी से याद रखते हैं।
 
आलोचना की हद यह रही कि आइसलैंड क्रिकेट ने भी मजाकिया ट्वीट किया। आइसलैंड अभी क्रिकेट में नौसिखिया है। कई मैच विजेता प्रदर्शन करने के लिए प्रशंसा पाने वाले राशिद ने इंग्लैंड के खिलाफ 9 ओवरों में 110 रन दिए और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। यह दुनिया के शीर्ष स्पिनर के लिए नया अनुभव था।
 
राशिद ने भारत के खिलाफ मैच से पूर्व साक्षात्कार में कहा कि मैं इस मैच के बारे में बहुत अधिक नहीं सोच रहा हूं। लोग 10 अच्छे दिन भूल जाते हैं और एक बुरे दिन को आसानी से याद रखते हैं। उन्हें वह याद करना अच्छा नहीं लगता, जो राशिद ने पिछले 10 दिनों में किया था। राशिद अभी वनडे में विश्व में तीसरे नंबर के गेंदबाज जबकि टी-20 अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज हैं।
 
उन्होंने कहा कि मैं उस मैच में की गईं गलतियों पर ध्यान देकर आगामी मैचों में उनमें सुधार करने पर ध्यान दूंगा। आलोचना के बारे में सोचने का कोई फायदा नहीं। मुझे चीजों को आसान बनाए रखना होगा।
 
राशिद से पूछा गया कि क्या कप्तान गुलबदीन नायब के साथ उनके रिश्ते अच्छे नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने कप्तानी में बदलाव पर नाराजगी जताई थी? उन्होंने कहा कि मैं न तो गुलबदीन के लिए खेलता हूं और न ही क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) के लिए, मैं तो अफगानिस्तान के लिए खेलता हूं।
 
राशिद और अफगानिस्तान के एक अन्य सुपरस्टार मोहम्मद नबी ने विश्व कप के लिए अशगर अफगान की जगह गुलबदीन को कप्तान बनाए जाने पर आपत्ति जताई थी, जो कि देश के क्रिकेट बोर्ड को अच्छा नहीं लगा था।
 
अफगानिस्तान को लगातार 5 मैचों में हार का सामना करना पड़ा जिससे साजिश जैसी बातें भी सामने आने लगी हैं और इनमें राशिद का गुलबदीन के साथ कड़वे रिश्ते भी शामिल हैं। इससे इस स्पिनर के प्रदर्शन पर भी असर पड़ा है और उन्होंने विश्व कप में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया।
 
राशिद ने भारत के खिलाफ मैच की पूर्व संध्या पर कहा कि गुलबदीन के साथ मेरे रिश्ते खराब नहीं हैं। मैं उसे भी उतना ही सहयोग देता हूं, जैसे अशगर के कप्तान रहते हुए उसे देता था। अगर मैं अशगर को मैदान पर 50 प्रतिशत सहयोग देता था तो गुलबदीन के साथ मेरा 100 प्रतिशत सहयोग है।
 
उन्होंने कहा कि इंग्लैंड पहुंचने के बाद किसी ने भी इस मसले पर बात नहीं की। मुझे लगता है कि मीडिया में इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। हमारे कुछ खिलाड़ी पिछले 15-16 साल से साथ में खेल रहे हैं इसलिए अगर 1 दशक से भी अधिक समय कुछ नहीं बदला तो फिर एक या दो दिन में क्या बदल सकता है?
 
लेकिन जब राशिद से कप्तानी में बदलाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं न तो गुलबदीन के लिए खेलता हूं और न ही क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) के लिए, मैं अपने ध्वज और अफगानिस्तान के लिए खेलता हूं। मैं अपनी भूमिका जानता हूं और मैं अपना काम आगे भी करता रहूंगा। मेरा और नबी का ट्वीट अशगर के समर्थन में नहीं था। हमने अफगानिस्तान क्रिकेट की बेहतरी के लिए आवाज उठाई थी। 

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