31 अगस्त को घुमंतू जातियों का विमुक्ति दिवस, जानिए इतिहास

Webdunia
सोमवार, 30 अगस्त 2021 (11:00 IST)
प्रति वर्ष 31 अगस्त को भारत में विमुक्ति दिवस मनाया जाता है। यह दिवस घुमंतू जातियों या घुमक्कड़ जातियों के बराबरी का दर्जा दिलाने और सामाजिक न्याय के लिए मनाया जाता है। आओ जानते हैं कि क्यों मनाया जाता है यह दिवस और कौन है घुमंतू।
 
 
1. अंग्रेजी सरकार ने 1871 में घुमन्तू जातियों के 193 कबीलों पर जन्मजात अपराधी कानून लगाया था। अंग्रेजों ने उक्त वक्त इन घुमंतू जातियों के लोगों को एक खास अधिनियम के तहत 180 साल तक उनके घरों में ही कैद कर दिया था। 
 
2. 1857 के विद्रोह में इन सभी जातियों ने भाग लिया था जिससे घबराकर यह कानून बनाया गया था। ये ऐसी जातियां थीं जो लगातार घुमती ही रहती थीं परंतु 193 के अलावा भी कई जातियां थीं जो अंग्रेजों की सूची में नहीं थी।
 
3. इसके बाद पुलिस में भर्ती होने वाले रंगरूटों को इनके बारे में पढ़ाया जाने लगा। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बताया जाता था कि ये जनजातियां पारंपरिक तौर से अपराध करती आई हैं।
 
4. इस कानून के चलते देशभर में लगभग 50 ऐसी बस्तियां भी बनाई गईं जिनमें इन जनजातियों को जेल की तरह कैद कर दिया गया और यहां 24 घंटे पुलीस का पहरा लगा दिया गया। एक चौकी पर इसी को प्रतिदिन सभी को अपनी उपस्थिति दर्ज करानी पड़ती थी। कानपुर में 159 एकड़ में ये बस्तियां बसाई थी।
 
5. भारत की स्वतंत्रता के बाद यह कानून 31 अगस्त 1951 को हटाया गया था और उक्त सभी जातियों को घुमने का अधिकार मिला। तभी से इसे सभी घुमंतू जातियां विमुक्ति दिवस के रूप में हर वर्ष मनाती हैं। 
 
 
6. देश में करीब 666 जातियां विमुक्त या घुमक्कड़ जातियों की श्रेणी में हैं। इन्हें पिछड़ी जातियों के साथ आरक्षण मिला हुआ है।
 
7. भारत में घुमंतू जातियां वे मानी जाती है जो कभी भी एक स्थान पर नहीं रहती है। बंजारा, पारथी, सांसी, बावरिया आदि जाती को घुमूंत माना जाता है।
 
8. विमुक्त जातियों को 27 प्रतिशत आरक्षण अन्य जातियों के साथ देने की अपेक्षा पृथक से 7 प्रतिशत आरक्षण मिलने की मांग के चलते हाल ही में इस पर सरकार ने कार्य किया गया है।
 
9. उल्लेखनीय है कि आरक्षण के चलते ऐसी कई जातियां हैं जो घुमंतू नहीं है वे भी खुद को घुमंतू घोषित करने में लगी हुई हैं और यह भी देखा गया है कि कई वनवासी या आदिवासी समाज को भी घुमंतू की श्रेणी में रखा गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

अभिजीत गंगोपाध्याय के राजनीति में उतरने पर क्यों छिड़ी बहस

दुनिया में हर आठवां इंसान मोटापे की चपेट में

कुशल कामगारों के लिए जर्मनी आना हुआ और आसान

पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी परमाणु युद्ध की चेतावनी

जब सर्वशक्तिमान स्टालिन तिल-तिल कर मरा

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

अगला लेख